ETV Bharat / state

सीतामढ़ी: अब तक अधूरा पड़ा है 2 पुलों का निर्माण कार्य, 3 जिलों की है लाइफ लाइन - चचरी पुल

ये दोनों ही पुल सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर को जोड़ने के लिए लाइफ लाइन का काम करेंगे. लेकिन, इसके निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है.

पुल
author img

By

Published : Oct 21, 2019, 12:02 AM IST

सीतामढ़ी: जिले में पुल की समस्या को लेकर सीतामढ़ी और शिवहर जिले के लाखों लोग प्रभावित हैं. मुख्य मार्ग पर पुल नहीं होने के कारण 6 महीने तक 2-3 जिलों को जोड़ने वाली सड़क पर यातायात बाधित है. 2 अलग-अलग जगहों पर पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर के लगभग 50 गांव के यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

शोभा की वस्तु बनकर रह गया पुल
पहला मामला जिले के बसौल गांव के पास का है, जहां 6 सालों से 'मनुष्य मरा नदी' पर पुल तो बनकर तैयार है, लेकिन अप्रोच रोड नहीं बनने के कारण यह सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल का निर्माण 2013 में 6 करोड़ की लागत से ही किया गया था. स्थानीय किसानों को जमीन के मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया, जिस वजह से अप्रोच रोड के लिए उन लोगों ने अपनी निजी जमीन देने से मना कर दिया.

sitamarhi
चचरी पुल के सहारे यातायात

बाढ़ ने किया नवनिर्मित पुल को ध्वस्त
दूसरा मामला शिवहर जिले के तरियानी छपरा और मारड़ गांव के बीच का है, जहां 2016 में राजेंद्र सिंह एंड ब्रदर्स कंपनी ने करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कराया था. लेकिन, 2017 में आई भीषण बाढ़ ने नवनिर्मित पुल को ध्वस्त कर दिया. इस वजह से इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप है. यहां सिर्फ बाइक सवार और पैदल यात्री पुल के पास बनी बांस की चचरी पुल के सहारे यात्रा करते हैं.

sitamarhi
रामा देवी, सांसद, शिवहर लोकसभा क्षेत्र

3 जिलों की लाइफ लाइन है पुल
तरियानी छपरा पंचायत के मुखिया श्याम बाबू सिंह ने इन दोनों पुल के बारे में बताया कि ये दोनों ही पुल सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर को जोड़ने के लिए लाइफ लाइन का काम करेंगे. लेकिन, इसके निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि यदि इन दोनों पुल का निर्माण हो जाए, तो एक जिले से दूसरे जिले की ओर जाने में काफी कम दूरी तय करनी होगी. साथ ही आम लोगों को व्यवसाय के अवसर भी मिलेंगे.

पेश है रिपोर्ट

'जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य'
इस संबंध में शिवहर लोकसभा क्षेत्र की सांसद रमा देवी ने बताया कि पुल की समस्या किसानों के कारण उत्पन्न होती है. किसान मनमाने तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बावजूद इसके, उनकी मांग को स्वीकार कर लिया गया है और दोनों पुल का टेंडर भी हो चुका है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा.

सीतामढ़ी: जिले में पुल की समस्या को लेकर सीतामढ़ी और शिवहर जिले के लाखों लोग प्रभावित हैं. मुख्य मार्ग पर पुल नहीं होने के कारण 6 महीने तक 2-3 जिलों को जोड़ने वाली सड़क पर यातायात बाधित है. 2 अलग-अलग जगहों पर पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर के लगभग 50 गांव के यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

शोभा की वस्तु बनकर रह गया पुल
पहला मामला जिले के बसौल गांव के पास का है, जहां 6 सालों से 'मनुष्य मरा नदी' पर पुल तो बनकर तैयार है, लेकिन अप्रोच रोड नहीं बनने के कारण यह सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल का निर्माण 2013 में 6 करोड़ की लागत से ही किया गया था. स्थानीय किसानों को जमीन के मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया, जिस वजह से अप्रोच रोड के लिए उन लोगों ने अपनी निजी जमीन देने से मना कर दिया.

sitamarhi
चचरी पुल के सहारे यातायात

बाढ़ ने किया नवनिर्मित पुल को ध्वस्त
दूसरा मामला शिवहर जिले के तरियानी छपरा और मारड़ गांव के बीच का है, जहां 2016 में राजेंद्र सिंह एंड ब्रदर्स कंपनी ने करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कराया था. लेकिन, 2017 में आई भीषण बाढ़ ने नवनिर्मित पुल को ध्वस्त कर दिया. इस वजह से इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप है. यहां सिर्फ बाइक सवार और पैदल यात्री पुल के पास बनी बांस की चचरी पुल के सहारे यात्रा करते हैं.

sitamarhi
रामा देवी, सांसद, शिवहर लोकसभा क्षेत्र

3 जिलों की लाइफ लाइन है पुल
तरियानी छपरा पंचायत के मुखिया श्याम बाबू सिंह ने इन दोनों पुल के बारे में बताया कि ये दोनों ही पुल सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर को जोड़ने के लिए लाइफ लाइन का काम करेंगे. लेकिन, इसके निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि यदि इन दोनों पुल का निर्माण हो जाए, तो एक जिले से दूसरे जिले की ओर जाने में काफी कम दूरी तय करनी होगी. साथ ही आम लोगों को व्यवसाय के अवसर भी मिलेंगे.

पेश है रिपोर्ट

'जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य'
इस संबंध में शिवहर लोकसभा क्षेत्र की सांसद रमा देवी ने बताया कि पुल की समस्या किसानों के कारण उत्पन्न होती है. किसान मनमाने तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बावजूद इसके, उनकी मांग को स्वीकार कर लिया गया है और दोनों पुल का टेंडर भी हो चुका है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा.

Intro: सरकारी उदासीनता के कारण सीतामढ़ी और शिवहर जिले की लाखों की आबादी वर्षों से झेल रही है पुल की समस्या। Body: स्थानीय जनप्रतिनिधि और सरकार की उदासीनता के कारण सीतामढ़ी और शिवहर जिले की लाखों की आबादी बरसों से पुल की समस्या झेलने को विवश है। इसका नतीजा है कि मुख्य मार्ग पर पुल नहीं होने के कारण साल के 6 माह इस सड़क पर यातायात बाधित रहता है। और लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। हालांकि सुखार के मौसम में भी पुल नहीं होने के कारण भारी वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप्प है। छोटे वाहनों में केबल बाइक का परिचालन व मुश्किल से हो पा रहा है। और यह समस्या वर्ष 2013 से चलती आ रही है। लेकिन आज तक किसी सांसद विधायक या पुल निगम ने इस दिशा में ठोस पहल नहीं किया। इसका नतीजा है कि करीब 50 गांव की आबादी इस त्रासदी को झेल रही है। और इसको लेकर लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है।
पहली समस्या सीतामढ़ी जिले के बसौल गांव के समीप की है। जंहा 6 वर्षों से पुल बनकर तैयार है लेकिन अप्रोच नहीं होने के कारण यह नवनिर्मित पुल शोभा की वस्तु बन कर स्थानीय लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। स्थानीय लोगों का बताना है कि वर्ष 2013 में 6 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया। लेकिन अब तक इसका अप्रोच रोड नहीं बन पाया। ना ही स्थानीय किसानों को जमीन के मुआवजे का भुगतान किया गया। लिहाजा अब स्थानीय किसान अप्रोच रोड के लिए अपना निजी जमीन देने से परहेज कर रहे हैं। और इसी कारण अप्रोच का निर्माण अधर में लटका हुआ है। जबकि यह पुल पुरानी धार मनुष्य मरा नदी पर बनकर तैयार है। और यह पुल शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले को जोड़ने में अहम भूमिका रखती है।
बाइट 1. संतोष कुमार श्रीवास्तव। बसौल गांव निवासी शर्ट में।
दूसरी पुल की समस्या शिवहर जिले के तरियानी छपरा और मारड़ गांव के बीच की है। जहां वर्ष 2016 में राजेंद्र सिंह एंड ब्रदर्स कंपनी द्वारा करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था। लेकिन वर्ष 2017 में आई भीषण बाढ़ के कारण वह नवनिर्मित पुल ध्वस्त हो गया।जिसके बाद से इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन अब तक ठप पड़ा हुआ है। केवल बाइक, साइकिल और पैदल यात्री ही साल के 6 माह इस रास्ते से सफर करते हैं। बाकी छह माह यहां जलजमाव रहता है। नाव और चचरी पुल के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं होता। जबकि इस रास्ते से मुजफ्फरपुर, शिवहर और सीतामढ़ी प्रतिदिन हजारों लोग आते जाते हैं। लेकिन उन्हें फूल नहीं होने के कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पुल ध्वस्त होने के बाद से ऑटो, कार, ट्रैक्टर और भारी वाहनों का परिचालन अब तक बाधित है। बाइक सवार और पैदल सवार बांस की चचरी के सहारे अपना सफर पूरा कर रहे हैं। तरियानी छपरा पंचायत के मुखिया श्याम बाबू सिंह ने बताया कि सीतामढ़ी, शिवहर मुजफ्फरपुर को जोड़ने के लिए यह दोनों फुल लाइफ लाइन का काम करेगा। लेकिन इसके निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं हो रहा है। लिहाजा 50 गांव से अधिक की आबादी पुल की समस्या झेलने को विवश है। जनता चाहती है कि जल्द से जल्द अगर इस पुल का निर्माण हो जाता तो हजारों लोगों के लिए एक जिले से दूसरे जिले जाने में दूरी कम होती और समय का बचत होता। साथ ही व्यवसाय का अवसर आम लोगों को मिलता। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पा रहा है।
बाइट 2. श्याम बाबू सिंह। मुखिया तरियानी छपरा पंचायत। शिवहर जिला कुर्ता में।
इस संबंध में पूछे जाने पर इस क्षेत्र की सांसद रामा देवी ने बताया कि पुल की समस्या किसानों के कारण उत्पन्न है। क्योंकि किसान मनमाने तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। अब उनकी मांग मान ली गई है और दोनों फूल का टेंडर भी हो चुका है। जल्द ही अप्रोच बनाने और पुल निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद इस क्षेत्र की जो सबसे बड़ी समस्या है वह समाप्त हो जाएगी।
बाइट 3. रामादेवी। सांसद शिवहर लोकसभा क्षेत्र।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8,9,10Conclusion:पी टू सी:_राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.