सीतामढ़ी: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों पदाधिकारियों की कमी के कारण बेहद खराब हो गई है. यह विभाग सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण खुद इतना बीमार हो चुका है कि इसे ही इलाज की जरूरत है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसकी वजह से इस कुव्यवस्था का सीधा असर मरीजों की चिकित्सा सेवा पर पड़ रहा है. मरीजों के साथ-साथ विभागीय काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.
एक महीने से खाली है सिविल सर्जन का पद
कर्मियों का वेतन भुगतान हो या किसी प्रकार का वित्तीय कार्य, सब पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है. क्योंकि जिले में एक महीने से सिविल सर्जन का पद रिक्त है. वहीं एसीएमओ का पद करीब 10 महीने से खाली पड़ा हुआ है. इसके साथ ही अधीक्षक, डीआईओ उपाधीक्षक के पद भी खाली हैं. सिर्फ उपाधीक्षक के पद पर डॉ शकील अंजुम को प्रभारी उपअधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है.
मनमाने तरीके से ड्यूटी करते हैं कर्मी
8 नवंबर को रुनीसैदपुर के डाटा एंट्री ऑपरेटर केशव कुमार से पोस्टिंग के नाम पर 50000 रुपये लेते सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ गए थे. तब से अब तक यह पद रिक्त पड़ा हुआ है. जिसका सीधा असर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर हो रहा है. दवा खरीद, ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ ही प्रशासनिक कार्य भी पूरी तरीके से बाधित है.
इसके अलावा एलॉटमेंट रहते हुए कर्मी वेतन से वंचित हैं. साथ ही स्वास्थ्य कर्मी मनमाने तरीके से अपनी ड्यूटी करते हैं. जिसकी वजह से आम लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवा समुचित रूप से नहीं मिल पा रही है.
3 दिन से काट रहे अस्पताल का चक्कर
इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि वह अपनी बहू का इलाज कराने के लिए 3 दिनों से सदर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन कुव्यवस्था होने के कारण मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं सीतामढ़ी के समाजसेवी मुन्ना वर्मा ने बताया कि रिक्त पद होने के कारण जिले के मरीजों को भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कई गंभीर मरीजों को वह संस्था की ओर से आर्थिक मदद कर उन्हें इलाज के लिए दूसरे जगह पर ले जाते हैं. तब जाकर उनकी जान बचाई जाती है.
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लोगों को हो रही परेशानी
इस मामले में जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि पदाधिकारियों का रिक्त पद इस जिले के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है. रिक्त पद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल चरमरा गई है. लेकिन इस ओर डीएम का ध्यान नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस रिक्त पद को जल्द भरना होगा. अन्यथा यह स्वास्थ्य सेवा आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा.