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CM साहब देखिए विकास का हाल! बीमार को अस्पताल ले जाने के लिए खटिया और नाव है एकमात्र सहारा - Barauni Village

सीतामढ़ी के बरौनी गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसका नाव ही एकमात्र सहारा है. सालों से ग्रामीण पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक इनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया. रून्नी सैदपुर में एक बीमार बुजुर्ग को अस्पताल तक ले जाने के लिए परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

flood in sitamarhi
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Published : Jul 8, 2021, 6:21 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जहां बाढ़ की स्थिति (Flood In Bihar) उत्पन्न हो गई है वहीं जिले को जोड़ने वाले कई मार्गों पर बारिश के कारण बाढ़ का पानी (Flood In Sitamarhi) बह रहा है. सैदपुर प्रखंड के खड़का पंचायत के बरौनी गांव (Barauni Village) से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई है. बीमार बुजुर्ग को अस्पताल तक ले जाने के लिए उसे खाट पर लेकर परिजन नाव के सहारे चल पड़े और घंटों एंबुलेंस की बाट जोहते रहे.

यह भी पढ़ें- ये तस्वीर रूला देगी: हर तरफ पानी ही पानी... कंधे पर दो बच्चों को लाद 8 KM तक पैदल चलते रहे मां-बाप

बरौनी गांव के बलदेव महतो की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन उन्हें चारपाई पर लेकर नाव के सहारे सैदपुर पहुंचे. कुछ दूर पैदल चलने के बाद हाइवे पहुंचकर ऑटो से सैदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. गौरतलब है कि बागमती तटबंध के भीतर बसे गांव के लोगों की हर वर्ष यही कहानी रहती है. लेकिन प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति ही किया जाता है.

देखें वीडियो

'मेरे पिताजी की तबीयत अचानक खराब हो गई. कोई सुविधा ना होने के कारण और पानी नदी में बहुत बढ़ जाने के कारण हमलोगों को अस्पताल जाने में काफी परेशानी हो रही है. गांव तीन किलोमीटर अंदर है जहां कोई एंबुलेंस नहीं जा सकता है और ना ही कोई यातायात की सुविधा है. ज्यादा तबीयत बिगड़ने के कारण पिताजी को खटिया में लेकर आए हैं.'- श्याम महतो, मरीज का बेटा

वहीं नाव से लाने के दौरान स्थानीय मुखिया ने बताया कि वर्षों से हालात ऐसे ही बने हुए हैं. लगातार पुल की मांग ग्रामीण करते रहे हैं. लेकिन अबतक किसी ने इनकी सुध नहीं ली है. यहां तक कि जब एंबुलेंस को कॉल किया गया फोन स्विच ऑफ था. बरसात के बाद स्थानीय लोगों की मदद से सड़क का निर्माण कर आवागमन चालू किया जाता है.

'दादाजी की तबीयत कल रात से खराब है. दवाई की भी व्यवस्था नहीं है. मेरा गांव बरौनी है बांध से तीन किलोमीटर अंदर है. अभी बाढ़ भी आ चुका है जिसके कारण और परेशानी हो रही है. खटिया में बाबा को लेकर नाव के सहारे बांध तक तो आ गए लेकिन एंबुलेंस भी नहीं मिल रहा फोन करने पर नंबर स्विच ऑफ बता रहा है.'- मदन महतो, मरीज का पोता

परिजन किसी तरह बीमार बुजुर्ग को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वहां मौजूद चिकित्सक राजेश कुमार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार करते कहा कि चिकित्सा पदाधिकारी ही जानकारी देंगे. वहीं चिकित्सा पदाधिकारी अस्पताल से नदारद थे. बताया जा रहा है कि मरीज की बिगड़ी हालत के कारण उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया.

उत्तरी बिहार और नेपाल (Rain In Bihar And Nepal) में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश की अधिकांश नदियां उफान पर है. प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इन सबके बीचे बरौनी गांव के लोगों को हर साल इसी तरह की समस्या से दो चार होना पड़ता है. सालों से पुल निर्माण की इनकी मांग आज तक लंबित है.

सीतामढ़ी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जहां बाढ़ की स्थिति (Flood In Bihar) उत्पन्न हो गई है वहीं जिले को जोड़ने वाले कई मार्गों पर बारिश के कारण बाढ़ का पानी (Flood In Sitamarhi) बह रहा है. सैदपुर प्रखंड के खड़का पंचायत के बरौनी गांव (Barauni Village) से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई है. बीमार बुजुर्ग को अस्पताल तक ले जाने के लिए उसे खाट पर लेकर परिजन नाव के सहारे चल पड़े और घंटों एंबुलेंस की बाट जोहते रहे.

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बरौनी गांव के बलदेव महतो की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन उन्हें चारपाई पर लेकर नाव के सहारे सैदपुर पहुंचे. कुछ दूर पैदल चलने के बाद हाइवे पहुंचकर ऑटो से सैदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. गौरतलब है कि बागमती तटबंध के भीतर बसे गांव के लोगों की हर वर्ष यही कहानी रहती है. लेकिन प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति ही किया जाता है.

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'मेरे पिताजी की तबीयत अचानक खराब हो गई. कोई सुविधा ना होने के कारण और पानी नदी में बहुत बढ़ जाने के कारण हमलोगों को अस्पताल जाने में काफी परेशानी हो रही है. गांव तीन किलोमीटर अंदर है जहां कोई एंबुलेंस नहीं जा सकता है और ना ही कोई यातायात की सुविधा है. ज्यादा तबीयत बिगड़ने के कारण पिताजी को खटिया में लेकर आए हैं.'- श्याम महतो, मरीज का बेटा

वहीं नाव से लाने के दौरान स्थानीय मुखिया ने बताया कि वर्षों से हालात ऐसे ही बने हुए हैं. लगातार पुल की मांग ग्रामीण करते रहे हैं. लेकिन अबतक किसी ने इनकी सुध नहीं ली है. यहां तक कि जब एंबुलेंस को कॉल किया गया फोन स्विच ऑफ था. बरसात के बाद स्थानीय लोगों की मदद से सड़क का निर्माण कर आवागमन चालू किया जाता है.

'दादाजी की तबीयत कल रात से खराब है. दवाई की भी व्यवस्था नहीं है. मेरा गांव बरौनी है बांध से तीन किलोमीटर अंदर है. अभी बाढ़ भी आ चुका है जिसके कारण और परेशानी हो रही है. खटिया में बाबा को लेकर नाव के सहारे बांध तक तो आ गए लेकिन एंबुलेंस भी नहीं मिल रहा फोन करने पर नंबर स्विच ऑफ बता रहा है.'- मदन महतो, मरीज का पोता

परिजन किसी तरह बीमार बुजुर्ग को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वहां मौजूद चिकित्सक राजेश कुमार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार करते कहा कि चिकित्सा पदाधिकारी ही जानकारी देंगे. वहीं चिकित्सा पदाधिकारी अस्पताल से नदारद थे. बताया जा रहा है कि मरीज की बिगड़ी हालत के कारण उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया.

उत्तरी बिहार और नेपाल (Rain In Bihar And Nepal) में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश की अधिकांश नदियां उफान पर है. प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इन सबके बीचे बरौनी गांव के लोगों को हर साल इसी तरह की समस्या से दो चार होना पड़ता है. सालों से पुल निर्माण की इनकी मांग आज तक लंबित है.

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