सीतामढ़ी: जिले में मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण इस बार आम की फसल लगाने वाले हजारों किसानों और व्यापारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के कारण पेड़ों पर अधिकांश फल खराब हो रहे हैं. इस कारण आम की खेती करने वाले किसान और व्यपारी दोनों बेहद मायुस है. गौरतलब है कि उद्यान विभाग के सर्वे के अनुसार जिले के सभी 17 प्रखंडों में कुल 5300 हेक्टेयर में आम का बगीचा लगाया गया है.
मोटी रकम देकर आम का बगीचा खरीदने वाले व्यापारी और खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि इस बार भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. क्योंकि बगीचा खरीदने के समय मंजर और फल देखकर लगता था की इस बार मुनाफा संतोष जनक होगा. लेकिन सुखाड़ और पुरवा हवा के कारण अधिकांश फल खराब हो गए हैं. फल पकने के समय आंधी, तूफान और ओलाबृष्टि सारे फल को बर्बाद कर दिया है. साथ ही उनलोगों ने कहा कि पिछले वर्ष इस तरह का नुकसान नहीं उठाना पड़ा था.
किसानों में मायूसी
वहीं, बगीचा लगाने वाले किसानों ने कहा कि इस बार जिस पेड़ पर 5 क्विंटल से अधिक फल लगने चाहिए. उस पेड़ से मात्र 50 से 60 केजी फल निकल रहे हैं और उसमें भी अधिकांश फल कीड़ा ग्रस्त या खराब निकल रहे हैं. इसलिए व्यापारी भी फल खरीदने से हिचक रहे हैं. इस बार हजारों हेक्टेयर में लगे आम का बगीचा घाटे का सौदा साबित हुआ है.