सीतामढ़ीः जिला मुख्यालय डुमरा में दो दिवसीय आशा उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों को जागरूक किया गया और मलेरिया से बचने के उपाय बताए गये. कार्यशाला के दौरान आशाओं को मलेरिया की जांच और उपचार के बारे में बताया गया.
ग्राउंड फोर्स हैं आशा कार्यकर्ता
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में आशा हमारी ग्राउंड फोर्स हैं. इसलिए इन्हें मलेरिया के लक्षण और जांच के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इसके एवज में आशा को जांच करने पर 15 रुपये और रोगी के पता चलने पर सरकार की तरफ से 75 रुपये दिया जाता है. इस दौरान उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति मलेरिया की चपेट में आए तो उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए रखा जाना चाहिए और इससे बचाव का एकमात्र साधन है, मुसहरी लगाकर सोए और अपने आसपास साफ सफाई रखें.
![मलेरिया उन्मूलन कार्यशाला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-sit-01-karysala-routine-bh10041_28012021131610_2801f_1611819970_149.jpg)
![मलेरिया उन्मूलन कार्यशाला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10409457_831_10409457_1611822735433.png)
नेपाल से सटे हैं 6 प्रखंड
कार्यक्रम में आए जिले के एसीएमओ डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि सीतामढ़ी जिला के छह प्रखंड नेपाल से सटे हुए हैं. इस लिए लगातार लोगों का आना-जाना नेपाल से होता रहता है. जिस कारण से इन प्रखंडों में मलेरिया का प्रकोप हो सकता है. इसलिए समय-समय पर मलेरिया ग्रसित लोगों की खोज कर उनका उपचार किया जाना जरूरी है.