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जिला प्रशासन से नहीं मिली पर्याप्त मदद, देश-विदेश से लोगों ने बढ़ाया हाथ : रितु जायसवाल - बाढ़ राहत

सीतामढ़ी के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत के लिए पर्याप्त सहायता नहीं दी गई. इसके बाद उन्होंने अपने निजी संपर्क के जरिए देश-विदेश से करीब 50 लाख की राहत सामग्री जनता को मुहैया कराई.

मुखिया
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Published : Nov 16, 2019, 7:17 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 11:52 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में इस साल आई भीषण बाढ़ ने सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत को बुरी तरह प्रभावित किया. लोगों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गए, जानमाल की क्षति हुई, सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई. आरोप है कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिली. इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों सहित कतर और दुबई तक से लोगों ने आर्थिक मदद पहुंचाई.

सिंहवाहिनी पंचायत को नहीं मिली पर्याप्त मदद
बता दें कि, 13 जुलाई को जिले में भीषण बाढ़ आई थी. इस कारण जिले के 17 प्रखंडों के लगभग 24 लाख की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो गई थी. प्रभावित प्रखंडों में तत्कालीन डीएम डॉ रंजीत कुमार की ओर से बाढ़ राहत सामग्री और अन्य सहायता मुहैया कराई गई, लेकिन सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाई.

sitamarhi
रितु जायसवाल, मुखिया, सिंहवाहिनी पंचायत

देश-विदेश के लोगों ने की मदद
इसके बाद पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल ने अपने निजी संपर्क के जरिए कतर, दुबई, गुजरात, पटना और बक्सर से करीब 50 लाख की राहत सामग्री जनता को मुहैया कराई. मुखिया ने बताया कि बड़े व्यवसायी से लेकर छोटे रिक्शा चालक तक ने आपदा की घड़ी में अपने आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार सिंहवाहिनी पंचायत की जनता की मदद की.

पेश है रिपोर्ट

बुरी तरह प्रभावित हुआ था सिंहवाहिनी पंचायत
मुखिया रितु जायसवाल ने बताया कि बाढ़ में इस पंचायत के 7 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके थे. सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी. सड़कें, पुल, कच्चे मकान ध्वस्त हो गए थे. जानमाल की भारी क्षति हुई थी. बावजूद इसके, जिला प्रशासन की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत को सिर्फ पॉलिथीन सीट और बाढ़ पीड़ितों के लिए 6000 रुपये प्रति व्यक्ति राहत राशि मुहैया कराई गई.

सीतामढ़ी: जिले में इस साल आई भीषण बाढ़ ने सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत को बुरी तरह प्रभावित किया. लोगों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गए, जानमाल की क्षति हुई, सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई. आरोप है कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिली. इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों सहित कतर और दुबई तक से लोगों ने आर्थिक मदद पहुंचाई.

सिंहवाहिनी पंचायत को नहीं मिली पर्याप्त मदद
बता दें कि, 13 जुलाई को जिले में भीषण बाढ़ आई थी. इस कारण जिले के 17 प्रखंडों के लगभग 24 लाख की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो गई थी. प्रभावित प्रखंडों में तत्कालीन डीएम डॉ रंजीत कुमार की ओर से बाढ़ राहत सामग्री और अन्य सहायता मुहैया कराई गई, लेकिन सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की जनता को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाई.

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रितु जायसवाल, मुखिया, सिंहवाहिनी पंचायत

देश-विदेश के लोगों ने की मदद
इसके बाद पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल ने अपने निजी संपर्क के जरिए कतर, दुबई, गुजरात, पटना और बक्सर से करीब 50 लाख की राहत सामग्री जनता को मुहैया कराई. मुखिया ने बताया कि बड़े व्यवसायी से लेकर छोटे रिक्शा चालक तक ने आपदा की घड़ी में अपने आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार सिंहवाहिनी पंचायत की जनता की मदद की.

पेश है रिपोर्ट

बुरी तरह प्रभावित हुआ था सिंहवाहिनी पंचायत
मुखिया रितु जायसवाल ने बताया कि बाढ़ में इस पंचायत के 7 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके थे. सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी. सड़कें, पुल, कच्चे मकान ध्वस्त हो गए थे. जानमाल की भारी क्षति हुई थी. बावजूद इसके, जिला प्रशासन की ओर से सिंहवाहिनी पंचायत को सिर्फ पॉलिथीन सीट और बाढ़ पीड़ितों के लिए 6000 रुपये प्रति व्यक्ति राहत राशि मुहैया कराई गई.

Intro:बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन ने किया पंचायत के साथ भेदभाव कतर और दुबई से बाढ़ राहत सामग्री मिलने पर जनता को मिली राहत। Body: 13 जुलाई को जिले में भीषण बाढ़ आई थी और इस कारण जिले की 17 प्रखंडों के करीब 24 लाख की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो गई थी। प्रभावित प्रखंडों में तत्कालीन डीएम डॉ रंजीत कुमार की ओर से बाढ़ राहत सामग्री और अन्य सहायता मुहैया कराई गई। लेकिन मुखिया से आपसी विवाद के कारण सोनबरसा प्रखंड के सिंह वाहिनी पंचायत की जनता को वह लाभ नहीं मिल पाया जो अन्य पंचायत की जनता को मिला। महिला मुखिया ऋतु जसवाल का बताना है कि उन्होंने अपनी पहुंच और संपर्क के बदौलत कतर, दुबई, गुजरात, बक्सर और पटना से करीब ₹50 लाख की राहत सामग्री मंगवा कर जनता को मुहैया करवाई तब जाकर इस विभीषिका से उबरा जा सका। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से केवल पॉलिथीन सीट और पीड़ित लोगों को बाढ़ राहत की राशि ₹6000 प्रति व्यक्ति को दिया गया। लेकिन जिस प्रकार अन्य प्रखंडों में जिला प्रशासन की ओर से जो सहायता दी गई वह सहायता मेरे पंचायत की जनता को नहीं दी गई जबकि बाढ़ में सबसे पहले इस पंचायत का 7 गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया था। सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी। सड़कें और पुल पुलिया ध्वस्त हो गया था। कच्चे मकान ध्वस्त हुए थे। जानमाल की भारी क्षति हुई थी इसके बावजूद जिला प्रशासन ने भेदभाव करते हुए इस पंचायत के साथ सौतेला व्यवहार किया। महिला मुखिया का बताना है कि बड़े बड़े व्यवसाई से लेकर रिक्शा चालक ने आपदा की घड़ी में अपने आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार सिंह वाहिनी पंचायत की जनता को मदद की इसके बाद ही उस आपदा से उबरा जा सका।
बाइट 1. रितु जायसवाल। महिला मुखिया सिंह वाहिनी पंचायत।
पी टू सी 2.
विजुअल 3.4.5.6.7.8Conclusion:पी टू सी :_राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
Last Updated : Nov 16, 2019, 11:52 PM IST
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