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सीतामढ़ी : नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई में पक्षपात का आरोप, DM से हस्तक्षेप की मांग - Sitamarhi DM Manesh Kumar Meena

सीतामढ़ी में अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ हो रही कार्रवाई (Protest Against Nursing Home Sealing In Sitamarhi) का आयुष चिकित्सकों ने विरोध किया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से चुन-चुनकर क्लीनिकों पर कार्रवाई का आरोप लगाते हुए डीएम से हस्तक्षेप की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

सीतामढ़ी में नर्सिंग होम सील किये जाने का विरोध
सीतामढ़ी में नर्सिंग होम सील किये जाने का विरोध
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Published : Dec 26, 2022, 9:41 PM IST

अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान (Illegal Nursing Home Sealing In Sitamarhi) चलाया जा रहा है. इस दौरान बिना लाइसेंस के नर्सिंग होम और फर्जी डॉक्टरों के कई क्लीनिकों को सील किया गया है. वहीं आयुष चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने गलत तरीके से नर्सिंग होम और क्लीनिकों पर कार्रवाई (Protest Against Nursing Home Sealing) का आरोप लगाते हुए सीतामढ़ी डीएम मनेश कुमार मीना (Sitamarhi DM Manesh Kumar Meena) से मुलाकात कर दखल की मांग की है.

ये भी पढ़ें-सीतामढ़ी में आधा दर्जन निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम में छापेमारी, 2 फर्जी सील

"प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के द्वारा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की अनदेखी कर अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने को लेकर आयुष चिकित्सकों के स्वास्थ्य केंद्रों को सील कर दिया जा रहा है. वहीं एमबीबीएस डॉक्टरों के की ओर से खोले गये निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम को सील नहीं किया जा रहा है. जबकि वे भी निबंधित नहीं है."- आयुष चिकित्सक

एमबीबीएस डॉक्टरों का 75 फीसदी क्लीनिक बिना निबंधन केः डीएम से मुलाकत के दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल चिकित्सकों ने कहा कि अगर सही से जांच किया जाए तो कई एमबीबीएस डॉक्टरों के द्वारा खोले गये निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम फर्जी मिलेंगे. जिले में कम से कम 75 फीसदी निजी क्लीनिक बिना निबंधन के चल रहे हैं. उनको बचाया जा रहा है.


आयुष चिकित्सकों को टारगेट करने का आरोपः मौके पर आयुष चिकित्सकों ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि आयुष चिकित्सकों को प्रोत्साहित करें और उनके द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य केंद्र को निबंधित कराएं. बावजूद इसके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने टारगेट कर आयुष चिकित्सकों के नर्सिंग होम और क्लीनिक को सील कर दिया. यह कार्रवाई गलत है. डीएम से मुलाकात के दौरान ज्ञापन सौंपकर आयुष चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उन्हें जबरन फंसा कर उनके क्लीनिक को सील कर दिया जाता है.


क्या है मामलाः जिले में झोलाछाप डॉक्टर बड़े-बड़े ऑपरेशन और बीमारियों के इलाज गलत तरीके से कर आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं. इलाज के नाम पर आम लोगों का शोषण करते हैं. जिसकी खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित होते रहती है. ऐसी ही खबर के आलोक में जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा दिए गए आदेश पर कई नर्सिंग होम एवं क्लीनिक पर छापेमारी हुई.

अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान (Illegal Nursing Home Sealing In Sitamarhi) चलाया जा रहा है. इस दौरान बिना लाइसेंस के नर्सिंग होम और फर्जी डॉक्टरों के कई क्लीनिकों को सील किया गया है. वहीं आयुष चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने गलत तरीके से नर्सिंग होम और क्लीनिकों पर कार्रवाई (Protest Against Nursing Home Sealing) का आरोप लगाते हुए सीतामढ़ी डीएम मनेश कुमार मीना (Sitamarhi DM Manesh Kumar Meena) से मुलाकात कर दखल की मांग की है.

ये भी पढ़ें-सीतामढ़ी में आधा दर्जन निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम में छापेमारी, 2 फर्जी सील

"प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के द्वारा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की अनदेखी कर अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने को लेकर आयुष चिकित्सकों के स्वास्थ्य केंद्रों को सील कर दिया जा रहा है. वहीं एमबीबीएस डॉक्टरों के की ओर से खोले गये निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम को सील नहीं किया जा रहा है. जबकि वे भी निबंधित नहीं है."- आयुष चिकित्सक

एमबीबीएस डॉक्टरों का 75 फीसदी क्लीनिक बिना निबंधन केः डीएम से मुलाकत के दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल चिकित्सकों ने कहा कि अगर सही से जांच किया जाए तो कई एमबीबीएस डॉक्टरों के द्वारा खोले गये निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम फर्जी मिलेंगे. जिले में कम से कम 75 फीसदी निजी क्लीनिक बिना निबंधन के चल रहे हैं. उनको बचाया जा रहा है.


आयुष चिकित्सकों को टारगेट करने का आरोपः मौके पर आयुष चिकित्सकों ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि आयुष चिकित्सकों को प्रोत्साहित करें और उनके द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य केंद्र को निबंधित कराएं. बावजूद इसके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने टारगेट कर आयुष चिकित्सकों के नर्सिंग होम और क्लीनिक को सील कर दिया. यह कार्रवाई गलत है. डीएम से मुलाकात के दौरान ज्ञापन सौंपकर आयुष चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उन्हें जबरन फंसा कर उनके क्लीनिक को सील कर दिया जाता है.


क्या है मामलाः जिले में झोलाछाप डॉक्टर बड़े-बड़े ऑपरेशन और बीमारियों के इलाज गलत तरीके से कर आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं. इलाज के नाम पर आम लोगों का शोषण करते हैं. जिसकी खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित होते रहती है. ऐसी ही खबर के आलोक में जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा दिए गए आदेश पर कई नर्सिंग होम एवं क्लीनिक पर छापेमारी हुई.

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