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सीतामढ़ी: बाढ़ ने छीना आशियाना तो पीड़ितों ने सड़क किनारे डाला डेरा

रुनीसैदपुर गांव में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण ग्रामीण अपने घरों को खाली कर एनएच-77 पर मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. बाढ़ पीड़ित ग्रामीण प्लास्टिक और त्रिपाल से आशियाना बनाकर अपने परिवार के साथ गुजारा कर रहे हैं.

बाढ़ पीड़ितों का दर्द
बाढ़ पीड़ितों का दर्द
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Published : Jul 24, 2020, 6:17 PM IST

सीतामढ़ी: 18 जुलाई से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिस वजह से बाढ़ का पानी जिले के अधिकांश प्रखंड क्षेत्रों में फैल कर तबाही मचा दी है. रुन्नीसैदपुर प्रखंड का कई गांव बाढ़ की चपेट में है. लिहाजा ग्रामीणों ने गांव खाली कर दिया है. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हैं.

एक ओर जहां जिलावासी इस संक्रमण काल में भारी बारिश और बाढ़ को लेकर तिहरी मार झेल रहे हैं. लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के बाद भी प्रशासन उन पर ध्यान नहीं दे रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इन इलाके में फैला है बाढ़ का पानी
जिले का अधिकांश प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. यहां बाढ़ का पानी रुनीसैदपुर प्रखंड क्षेत्र के रुन्नी, रामनगर, गरगट्टा, हनुमान नगर, बगाही, आदर्श नगर, दया नगर इलाके में फैल चुका है. इसके अलावे बेलसंड प्रखंड के छप्पन बीघा, चंदौली, जाफरपुर, सौली, रुपौली, भोरहा, पताही, माची, भंडारी सहित कई ऐसे गांव और टोला है, जहां बाढ़ और बारिश के कारण तबाही का आलम व्याप्त है.

सड़क किनारे रहने को लाचार बाढ़ पीड़ित
सड़क किनारे रहने को लाचार बाढ़ पीड़ित

गांव को खाली कर एनएच पर लिया शरण
रुनीसैदपुर गांव में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण ग्रामीण अपने घरों को खाली कर एनएच 77 पर मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. बाढ़ पीड़ित ग्रामीण प्लास्टिक और त्रिपाल से आशियाना बनाकर अपने परिवार के साथ गुजारा कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों की शिकायत है कि बाढ़ का पानी घर में घुसने के कारण अनाज, कपड़ा और अन्य आवश्यक सामग्री नहीं निकाला जा सका.

लिहाजा एनएच पर बनाए गए आशियाना में खाद्यान्न, पेयजल के अलावा अन्य आवश्यक सामग्रियों की भारी दिक्कत हो गई है. जिस कारण गुजर-बसर करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतनी समस्या झेलने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है.

बाढ़ में डूबा हुआ घर
बाढ़ में डूबा हुआ घर

डीएम ने जारी किया हाई अलर्ट
बाढ़ और बारिश के पानी से हुए जलजमाव के कारण अब तक कई थाना क्षेत्रों में लोगों की डूबकर मौत भी हो चुकी है. जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा लगातार जिला वासियोंसे सतर्क और सचेत रहने की अपील कर रही हैं. लेकिन भारी बारिश के कारण जहां नदियों का जल स्तर बढ़कर तबाही मचा रही हैं.

वहीं बारिश नहीं रुकने से आम लोगों का जनजीवन भी काफी प्रभावित हो गया हैं. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में पानी घुस चुका है. इसके अलावे सैकड़ो एकड़ में लगे फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. बाढ़ को बढते प्रकोप को देखते हुे डीएम ने पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी किया है.

सड़क किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित
सड़क किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित

बाढ़ पीड़ितों ने लगाया अनदेखी का आरोप
गौरतलब है कि जिले के अलावे नेपाल के इलाके में भी जोरदार बारिश हो रही है. जिस वजह से जिले में बहने वाली नदियां जिनमें बागमती, लखनदेई, मनुष्यमरा, अधवारा समूह, झिम नदी, लालबेकिया और रातो नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. इन नदियों का कारण जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में बाढ़ आ चुका है.

एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ कोरोन संक्रमण ने जिलावासियों का जीना दूभर कर दिया है. संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार के अदेश पर जिलाभर में 31 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों का दर्द दोगुना हो गया है. ऊपर से बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस विपदा बाढ़ पीड़ितों का भगवान ही भरोसा है.

सीतामढ़ी: 18 जुलाई से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिस वजह से बाढ़ का पानी जिले के अधिकांश प्रखंड क्षेत्रों में फैल कर तबाही मचा दी है. रुन्नीसैदपुर प्रखंड का कई गांव बाढ़ की चपेट में है. लिहाजा ग्रामीणों ने गांव खाली कर दिया है. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हैं.

एक ओर जहां जिलावासी इस संक्रमण काल में भारी बारिश और बाढ़ को लेकर तिहरी मार झेल रहे हैं. लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के बाद भी प्रशासन उन पर ध्यान नहीं दे रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इन इलाके में फैला है बाढ़ का पानी
जिले का अधिकांश प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. यहां बाढ़ का पानी रुनीसैदपुर प्रखंड क्षेत्र के रुन्नी, रामनगर, गरगट्टा, हनुमान नगर, बगाही, आदर्श नगर, दया नगर इलाके में फैल चुका है. इसके अलावे बेलसंड प्रखंड के छप्पन बीघा, चंदौली, जाफरपुर, सौली, रुपौली, भोरहा, पताही, माची, भंडारी सहित कई ऐसे गांव और टोला है, जहां बाढ़ और बारिश के कारण तबाही का आलम व्याप्त है.

सड़क किनारे रहने को लाचार बाढ़ पीड़ित
सड़क किनारे रहने को लाचार बाढ़ पीड़ित

गांव को खाली कर एनएच पर लिया शरण
रुनीसैदपुर गांव में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण ग्रामीण अपने घरों को खाली कर एनएच 77 पर मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. बाढ़ पीड़ित ग्रामीण प्लास्टिक और त्रिपाल से आशियाना बनाकर अपने परिवार के साथ गुजारा कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों की शिकायत है कि बाढ़ का पानी घर में घुसने के कारण अनाज, कपड़ा और अन्य आवश्यक सामग्री नहीं निकाला जा सका.

लिहाजा एनएच पर बनाए गए आशियाना में खाद्यान्न, पेयजल के अलावा अन्य आवश्यक सामग्रियों की भारी दिक्कत हो गई है. जिस कारण गुजर-बसर करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतनी समस्या झेलने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है.

बाढ़ में डूबा हुआ घर
बाढ़ में डूबा हुआ घर

डीएम ने जारी किया हाई अलर्ट
बाढ़ और बारिश के पानी से हुए जलजमाव के कारण अब तक कई थाना क्षेत्रों में लोगों की डूबकर मौत भी हो चुकी है. जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा लगातार जिला वासियोंसे सतर्क और सचेत रहने की अपील कर रही हैं. लेकिन भारी बारिश के कारण जहां नदियों का जल स्तर बढ़कर तबाही मचा रही हैं.

वहीं बारिश नहीं रुकने से आम लोगों का जनजीवन भी काफी प्रभावित हो गया हैं. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में पानी घुस चुका है. इसके अलावे सैकड़ो एकड़ में लगे फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. बाढ़ को बढते प्रकोप को देखते हुे डीएम ने पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी किया है.

सड़क किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित
सड़क किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित

बाढ़ पीड़ितों ने लगाया अनदेखी का आरोप
गौरतलब है कि जिले के अलावे नेपाल के इलाके में भी जोरदार बारिश हो रही है. जिस वजह से जिले में बहने वाली नदियां जिनमें बागमती, लखनदेई, मनुष्यमरा, अधवारा समूह, झिम नदी, लालबेकिया और रातो नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. इन नदियों का कारण जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में बाढ़ आ चुका है.

एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ कोरोन संक्रमण ने जिलावासियों का जीना दूभर कर दिया है. संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार के अदेश पर जिलाभर में 31 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों का दर्द दोगुना हो गया है. ऊपर से बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस विपदा बाढ़ पीड़ितों का भगवान ही भरोसा है.

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