सीतामढ़ी: जिले में लखनदेई नदी से गंदगी निकालने का अभियान जल्द शुरू किया जाएगा. जिसके लिये समाहरणालय में डीएम के साथ रैयतों की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में रैयत किसानों के मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. सभी किसानों ने खुशी-खुशी डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा को अपनी सहमति पत्र का ज्ञापन भी सौंप दिया है. जिसके लिए डीएम ने सभी किसानों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया है.
बता दें कि लखनदेई नदी के ड्रेनेज कार्य की अंतिम बाधा खत्म हो गई. डीएम की पहल रंग लाई है. डीएम के इस प्रयास के बाद लखनदेई एक बार फिर से अपने मूल स्वरूप में लौटेगा. सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान को इससे गति मिलेगी. इस नदी की उराही के बाद मनुष्यमरा नदी का भी काम जल्द प्रारंभ किया जाएगा. जिसकी जानकारी डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने दी.
सरकार के निर्देश पर ड्रेनेज कार्य शुरू
लखनदेई नदी नेपाल से निकलने के बाद बिहार के सीतामढ़ी जिले में छोटी भाषार गांव के पास प्रवेश करती है. जहां अतिक्रमण औक गाद के कारण कई भागों में बंट जाती है. लखनदेई को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने और अविरल प्रवाह को लेकर सरकार के निर्देश पर लखनदेई नदी के ड्रेनेज कार्य शुरू किया गया है. सोनबरसा अंचल के तीन गांव पीपरा कल्याण,खाप खोपरह और भारसंड में रैयतों के साथ भू अर्जन दर सहित कुछ बातों को लेकर असहमति थी. जिस कारण जिले की इस महत्वपूर्ण योजना में देर हो रहा था.
डीएम ने स्थल का किया था निरीक्षण
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने इस दिशा में गंभीरतापूर्वक प्रयास शुरू किया था. वह रैयतों के गांव गई और वहां उनसे बातचीत की. साथ ही क्षेत्र का स्थल निरीक्षण भी किया. रैयतों को विस्तार से इस योजना के महत्व के बारे में समझाया. डीएम के प्रयास को तीनों गांवों के रैयतों ने भी साथ दिया. समाहरणालय में आयोजित बैठक में रैयतों के मांगों को स्वीकार कर लिया गया.
क्षेत्र में आयेगी हरियाली
लखनदेई नदी सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान को एक बड़ी गति प्रदान करेगी. नेपाल भाग से लिंक होते ही लखनदेई की अविरलता काफी बढ़ जाएगी. जिले के किसानों को सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी. पानी के अविरल प्रवाह से नदी में जल कुम्भी उगने की समस्या खत्म हो जाएगी. लखनदेई नदी की सफाई हो जाने के कारण पानी का प्रवाह अविरल होगा. जिससे बारिश या बाढ़ के समय भी उसका पानी बड़ी ही आसानी से निकल जायेगी. जब लखनदेई नदी में जल का प्रवाह निरन्तर होगा, तो निश्चित रूप से उसके आस-पास के क्षेत्र में हरियाली आयेगी.
62 करोड़ की राशि हो चुकी खर्च
लखनदेई नदी की उराही और गाद सफाई के बाद नेपाल से निकलकर मनुष्य मारा नदी का भी कायाकल्प किया जाएगा. हालांकि मनुष्य मारा नदी पर अब तक 62 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है. इसके बावजूद उस नदी का अब भी उतना ही बुरा हाल है, जितना पहले था. स्थानीय लोगों ने बताया कि विभाग की उदासीनता और रीगा मील की मनमानी के कारण मनुष्य मारा नदी का जल बेहद दूषित हो चुका है. जिस कारण जलीय जीव के साथ किसानों के फसल के लिए भी यह पानी काफी जहरीला साबित हो रहा है.