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सीतामढ़ी: भारी बारिश के कारण हर तरफ तबाही का मंजर, इंसान-मवेशी सब हलकान

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Published : Jul 20, 2020, 1:56 PM IST

ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक जलजमाव के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. जिस कारण पीड़ित परिवारों का घरों के अंदर रहना भी मुश्किल हो गया है. बारिश के पानी ने कुछ ऐसी तबाही मचाई कि ग्रामीणों के चूल्हे से लेकर कई फूस के घर तक टूट गए हैं.

सीतामढ़ी
सीतामढ़ी

सीतामढ़ी: जिले में रविवार सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. बारिश का पानी लोगों के खेतों और घरों तक पहुंच चुका है. खेतों में लगी फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं. साथ ही जलजमाव के कारण ग्रामीण इलाका भी जलमग्न है. बारिश के पानी के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है. वहीं प्रशासनिक सहायता न मिलता देख ग्रामीणों ने मुख्य सड़क काटकर इलाके में जमे पानी को निकालने में जुट गए हैं.

सीतामढ़ी
बारिश का पानी

ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक जलजमाव के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. जिस कारण पीड़ित परिवारों का घरों के अंदर रहना भी मुश्किल हो गया है. बारिश के पानी ने कुछ ऐसी तबाही मचाई कि ग्रामीणों के चूल्हे से लेकर कई फूस के घर तक टूट गए हैं. साथ ही कई ऐसे गांव चारों तरफ से जलमग्न हैं. वहीं, स्थानीय जलजमाव के निकासी में अलग-अलग तरह के प्रयास में जुट गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल
वहीं दूसरी ओर अत्यधिक बारिश के कारण अब लोगों को दोबारा बाढ़ का खतरा भी सताने लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश नहीं रुकी तो सभी नदियां फिर से उफान पर हो जाएंगी और बारिश के पानी के साथ-साथ भीषण बाढ़ का प्रकोप भी झेलना पड़ेगा. एक ओर जहां बाढ़ के पानी में 10 जुलाई से चौर के सभी खेत डूब चुके हैं. वहीं दूसरी ओर पालतू मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो रहा है.

सीतामढ़ी
गिरे टाट को खड़ा करता युवक
  • छोटे मवेशियों के लिए ऐसा कोई स्थान नहीं बचा जहां उन्हें सुरक्षित रखा जा सके. इंसानों के साथ-साथ मवेशियों का भी बुरा हाल बना हुआ है. इस तबाही को झेल रहे स्थानीय पीड़ित परिवार सरकार से सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन अब तक उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई जा सकी है.

सीतामढ़ी: जिले में रविवार सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. बारिश का पानी लोगों के खेतों और घरों तक पहुंच चुका है. खेतों में लगी फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं. साथ ही जलजमाव के कारण ग्रामीण इलाका भी जलमग्न है. बारिश के पानी के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है. वहीं प्रशासनिक सहायता न मिलता देख ग्रामीणों ने मुख्य सड़क काटकर इलाके में जमे पानी को निकालने में जुट गए हैं.

सीतामढ़ी
बारिश का पानी

ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक जलजमाव के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. जिस कारण पीड़ित परिवारों का घरों के अंदर रहना भी मुश्किल हो गया है. बारिश के पानी ने कुछ ऐसी तबाही मचाई कि ग्रामीणों के चूल्हे से लेकर कई फूस के घर तक टूट गए हैं. साथ ही कई ऐसे गांव चारों तरफ से जलमग्न हैं. वहीं, स्थानीय जलजमाव के निकासी में अलग-अलग तरह के प्रयास में जुट गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल
वहीं दूसरी ओर अत्यधिक बारिश के कारण अब लोगों को दोबारा बाढ़ का खतरा भी सताने लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश नहीं रुकी तो सभी नदियां फिर से उफान पर हो जाएंगी और बारिश के पानी के साथ-साथ भीषण बाढ़ का प्रकोप भी झेलना पड़ेगा. एक ओर जहां बाढ़ के पानी में 10 जुलाई से चौर के सभी खेत डूब चुके हैं. वहीं दूसरी ओर पालतू मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो रहा है.

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गिरे टाट को खड़ा करता युवक
  • छोटे मवेशियों के लिए ऐसा कोई स्थान नहीं बचा जहां उन्हें सुरक्षित रखा जा सके. इंसानों के साथ-साथ मवेशियों का भी बुरा हाल बना हुआ है. इस तबाही को झेल रहे स्थानीय पीड़ित परिवार सरकार से सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन अब तक उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई जा सकी है.
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