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सीतामढ़ी: स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से है पदाधिकारियों की कमी, लोगों को हो रही परेशानी - स्वास्थ्य विभाग में पदाधिकारियों की कमी

इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि वह अपनी बहू का इलाज कराने के लिए 3 दिनों से सदर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन कुव्यवस्था के कारण मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है.

shortage of officials in Health Department in sitamarhi
सीतामढ़ी में स्वास्थ्य विभाग में पदाधिकारियों की कमी
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Published : Dec 2, 2019, 7:38 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 6:09 PM IST

सीतामढ़ी: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों पदाधिकारियों की कमी के कारण बेहद खराब हो गई है. यह विभाग सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण खुद इतना बीमार हो चुका है कि इसे ही इलाज की जरूरत है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसकी वजह से इस कुव्यवस्था का सीधा असर मरीजों की चिकित्सा सेवा पर पड़ रहा है. मरीजों के साथ-साथ विभागीय काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.

एक महीने से खाली है सिविल सर्जन का पद
कर्मियों का वेतन भुगतान हो या किसी प्रकार का वित्तीय कार्य, सब पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है. क्योंकि जिले में एक महीने से सिविल सर्जन का पद रिक्त है. वहीं एसीएमओ का पद करीब 10 महीने से खाली पड़ा हुआ है. इसके साथ ही अधीक्षक, डीआईओ उपाधीक्षक के पद भी खाली हैं. सिर्फ उपाधीक्षक के पद पर डॉ शकील अंजुम को प्रभारी उपअधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है.

पेश है रिपोर्ट


मनमाने तरीके से ड्यूटी करते हैं कर्मी
8 नवंबर को रुनीसैदपुर के डाटा एंट्री ऑपरेटर केशव कुमार से पोस्टिंग के नाम पर 50000 रुपये लेते सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ गए थे. तब से अब तक यह पद रिक्त पड़ा हुआ है. जिसका सीधा असर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर हो रहा है. दवा खरीद, ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ ही प्रशासनिक कार्य भी पूरी तरीके से बाधित है.

इसके अलावा एलॉटमेंट रहते हुए कर्मी वेतन से वंचित हैं. साथ ही स्वास्थ्य कर्मी मनमाने तरीके से अपनी ड्यूटी करते हैं. जिसकी वजह से आम लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवा समुचित रूप से नहीं मिल पा रही है.

3 दिन से काट रहे अस्पताल का चक्कर
इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि वह अपनी बहू का इलाज कराने के लिए 3 दिनों से सदर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन कुव्यवस्था होने के कारण मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं सीतामढ़ी के समाजसेवी मुन्ना वर्मा ने बताया कि रिक्त पद होने के कारण जिले के मरीजों को भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कई गंभीर मरीजों को वह संस्था की ओर से आर्थिक मदद कर उन्हें इलाज के लिए दूसरे जगह पर ले जाते हैं. तब जाकर उनकी जान बचाई जाती है.

ये भी पढ़ें: पटना: दिनदहाड़े व्यवसायी की हत्या के बाद दहशत में लोग, पुलिस-प्रशासन से लोग नाराज


लोगों को हो रही परेशानी
इस मामले में जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि पदाधिकारियों का रिक्त पद इस जिले के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है. रिक्त पद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल चरमरा गई है. लेकिन इस ओर डीएम का ध्यान नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस रिक्त पद को जल्द भरना होगा. अन्यथा यह स्वास्थ्य सेवा आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा.

सीतामढ़ी: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों पदाधिकारियों की कमी के कारण बेहद खराब हो गई है. यह विभाग सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण खुद इतना बीमार हो चुका है कि इसे ही इलाज की जरूरत है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसकी वजह से इस कुव्यवस्था का सीधा असर मरीजों की चिकित्सा सेवा पर पड़ रहा है. मरीजों के साथ-साथ विभागीय काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.

एक महीने से खाली है सिविल सर्जन का पद
कर्मियों का वेतन भुगतान हो या किसी प्रकार का वित्तीय कार्य, सब पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है. क्योंकि जिले में एक महीने से सिविल सर्जन का पद रिक्त है. वहीं एसीएमओ का पद करीब 10 महीने से खाली पड़ा हुआ है. इसके साथ ही अधीक्षक, डीआईओ उपाधीक्षक के पद भी खाली हैं. सिर्फ उपाधीक्षक के पद पर डॉ शकील अंजुम को प्रभारी उपअधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है.

पेश है रिपोर्ट


मनमाने तरीके से ड्यूटी करते हैं कर्मी
8 नवंबर को रुनीसैदपुर के डाटा एंट्री ऑपरेटर केशव कुमार से पोस्टिंग के नाम पर 50000 रुपये लेते सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ गए थे. तब से अब तक यह पद रिक्त पड़ा हुआ है. जिसका सीधा असर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर हो रहा है. दवा खरीद, ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ ही प्रशासनिक कार्य भी पूरी तरीके से बाधित है.

इसके अलावा एलॉटमेंट रहते हुए कर्मी वेतन से वंचित हैं. साथ ही स्वास्थ्य कर्मी मनमाने तरीके से अपनी ड्यूटी करते हैं. जिसकी वजह से आम लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवा समुचित रूप से नहीं मिल पा रही है.

3 दिन से काट रहे अस्पताल का चक्कर
इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि वह अपनी बहू का इलाज कराने के लिए 3 दिनों से सदर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन कुव्यवस्था होने के कारण मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं सीतामढ़ी के समाजसेवी मुन्ना वर्मा ने बताया कि रिक्त पद होने के कारण जिले के मरीजों को भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कई गंभीर मरीजों को वह संस्था की ओर से आर्थिक मदद कर उन्हें इलाज के लिए दूसरे जगह पर ले जाते हैं. तब जाकर उनकी जान बचाई जाती है.

ये भी पढ़ें: पटना: दिनदहाड़े व्यवसायी की हत्या के बाद दहशत में लोग, पुलिस-प्रशासन से लोग नाराज


लोगों को हो रही परेशानी
इस मामले में जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि पदाधिकारियों का रिक्त पद इस जिले के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है. रिक्त पद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल चरमरा गई है. लेकिन इस ओर डीएम का ध्यान नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस रिक्त पद को जल्द भरना होगा. अन्यथा यह स्वास्थ्य सेवा आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा.

Intro:स्वास्थ्य विभाग में कई पदाधिकारियों का पद वर्षो से रिक्त जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पर रहा असर।Body:जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों पदाधिकारियों की कमी के कारण बेहद चरमरा गई है। यह विभाग सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण खुद इतना बीमार हो चुका है कि इसे ही इलाज की जरूरत है। यह स्वास्थ्य विभाग मरीजों को स्वास्थ्य सेवा देने के बजाय खुद अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। और इस कुव्यवस्था का सीधा असर मरीजों के चिकित्सा सेवा पर पड़ रही है। मरीजों के साथ साथ विभागीय काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। कर्मियों का वेतन भुगतान हो या सभी प्रकार के वित्तीय कार्य पूर्णता ठप पड़ा हुआ है। क्योंकि जिले में एक माह से सिविल सर्जन का पद रिक्त है वहीं एसीएमओ का पद करीब 10 माह से खाली पड़ा हुआ है अगर बात करें अधीक्षक, डीआईओ उपाधीक्षक यह सभी पद रिक्त हैं। सिर्फ उपाधीक्षक के पद पर डॉ शकील अंजुम को प्रभारी उपअधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रहे हैं। 8 नवंबर को रुनीसैदपुर के डाटा एंट्री ऑपरेटर केशव कुमार से पोस्टिंग के नाम पर ₹50000 लेते सिविल सर्जन डॉ रविंद्र कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ गए थे तब से अब तक यह पद रिक्त पड़ा हुआ है। और इसका सीधा असर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर हो रहा है। चाहे वह दवा खरीद, ट्रांसफर पोस्टिंग या प्रशासनिक कार्य भी पूर्ण बाधित है। इसके अलावा एलॉटमेंट रहते हुए कर्मी वेतन से वंचित है साथ ही स्वास्थ्य कर्मी मनमाने तरीके से अपनी ड्यूटी करते हैं जिस कारण आम बीमार लोगों को सर समय स्वास्थ्य सेवा समुचित रूप से नहीं मिल पा रही है इस संबंध में ज़ी टीवी भारत ने जिलाधिकारी डॉ अभिलाषा कुमारी शर्मा से जानकारी लेने की कोशिश की तो उन्होंने मोबाइल
नही उठाया। हालांकि इस संबंध में जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि पदाधिकारियों का रिक्त पद इस जिले के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है।रिक्त पद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल चरमरा गई है। लेकिन इस ओर जिला अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा। इस रिक्त पद को जल्द भरना होगा अन्यथा यह स्वास्थ्य सेवा आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा। सीतामढ़ी के समाजसेवी मुन्ना वर्मा ने बताया कि रिक्त पद होने के कारण जिले के मरीजों को भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है। कई गंभीर मरीजों को वह संस्था की ओर से आर्थिक मदद कर उन्हें इलाज के लिए दूसरे जगह पर ले जाते हैं तब जाकर उनकी जान बचाई जाती है। वही इस संबंध में पूछे जाने पर मरीज के परिजन मोहम्मद सगीर ने बताया कि वह अपनी बहू को इलाज कराने के लिए 3 दिनों से सदर अस्पताल का चक्कर काट रहा है लेकिन कुव्यवस्था होने के कारण उसके मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। आखिर शिकायत करें तो किस से करें कोई वरीय अधिकारी स्वास्थ्य सेवा में मौजूद ही नहीं है।
बाइट 1. मोहम्मद सगीर। मरीज के परिजन लाल गमछा में।
बाइट 2. मुन्ना वर्मा। समाजसेवी लाल जैकेट में।
बाइट 3. राणा रणधीर सिंह चौहानमे। जदयू जिला अध्यक्ष सीतामढ़ी बंडी में।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8,9Conclusion:पी टू सी:_राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
Last Updated : Dec 3, 2019, 6:09 PM IST

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