सीतामढ़ी: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) कानून लागू है. सरकार और जिला प्रशासन लगातार शराब कारोबारियों पर शिकंजा कस रही है. वहीं शराब पीने वालों को भी जिला प्रशासन के द्वारा लगातार जेल भेजा जा रहा है. बावजूद इसके शराब बेचने और पीने की कई खबरें विभिन्न जिलों से सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला डुमरा थाना क्षेत्र में सामने आया है.
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डुमरा थाना अध्यक्ष जन्मेजय राय को एक स्वास्थ्य कर्मी ने ही मोबाइल पर सूचना दी कि, शांति नगर आईटीआई स्थित कोविड हेल्थ सेंटर (Arrest from Covid Health Center at ITI Sitamarhi ) पर एक स्वास्थ्य कर्मी शराब का सेवन कर ड्यूटी कर रहा है. सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष पुलिस बल के साथ पहुंचे और स्वास्थ्य कर्मी को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया. जांच के दौरान स्वास्थ्य कर्मी की शराब पीने की पुष्टि हुई है. मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से शराबबंदी पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
मामले को लेकर पूछे जाने पर एसडीपीओ सदर रमाकांत उपाध्याय ने बताया कि, स्वास्थ्य कर्मी कमलेश कुमार जीएनएम के पद पर डुमरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत है. वर्तमान में वह शांति नगर आईटीआई में बने कोविड-19 सेंटर पर अपना योगदान दे रहा है. इसी दौरान किसी स्वास्थ्य कर्मी ने पुलिस को सूचना दी कि, वह शराब का सेवन कर ड्यूटी कर रहा है जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उक्त स्वास्थ्य कर्मी को गिरफ्तार किया.
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गिरफ्तार स्वास्थ्य कर्मी का जब टेस्ट किया गया तो, जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य कर्मी को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है. लेकिन ड्राई स्टेट बिहार में लगातार शराब मिलने और पीने के मामलों से पुलिस प्रशासन पर ही गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. शराबबंदी के बावजूद नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब से संदिग्ध मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है. इसे लेकर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर है.
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