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सीतामढ़ी: बाढ़ को लेकर प्रशासन की मुस्तैदी, राहत राशि के लिए लाभुकों की सूची हो रही तैयार

अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि देने के लिए सूची बनाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने के दौरान जल्द से जल्द उनके खाते में राशि भेजी जा सके.

सीतामढ़ी
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Published : Jun 30, 2020, 5:35 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 7:27 PM IST

सीतामढ़ी: लगभग हर साल बिहार के लोगों को बाढ़ से दो-चार होना पड़ता है. सीतामढ़ी में भी पिछले 2 सप्ताह के लगातार हो रही बारिश के कारण जिले की सभी नदियां उफान पर हैं. संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. बाढ़ पीड़ितों राहत राशि मिलने में विलंब ना हो इसलिए अभी से ही लाभुकों की सूची बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है.

'डीएम के आदेश पर तैयार की जा रही सूची'
इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने जब लाभुकों की सूची तैयार कर रहे वार्ड सदस्य पति अर्जुन मंडल से बात की तो उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश पर लाभुकों की सूची बनाई जा रही है. पिछले साल बाढ़ राहत राशि लेने वाले लोगों की सूची की मदद ली जा रही है. बीते साल कई लोग राशि लेने से वंचित रह गए थे. ऐसे लोगों के पास बैंक खाता नही था. राहत लाभ लेने से वंचित लोगों की भी सूची तैयार की जा रही है. डीएम ने इस कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'युद्धस्तर पर किया जा रहा कार्य'
अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि देने के लिए सूची बनाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने के दौरान जल्द से जल्द उनके खाते में राशि भेजी जा सके. पिछले साल सैकड़ों बाढ़ पीड़ित सरकारी राशि लेने से वंचित हो गए थे.

सूची में जो गड़बड़ी थी, उसमें सुधार करने का काम भी किया जा रहा है. कई लोगों के पास बैंक खाता ही नहीं था. वहीं सैकड़ों लाभुकों के खाता नंबर और आईएफएससी कोड में गड़बड़ी होने के उनके खाते में राशि नही भेजी जा सकी थी. संभावित बाढ़ को देखते हुए अभी से ही लाभुकों की सूची बनाई जा रही है. ताकि समय आने पर बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता राशि दी जा सके.

हर साल बिहार में बाढ़
गौरतलब है कि बिहार के लोगों को लगभग हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. बीते साल भी बाढ़ ने सीतामढ़ी के अलावे कई जिले में भीषण तबाही मचायी थी. कोसी क्षेत्र में तटबंधों से सटे कुछ इलाके में तो हर साल बाढ़ आती है. लाखों के जान-माल का नुकसान होता है. ऐसा लगता है मानो बाढ़ बिहार के लोगों की नियति बन चुकी हो. हालांकि, सरकार हर साल बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए हर संभव कार्यक्रम चलाती है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सामुदायिक किचन और राहत राशि भी उनके बैंक खाते में भेजी जाती है. पिछले साल की गलतियों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने इस बार समय रहते तैयारियां शुरू कर दी है.

सीतामढ़ी: लगभग हर साल बिहार के लोगों को बाढ़ से दो-चार होना पड़ता है. सीतामढ़ी में भी पिछले 2 सप्ताह के लगातार हो रही बारिश के कारण जिले की सभी नदियां उफान पर हैं. संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. बाढ़ पीड़ितों राहत राशि मिलने में विलंब ना हो इसलिए अभी से ही लाभुकों की सूची बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है.

'डीएम के आदेश पर तैयार की जा रही सूची'
इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने जब लाभुकों की सूची तैयार कर रहे वार्ड सदस्य पति अर्जुन मंडल से बात की तो उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश पर लाभुकों की सूची बनाई जा रही है. पिछले साल बाढ़ राहत राशि लेने वाले लोगों की सूची की मदद ली जा रही है. बीते साल कई लोग राशि लेने से वंचित रह गए थे. ऐसे लोगों के पास बैंक खाता नही था. राहत लाभ लेने से वंचित लोगों की भी सूची तैयार की जा रही है. डीएम ने इस कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'युद्धस्तर पर किया जा रहा कार्य'
अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि देने के लिए सूची बनाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने के दौरान जल्द से जल्द उनके खाते में राशि भेजी जा सके. पिछले साल सैकड़ों बाढ़ पीड़ित सरकारी राशि लेने से वंचित हो गए थे.

सूची में जो गड़बड़ी थी, उसमें सुधार करने का काम भी किया जा रहा है. कई लोगों के पास बैंक खाता ही नहीं था. वहीं सैकड़ों लाभुकों के खाता नंबर और आईएफएससी कोड में गड़बड़ी होने के उनके खाते में राशि नही भेजी जा सकी थी. संभावित बाढ़ को देखते हुए अभी से ही लाभुकों की सूची बनाई जा रही है. ताकि समय आने पर बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता राशि दी जा सके.

हर साल बिहार में बाढ़
गौरतलब है कि बिहार के लोगों को लगभग हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. बीते साल भी बाढ़ ने सीतामढ़ी के अलावे कई जिले में भीषण तबाही मचायी थी. कोसी क्षेत्र में तटबंधों से सटे कुछ इलाके में तो हर साल बाढ़ आती है. लाखों के जान-माल का नुकसान होता है. ऐसा लगता है मानो बाढ़ बिहार के लोगों की नियति बन चुकी हो. हालांकि, सरकार हर साल बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए हर संभव कार्यक्रम चलाती है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सामुदायिक किचन और राहत राशि भी उनके बैंक खाते में भेजी जाती है. पिछले साल की गलतियों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने इस बार समय रहते तैयारियां शुरू कर दी है.

Last Updated : Jun 30, 2020, 7:27 PM IST
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