सीतामढ़ी: उत्तर बिहार की प्रसिद्ध लीची इन दिनों आम लोगों और व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. ऐसे में इसे खाने से लोग परहेज कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि लीची का बगीचा लगाने वाले किसान और वृक्ष को खरीदने वाले व्यवसायी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. एईएस बीमारी के डर से लोग लीची खरीदने से परहेज कर रहे हैं. इस बार बारिश नहीं होने के कारण भी लोग लीची से दूरी बनाए हुए हैं.
व्यवसायी के सामने गहराया आर्थिक संकट
जानलेवा एईएस बीमारी और इंद्र भगवान की बेरुखी के कारण जिले में लीची व्यवसायियों को भारी नुकसान हो रहा है. लोग लीची खाने से बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. इसका परिणाम है कि बगीचे से लीची बाजार तक सही तरह से नहीं पहुंच पा रही है. जिस कारण कर्ज लेकर बगीचा खरीदने वाले व्यवसायी के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.
क्या कह रहे हैं लोग
लीची खाने वाले और बेचने वाले दोनों पक्षों का कहना है कि फल अधिक मात्रा में क्षतिग्रस्त हो रहा है. साथ ही उसमें जो लाभदायक गुण होने चाहिए और मिठास होनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रहा है.
कहां- कहां है प्रभाव
सीतामढ़ी के अलावे उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, मोतिहारी में एईएस जैसी बीमारी का प्रकोप इस सीजन में हो जाता है. उस डर से भी यहां के जिलावासी अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को लीची खिलाने से परहेज कर रहे हैं. जिसका खासा असर इस व्यापार से जुड़े लोगों पर पड़ रहा है. व्यापार से जुड़े लोगों को क्षति हो रही है. जिला के रुनीसैदपुर, बेलसंड, परसौनी, धनकौल, मधकौल, जाफरपुर, सॉली, बेलसंड, भोरहा, पताही, रूपाली, भटौलिया, रमणी, तरियानी, छपरा आदि गांव में किसान व्यवसाय के रूप में लीची का ही पेड़ लगाकर उस पर निर्भर हैं.
क्या है बीमारी के लक्षण
बिना बारिश और पानी विहीन लीची खाने से आम लोगों में कई तरह की शारीरिक परेशानी आ रही है. खासकर छोटे बच्चे इस फल को खाकर अधिक बीमार हो रहे हैं. लीची खाने से खासकर लोगों के शरीर में जो परेशानी आती है उसमें उल्टी, गैस, दस्त जैसी शिकायत देखने को मिल रही है.
डॉ का क्या है कहना
सरकारी अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि इस मौसम में खासकर एईएस बीमारी से पीड़ित मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सरकार की ओर से भी इस बीमारी पर काबू पाने के लिए मुकम्मल तैयारी की गई है. इसके बावजूद भी इस बीमारी का असर जिले में देखने को मिल रहा है.
आम लोगों के साथ व्यवसायी परेशान
जिले के इस क्षेत्र में पहली बार ऐसा हुआ है कि लीची की लाली देखकर भी लोग खाने को तरस रहे हैं. वहीं जो खा रहे हैं वह बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. यह मीठा फल लोगों के जीवन में जहर घोल रहा है. जिले में आम लोगों के साथ व्यवसायी परेशान हैं.