सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन का असर आर्थिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा है. इसी क्रम में लॉकडाउन के कारण बीमा कंपनी के व्यवसाय में काफी कमी आई है. पहले की अपेक्षा तकरीबन 50% व्यवसाय कम हुए हैं.
भारत सरकार के उपक्रम नेशनल इंश्योरेंस कार्यालय में पिछले 2 महीने से वीरानी पसरी हुई है. वाहनों का परिचालन नहीं होने के कारण बीमा कराने का काम काफी हद तक कम हो गया है. पहले ये बीमा कंपनी हर महीने 60 से 70 लाख रुपये का बीमा करती थी, जो अब घटकर 30 से 35 लाख हो गया है.
बीमा सलाहकार ने क्या कहा
नेशनल इंश्योरेंस सलाहकार विद्यापति झा ने बताया कि लॉकडाउन का व्यापक असर नेशनल इंश्योरेंस की बीमा पर पड़ रहा है. वहीं, बीमा सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि नेशनल इंश्योरेंस 80% मोटर व्हीकल बीमा करती थी, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सभी वाहनों का बीमा करवाना अनिवार्य है, लेकिन 70% से अधिक व्यक्ति इस नियम का अनुपालन नहीं करते हैं. वो बिना बीमा कराए ही वाहनों का परिचालन करते रहते हैं.
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लॉकडाउन से थर्ड पार्टी बीमा पर पड़ा असर
वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान जिस किसी वाहन का बीमा खत्म हुआ है, उसके थर्ड पार्टी बीमा कराने की अवधि का विस्तार 15 मई 2020 तक किया गया था, लेकिन वाहन मालिक समय पर नहीं पहुंच सके इस कारण थर्ड पार्टी बीमा भी नहीं किया जा सका.