सीतामढ़ी: जिले में इस साल आई भीषण बाढ़ ने सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत को बुरी तरह प्रभावित किया. लोगों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गए, जानमाल की क्षति हुई, सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई. आरोप है कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिली. इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों सहित कतर और दुबई तक से लोगों ने आर्थिक मदद पहुंचाई.
सिंहवाहिनी पंचायत को नहीं मिली पर्याप्त मदद
बता दें कि, 13 जुलाई को जिले में भीषण बाढ़ आई थी. इस कारण जिले के 17 प्रखंडों के लगभग 24 लाख की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो गई थी. प्रभावित प्रखंडों में तत्कालीन डीएम डॉ रंजीत कुमार की ओर से बाढ़ राहत सामग्री और अन्य सहायता मुहैया कराई गई, लेकिन सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाई.
देश-विदेश के लोगों ने की मदद
इसके बाद पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल ने अपने निजी संपर्क के जरिए कतर, दुबई, गुजरात, पटना और बक्सर से करीब 50 लाख की राहत सामग्री जनता को मुहैया कराई. मुखिया ने बताया कि बड़े व्यवसायी से लेकर छोटे रिक्शा चालक तक ने आपदा की घड़ी में अपने आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार सिंहवाहिनी पंचायत की जनता की मदद की.
बुरी तरह प्रभावित हुआ था सिंहवाहिनी पंचायत
मुखिया रितु जायसवाल ने बताया कि बाढ़ में इस पंचायत के 7 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके थे. सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी. सड़कें, पुल, कच्चे मकान ध्वस्त हो गए थे. जानमाल की भारी क्षति हुई थी. बावजूद इसके, जिला प्रशासन की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत को सिर्फ पॉलिथीन सीट और बाढ़ पीड़ितों के लिए 6000 रुपये प्रति व्यक्ति राहत राशि मुहैया कराई गई.