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Bihar madrasa news: पटना HC के आदेश पर बिहार में फर्जी मदरसों पर एक्शन शुरू, सीतामढ़ी में जांच पूरी

बिहार के सीतामढ़ी में फर्जी मदरसों की जांच पूरी कर ली गई है. डीएम के मुताबिक हाईकोर्ट के निर्देश पर रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है. इसे 14 फरवरी को अगली सुनवाई में हाई कोर्ट के सामने रखा जाएगा. पूरे बिहार में ऐसे 2459 मदरसे ऐसे हैं जो जाली कागजातों पर संचालित हैं, 609 मदरसों के अनुदान पर भी रोक भी लगाई जा चुकी है.

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Published : Jan 28, 2023, 5:02 PM IST

बिहार के सीतामढ़ी में फर्जी मदरसों की जांच पूरी

सीतामढ़ी : बिहार में फर्जी मदरसों की बहार है. जाली कागजात पर पूरे प्रदेश में 2459 मदरसे संचालित हैं. इसे देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच तक मदरसों के अनुदान पर रोक लगा दी है. पूरे प्रदेश में 609 मदरसों के अनुदान पर रोक लगी है. जबकि अकेले सीतामढ़ी जिले में 88 ऐसे फर्जी मदरसे हैं जो धड़ल्ले से सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान की राशि ले रहे थे.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: बिहार के 2459 मदरसों की होगी जांच, 609 की जांच रिपोर्ट आने तक अनुदान राशि देने पर रोक

सीतामढ़ी के बिस्मिल ने लगाई थी HC में याचिका: सीतामढ़ी के मेहसौल निवासी अलाउद्दीन बिस्मिल ने पटना हाईकोर्ट में इससे संबंधित एक याचिका दायर की थी. याचिका दायर होने के बाद चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने जांच पूरी होने तक बिहार के 609 मदरसों के अनुदान राशि पर रोक लगाते हुए अपर मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को जल्द से जल्द राज्य के सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.

सीतामढ़ी में 88 मदरसे फर्जी: याचिकाकर्ता के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मोहम्मद तसनीममुर रहमान ने सरकारी अनुदान वाले मदरसों के जांच रिपोर्ट में कहा है कि सीतामढ़ी में फर्जी कागजात पर 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान लिया है. इसके अलावा कोर्ट ने फर्जी कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर प्राथमिकी दर्ज कर डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया है.

फर्जी एनओसी बनवाने का आरोप: मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता अलाउद्दीन बिस्मिल ने कहा कि 2013 में एक मौलाना के द्वारा हज जाने को लेकर एक एनओसी बनवाया गया था. जो बाद में पता चला कि गलत है. उसी एनओसी के आधार पर फर्जी तरीके से कई मदरसा खोल लिया गया और उसी पर अनुदान लिया गया. मैंने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है.

'सीतामढ़ी में मदरसों की जांच पूरी': इधर मामले को लेकर डीएम मनेश कुमार मीणा ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. जांच की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी और उनके टीम को दिया गया था, जांच कर ली गई है. मदरसों में बहुत सी शिकायतें भी मिली हैं. जांच को माननीय न्यायालय में सौंपा जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.



''माननीय न्यायालय के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी और उनके द्वारा गठित टीम ने मदरसों की जांच की है. बहुत सी शिकायतें मिली थीं. मदरसों में बहुत सी कमी भी थी जिसकी जांच पूरी कर ली गई है. जांच रिपोर्ट को माननीय न्यायालय को सौंप दिया जाएगा. उसके बाद आगे जो दिशानिर्देश होगा वह कार्रवाई की जाएगी.''- मनेश कुमार मीणा, डीएम

बिहार के सीतामढ़ी में फर्जी मदरसों की जांच पूरी

सीतामढ़ी : बिहार में फर्जी मदरसों की बहार है. जाली कागजात पर पूरे प्रदेश में 2459 मदरसे संचालित हैं. इसे देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच तक मदरसों के अनुदान पर रोक लगा दी है. पूरे प्रदेश में 609 मदरसों के अनुदान पर रोक लगी है. जबकि अकेले सीतामढ़ी जिले में 88 ऐसे फर्जी मदरसे हैं जो धड़ल्ले से सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान की राशि ले रहे थे.

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सीतामढ़ी के बिस्मिल ने लगाई थी HC में याचिका: सीतामढ़ी के मेहसौल निवासी अलाउद्दीन बिस्मिल ने पटना हाईकोर्ट में इससे संबंधित एक याचिका दायर की थी. याचिका दायर होने के बाद चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने जांच पूरी होने तक बिहार के 609 मदरसों के अनुदान राशि पर रोक लगाते हुए अपर मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को जल्द से जल्द राज्य के सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.

सीतामढ़ी में 88 मदरसे फर्जी: याचिकाकर्ता के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मोहम्मद तसनीममुर रहमान ने सरकारी अनुदान वाले मदरसों के जांच रिपोर्ट में कहा है कि सीतामढ़ी में फर्जी कागजात पर 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान लिया है. इसके अलावा कोर्ट ने फर्जी कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर प्राथमिकी दर्ज कर डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया है.

फर्जी एनओसी बनवाने का आरोप: मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता अलाउद्दीन बिस्मिल ने कहा कि 2013 में एक मौलाना के द्वारा हज जाने को लेकर एक एनओसी बनवाया गया था. जो बाद में पता चला कि गलत है. उसी एनओसी के आधार पर फर्जी तरीके से कई मदरसा खोल लिया गया और उसी पर अनुदान लिया गया. मैंने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है.

'सीतामढ़ी में मदरसों की जांच पूरी': इधर मामले को लेकर डीएम मनेश कुमार मीणा ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. जांच की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी और उनके टीम को दिया गया था, जांच कर ली गई है. मदरसों में बहुत सी शिकायतें भी मिली हैं. जांच को माननीय न्यायालय में सौंपा जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.



''माननीय न्यायालय के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी और उनके द्वारा गठित टीम ने मदरसों की जांच की है. बहुत सी शिकायतें मिली थीं. मदरसों में बहुत सी कमी भी थी जिसकी जांच पूरी कर ली गई है. जांच रिपोर्ट को माननीय न्यायालय को सौंप दिया जाएगा. उसके बाद आगे जो दिशानिर्देश होगा वह कार्रवाई की जाएगी.''- मनेश कुमार मीणा, डीएम

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