सीतामढ़ी: बिहार का सीतामढ़ी (Sitamarhi) मां जानकी की पावन भूमि है, जिसे कुछ दलाल और पापी चिकित्सक कलंकित करने पर लगे हुए है. इन राक्षस रूपी चिकित्सकों का जमीर मर चुका होगा. जो घृणित दृश्य सदर अस्पताल गेट के पास देखने को मिला उससे मानवता शर्मसार हो गई. मरने के बाद अज्ञात व्यक्ति के शव को भी सम्मान के साथ कफन के साथ दफन कर दिया जाता है, लेकिन अवैध रूप से जन्म से पहले गर्भ में ही हत्या कर उसे अन्यत्र फेंक देना उनके क्रूर मानसिकता को दर्शाता है.
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बता दें कि किसी कुकर्मी मां ने अपनी कोख में पल रहे करीब 5 से 6 माह के भ्रूण की गर्भ में ही हत्या करवा दी. उसके बाद भी जब इन लोगों का मन नहीं भरा तो उस भ्रूण को कैंची के सहारे उठाकर पॉलीथिन में डालकर सदर हॉस्पिटल की दीवार से लटका कर छोड़ दिया. यहां तक की वो कैंची भी उसी पॉलीथिन में ही मिली.
इस समाज में कई झोला छाप चिकित्सक और उनसे कमीशन खाने वाले स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी हैं जो इस घृणित काम के सहभागी हैं. सीतामढ़ी जिले में चल रहे निबंधित और अनिबंधित 80 प्रतिशत अस्पताल में महज 2000 रुपये में घूम घूमकर ऑपरेशन करने वाले ना जाने कितने ही कथित बिना डिग्रीधारी चिकित्सक हैं. जिसकी सूचना यहां के सिविल सर्जन को भी है, लेकिन रुपयों की पट्टी आंख पर बांध कर ऐसे अस्पतालों का निबंधन बांटा जा रहा है.
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बता दें कि सदर अस्पताल के पश्चिमी गेट स्थित स्थित दीवार पर एक नवजात का शव लटकते देख वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. लोग उस कलयुगी मां और उस चिकित्सक को कोसते नजर आए. हालांकि, ये वाक्या कोई नया नहीं है, बल्कि दशकों से सदर अस्पताल गेट की मानो ये प्रथा सी हो गई है. हर बार नवजात का शव मिलता है, उसे अस्पताल प्रशासन द्वारा हटवा दिया जाता है. लेकिन, उक्त मामले आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिस कारण ऐसे अवैध चिकित्सकों का मनोबल इस कदर बढ़ा की नाले और सड़कों से अब नवजात का शव सदर अस्पताल परिसर में फेंका जाने लगा है.