सीतामढ़ी: जिले में आपदा से बचाव की जानकारी के लिए और उसके प्रभाव को कम करने के लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में डीआरआर ई-एकेडमी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में इस जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें जिले के अधिकारियों और पंचायतीराज प्रतिनिधियों को विभिन्न आपदा से बचाव की जानकारी दी गई.
कई वरीय अधिकारी हुए शामिल
इस कार्यक्रम में जिले के जिलाधिकारी सहित कईं वरीय अधिकारी शामिल हुए. वहीं प्रखंडस्तरीय अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन और अन्य विभाग के अधिकारियों ने आपदा से निपटने की जानकारियां ली. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता व्यास जी उपाध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से किया गया. इसके साथ ही आपदा जोखिम न्यूनीकरण बिहार का परिदृश्य और बाढ़ के दौरान सुरक्षा के उपाय और कोविड की चुनौतियों और सावधानियों पर मुख्य संबोधन व्यास जी उपाध्यक्ष BSDMA के माध्यम से किया गया. बिहार राज्य के संदर्भ में मानसून के दौरान होने वाली घटनाओं का परिदृश्य पर पीएन राय, सदस्य BSDMA ने महत्त्वपूर्ण प्रकाश डाला.
![program organizing for disaster prevention](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06:23:35:1599267215_bh-sit-disaster-prevention-information-7206769_04092020175847_0409f_1599222527_450.jpg)
आपदाओं से निपटने के लिए दी गई जानकारी
इस महत्वपूर्ण विषयों आपदा जोखिमों से निपटने की पूर्व तैयारी और समुदाय की भागीदारी, डूबने की घटनाओं, सुरक्षित नौका परिचालन, सर्प दंश प्रबंधन और सुरक्षात्मक उपाय और वज्रपात जोखिम नमन और प्रबंधन पर पीपीटी प्रस्तुतीकरण और विडियो क्लिपिंग के माध्यम से सभी प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया. इस संवेदीकरण कार्यक्रम में परियोजना पदाधिकारी डॉ जीवन कुमार, डॉ पल्लव कुमार, एसडीआरएफ के केके झा, यूनिसेफ के घनश्याम मिश्र ने पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन से आपदाओं से निपटने की जानकारी दी. वहीं कार्यक्रम का संचालन परियोजना पदधिकारी डॉ मधु बाला ने की.
मास्क लगाने की अपील
प्राधिकारण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने कहा कि मानसून के दौरान डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए पदाधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों, और अभिभावकों को बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा. वहीं उन्होंने कहा कि बगैर निबंधन की हुई नौकाओं का परिचालन पर प्रतिबंध सुनिश्चित हो. टूटी-फूटी और जर्जर नावों, डोंगियों का परिचालन प्रतिबंधित हो. कोविड के प्रसार से बचाव सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, गमछा का उपयोग और अन्य सभी मानकों अवश्य पालन हो.
ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उपस्थित जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार आपदा न्यूनीकरण रोडमैप 2015-2030 के सफल क्रियान्वयन में सतत प्रयत्नशील है. सीतामढ़ी जिला एक बहुआपदा प्रवण जिला है, जो कभी बाढ़, ओलावृष्टि, वज्रपात, भूकम्प, सड़क दुर्घटना, अग्निकांड,जलाशयों में डूबने जैसी प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं से प्रभावित होता रहता है. इस वर्ष बाढ़ के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के कुशल प्रबंधन और समन्वय के कारण बाढ़ राहत केंद्र के संचालन में कोरोना संक्रमण से संबंधित दिशा-निर्देशों का सफलतापूर्वक पालन किया गया.
आपदा प्रबंधन ने किया कार्यक्रम का समापन
जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून के दौरान आने वाले विभिन्न आपदाएं, अत्याधिक वर्षा, बाढ़ और वज्रपात सर्पदंश जैसी परिस्थितियों में व्यक्तिगत स्तर, सामुदायिक स्तर या पंचायत स्तर के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन स्तर पर पूर्व तैयारी करना आवश्यक हो जाता है. उन्होंने कहा की आपदा से बचने का ज्ञान या कौशल और उससे बचाव के तरीकों को जानकर और उसको अपने दैनिक जीवन में अपनाकर आपदा के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन के माध्यम से किया गया था.