शेखपुरा: ''चौबे जी गए थे छब्बे बनने और दुबे बनकर लौटे'' यह कहावत बिहार के शेखपुरा (Shiekhpura) में चरितार्थ होते देखने को मिली. दरअसल, बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 4 के चन्दूकुआं निवासी सुनील कुमार ने जुलाई में अपने पड़ोसियों के खिलाफ अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें बताया कि उसने अपनी जमीन पर नवनिर्मित मकान बनाया है, जबकि मेरे घर तक जाने वाले रास्ते में मेरे पड़ोसियों ने अवैध रूप से पुष्टा का निर्माण कर दिया गया है. जिसकी वजह से मेरे घर तक दो पहिया वाहन और ठेले के आने में भी समस्या हो रही है.
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सुनील कुमार ने कहा कि मेरा नया मकान वार्ड संख्या 3 के डगरपर मोहल्ले में है, जिसके सामने आम रास्ता है. जिस पर मोहल्ले के कपिल प्रसाद, अर्जुन प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, महंत प्रसाद, अनिल प्रसाद और शंकर प्रसाद ने आम रास्ता पर अतिक्रमण कर पुष्टा का निर्माण कर लिया है. दायर परिवाद के आलोक में अनुमंडलीय लोक शिकायत पदाधिकारी ने नगर परिषद बरबीघा के द्वारा गली का नापी करवाया गया. मापी प्रतिवेदन के आधार पर बरबीघा ईओ ने सभी व्यक्तियों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया लेकिन उन लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया.
जिसके बाद अनुमंडलीय लोक शिकायत पदाधिकारी के आदेश पर बरबीघा नगर परिषद ने कार्रवाई करते हुए सभी 6 लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर बनाये गये पुष्टा तोड़कर हटाया गया. इस दौरान परिवादी के मकान की जांच संग्राहक द्वारा की गई. जांच में पाया गया कि परिवादी सुनील कुमार ने नगर परिषद से बिना नक्शा स्वीकृति के मकान निर्माण किया हुआ है. जिसमें वो फर्नीचर और लकड़ी का कारोबार करते हैं, जिसके कारण वायु एवं ध्वनि प्रदूषण होता है. इससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही इनके द्वारा व्यापार करने का लाइसेंस भी नहीं लिया गया है.
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बरबीघा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार ने अवैध रूप से आरा मिल का संचालन कर रहे परिवादी सुनील कुमार को दोषी मानते हुये जांच प्रतिवेदन के आधार पर बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा 314, 315 एवं 342 और बिहार भवन उपविधि-2014 की धारा-76(3) एवं धारा-77 और बिना लाइसेंस का व्यापार करने पर बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा 426 के तहत दोषी मानते हुए 4 लाख 41 हजार 740 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है.