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सीतामढ़ी: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए स्वास्थ्य संविदा कर्मी, सरकार पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप

तेजी से फैल रहे कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य संविदा कर्मी अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

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Published : Aug 24, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 6:34 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य संविदा कर्मी अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों ने सरकार पर किए गए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल करने का फैसला लिया है.

जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था हो सकती है ठप्प
वहीं लोगों को डर है कि संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण जिले में में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो सकती है. जिले में सभी 17 प्रखंडों में कोरोना का जांच भी बंद हो जाने की आशंका है. संविदा कर्मी कई महीनों से सरकार से अपने वेतन बढ़ोतरी, इंश्योरेंस समेत 17 सूत्री मांग करते आ रहे हैं.

सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपते संविदा कर्मी
सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपते संविदा कर्मी

सिविल सर्जन को सौंपा मांग पत्र
सिविल सर्जन को अपनी मांग पत्र सौंप कर बाहर निकल रहे संविदा कर्मियों में से समरेंद्र वर्मा ने बताया कि इस कोरोना के दौर में भी सभी पूरे मन से कार्य कर रहे हैं. लेकिन हमारा भी परिवार है. हमारी भी मजबूरियां हैं. हमारी सरकार से कोई बड़ी मांग नहीं है. सरकार ने वादा भी किया था कि वह हमारी मांगों को मान लेगी. लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई. मजबूरन हम लोग फिर से हड़ताल पर जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

पूर्व में भी दो दिनों की हड़ताल पर गए थे संविदा कर्मी
बता दें कि इससे पूर्व 20 जुलाई को संविदा कर्मी राज्य स्तरीय हड़ताल पर गए थे.. इसके 2 दिन बाद सरकार और संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई. जिसमें सरकार ने एक महीने के अंदर मांगों को मान लेने का वादा किया. लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई. जिसके कारण संविदा कर्मी एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

सीतामढ़ी: जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य संविदा कर्मी अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों ने सरकार पर किए गए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल करने का फैसला लिया है.

जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था हो सकती है ठप्प
वहीं लोगों को डर है कि संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण जिले में में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो सकती है. जिले में सभी 17 प्रखंडों में कोरोना का जांच भी बंद हो जाने की आशंका है. संविदा कर्मी कई महीनों से सरकार से अपने वेतन बढ़ोतरी, इंश्योरेंस समेत 17 सूत्री मांग करते आ रहे हैं.

सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपते संविदा कर्मी
सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपते संविदा कर्मी

सिविल सर्जन को सौंपा मांग पत्र
सिविल सर्जन को अपनी मांग पत्र सौंप कर बाहर निकल रहे संविदा कर्मियों में से समरेंद्र वर्मा ने बताया कि इस कोरोना के दौर में भी सभी पूरे मन से कार्य कर रहे हैं. लेकिन हमारा भी परिवार है. हमारी भी मजबूरियां हैं. हमारी सरकार से कोई बड़ी मांग नहीं है. सरकार ने वादा भी किया था कि वह हमारी मांगों को मान लेगी. लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई. मजबूरन हम लोग फिर से हड़ताल पर जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

पूर्व में भी दो दिनों की हड़ताल पर गए थे संविदा कर्मी
बता दें कि इससे पूर्व 20 जुलाई को संविदा कर्मी राज्य स्तरीय हड़ताल पर गए थे.. इसके 2 दिन बाद सरकार और संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई. जिसमें सरकार ने एक महीने के अंदर मांगों को मान लेने का वादा किया. लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई. जिसके कारण संविदा कर्मी एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

Last Updated : Sep 22, 2020, 6:34 PM IST
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