शेखपुरा: कोरोना काल में हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशासनिक गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. गाइडलाइन के अनुसार चुनावी सभा के लिए मैदान में जुटने वाले लोगों की संख्या निर्धारित की गई है. सभा के दौरान लोगों को कोरोना के खतरे से बचने के लिए दो गज की दूरी का पालन करते हुए बैठाना है. लेकिन इन गाइडलाइनों का पालन नहीं किया जा रहा है.
जिले में अब तक तीन बड़ी चुनावी सभाएं हुई. जिसमें राष्ट्रीय स्तर के नेता पहुंचे. इस दोनों सभाओं में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ. दोनों सभाओं में मैदान की क्षमता से अधिक लोग पहुंचे. बिना सोशल डिस्टेंसिंग के लोग एक-दूसरे से करीब दिखे. मैदान में प्रवेश से पहले न तो लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और ना ही प्रशासन अथवा सभा आयोजकों की ओर से मास्क का वितरण ही किया गया. चुनावी सभा में जुटी भीड़ को देख लोग कहते दिखे कि चुनाव की घोषणा से पहले तक जिस प्रशासन ने हमलोगों को दुकान और बैंकों की कतार में खड़ा करवाया वही आज नेताओं के सामने फेल हो चुके हैं.
आरओ की लिखित शिकायत पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में शेखपुरा के डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी इनायत खान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चुनावी सभा के लिए मैदान की क्षमता कितने लोगों की है, कितने लोगों के लिए अनुमति दी गई है और कितनी भीड़ जुटी इन सब की जिम्मेदारी संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के आरओ की है. अगर चुनावी सभा में क्षमता से अधिक लोगों की भीड़ जुटी है तो शेखपुरा और बरबीघा विधानसभा के आरओ से इस संबंध में जानकारी ली जाएगी. संबंधित क्षेत्र के आरओ द्वारा शिकायत मिलती है तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी.
आरओ को नहीं है मैदान की क्षमता की जानकारी
170 बरबीघा विधानसभा के आरओ सह डीसीएलआर संजय कुमार ने कहा कि गुरुवार को शेखोपुरसराय अंतर्गत नीमी कॉलेज मैदान में सीएम नीतीश कुमार का चुनावी सभा थी. इस मैदान की क्षमता क्या है उन्हें नहीं पता है. जबकि 169 शेखपुरा विधानसभा के आरओ सह एसडीओ निशांत ने कहा कि शनिवार को चेवाड़ा प्रखंड के आजाद मैदान जाप प्रमुख पप्पू यादव और रविवार को घाटकुसुम्भा प्रखंड के गगौर हाई स्कूल के मैदान में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का चुनावी सभा का आयोजन किया गया था. इस मैदान की क्षमता कितनी है उन्हें पता नहीं है. इसकी जानकारी निर्वाचन पदाधिकारी ही दे सकते हैं.
आरोप-प्रत्यारोप जारी
वहीं, मामले पर उप निर्वाचन पदाधिकारी प्रशांत शेखर ने बताया कि किस मैदान की कितनी क्षमता है, संबंधित विधानसभा के आरओ अनुमति लेने के दौरान पार्टी के लोगों को देते हैं. इसकी जबाबदेही संबंधित आरओ की होती है. उन्हें इसकी जानकारी नहीं है यह हैरत की बात है.