सीतामढ़ी: जिले के अधिकांश प्रखंडों की आबादी हर साल बाढ़ की तबाही झेलने को विवश होती है. इसे देखते हुए डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा के निर्देश पर जिले में बने सभी तटबंधों की मरम्मती कार्य शुरू कर दी गई है. ताकि बाढ़ आने से पूर्व सभी रेनकट और सुरंगों को दुरुस्त किया जा सके.
दरअसल, तटबंध में बने हुए रेनकट और सुरंगों से बाढ़ के पानी का रिसाव शुरू हो जाता है और तटबंध पर दवाब बन जाता है. इस कारण उसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सभी तटबंधो की मरम्मती कार्य को शुरू कर दिया गया है ताकि बाढ़ आने पर जान-माल की क्षति न हो.
तटबंधों का निरीक्षण
जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर तटबंध की मरम्मती का कार्य चल रहा है, जो अब अंतिम चरण में है. वहीं, कुछ प्रखंड क्षेत्रों में बने तटबंधों में जो रेनकट और सुरंग बने हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त कराने के लिए अंचलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को निरीक्षण कर कार्य प्रारंभ कराने का निर्देश दिया गया है. अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने बुधवार को डीएम के निर्देश पर तटबंधों का निरीक्षण किया. उसमें बने सुरंग और रेनकट को जल्द से जल्द ठीक कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि बाढ़ से पूर्व सभी क्षतिग्रस्त तटबंधों को दुरुस्त करा लिया जाएगा ताकि जान-माल का नुकसान न हो.
बीते साल हुई थी भारी तबाही
13 जुलाई 2019 को जिले में आई भीषण बाढ़ के कारण भारी तबाही हुई थी. जिले के सभी प्रखंड जलमग्न हो गए थे. हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बाढ़ में डूब कर बर्बाद हो गई थीं. वहीं, कई लोगों सहित पालतू मवेशियों की मौत हो गई थी. हर तरफ तबाही का मंजर था. करीब 40 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी. एक महीने से अधिक समय तक कई राहत शिविर चलाकर पीड़ितों की मदद की गई थी. उस त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस बार किसी तरह की चूक नहीं करना चाहती है, ताकि पिछले साल की तरह इस वर्ष आने वाली बाढ़ से जान-माल की क्षति को रोका जा सके.