शेखपुरा: ट्रक परिचालन में सुविधा देने की मांग को लेकर ट्रक ऑनर एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को जिले में ट्रकों का परिचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गया है. इस दौरान शहर के रामाधीन कॉलेज मोड़ के समीप बड़ी संख्या में ट्रकों को खड़ा कर ट्रक ऑनर्स ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की है. वहीं, शेखपुरा ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के बैनर तले ट्रक संचालकों ने सरकार की मनमानियों के विरोध में पूरी तरह मोर्चा खोलते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है.
20 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने कि हड़ताल शुरू
वहीं, इस पर जिला ट्रक ऑनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि राज्य स्तरीय चक्का जाम का नेतृत्व बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन के बैनर तले 20 सूत्री मांग को लेकर किया गया है. वहीं, सचिव संतोष कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू नए परिवहन कानून में संशोधन या कानून को वापस लिया जाए, पुराना कानून लागू किया जाए आदि मांगें शामिल है, उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपने मनमाने रवैये को जारी रखती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करते हुए सड़कों को जाम कर दिया जाएगा. वहीं, ट्रक ऑनर्स की हड़ताल के कारण जिला प्रशासन सतर्कता बरत रहा है.
सरकार की गलत नीतियों पर ट्रक मालिकों को एतराज
आंदोलन पर उतरे ट्रक मालिकों ने सरकार की तानाशाह नीतियों पर कड़ा एतराज जताया है. ट्रक मालिकों ने कहा कि इन नीतियों के अनुसार बिना माइनिंग पेपर के अगर ओवरलोड ट्रक को पकड़ा जाता है, तो चालक के साथ-साथ ट्रक मालिक को भी जेल भेजा जाएगा और उस वाहन की नीलामी करा दी जाएगी, यह यथोचित गलत है, उन्होंने कहा कि ट्रक मालिक हमेशा वाहन पर मौजूद नहीं रहते, ऐसे में अगर कोई चालक वाहन को ओवरलोड कर दे तो वाहन मालिक को जेल भेजना और वाहन को नीलाम करना न्याय संगत नहीं है, बल्कि वाहन पर जुर्माना किया जाना उचित है.
सरकार पर मनमानी करने का लगाया आरोप
इसके अलावा इ लॉक सिस्टम और वाहन को जीपीएस से लैस करने की अनिवार्यता के मामले में सरकार ने दो जीपीएस कंपनियों को चिन्हित किया है और उसी से जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है, जहां इस सिस्टम को लगाने में 15 -20 हजार रूपये का खर्च आ रहा है. जबकि, अगर दूसरे कंपनी में यह सिस्टम लगाया जाए तो महज चार से पांच हज़ार रुपये का ही खर्च आएगा, ऐसे में सरकार ने दो कंपनियों को चिन्हित कर मनमानी का परिचय दिया है. ट्रक मालिकों ने साफ कहा कि इस नीति से ट्रक मालिक पूरी तरह बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे.
परिचालन ठप होने से कई कार्यो पर पड़ेगा असर
ट्रकों के परिचालन ठप होने के बाद कई कार्यो पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिले में आने वाले खाद्य पदार्थों पर इसका निश्चित प्रभाव पड़ेगा, ऐसे में इन खाद्य पदार्थों की कीमतों में निश्चित ही बढ़ोतरी होगी और इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. इसके अलावा निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित होंगे, साथ ही घरेलु रसोई सिलेंडर, बालू , पत्थर समेत कई अन्य सामग्रियों की ढुलाई पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा.
प्रतिदिन करोड़ों का होता है टर्नओवर
बता दें कि महज शेखपुरा जैसे छोटे जिले में ट्रकों के परिचालन से प्रतिदिन करोड़ों का टर्नओवर होता है. बताया जाता है कि महज शेखपुरा में ही करीब चार हजार से अधिक की संख्या में ट्रक हैं और यहां प्रतिदिन करीब 8 हजार ट्रकों का आवागमन होता है. शेखपुरा माइनिंग तथा गुलाबी प्याज के लिए काफी प्रसिद्ध क्षेत्र माना जाता है और यहां के ट्रकों पर मुख्य रूप से पत्थरों की ढुलाई की जाती है.
विधि व्यवस्था को बनाये रखने के दिए निर्देश
बिहार ट्रक एसोसिएशन द्वारा सोमवार से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम बिहार में पूर्णतः वापस करने, उत्तर बिहार से लौट रहे खाली ट्रकों का परिचालन प्रारंभ करने आदि मांगों के समर्थन में राज्य के ट्रक व्यवसाय द्वारा चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया है, जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को क्षेत्र के व्यस्ततम मार्गो में पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त कर ट्रक एसोसिएशन के द्वारा आवागमन अवरुद्ध करने से रोकने का निर्देश दिया गया है.
थानों को किया गया अलर्ट
इसके साथ ही सभी पुलिस थानों को पूरी तैयारी के साथ अलर्ट कर दिया गया है, साथ ही उन्होंने निर्देश दिया गया कि विधि व्यवस्था बिगड़ने पर सुसंगत प्रवाधानों के आलोक में सख्त कार्रवाई करने तथा वाहन मालिकों, ट्रक चालकों को चिन्हित करते हुए मोटर अधिनियम के तहत वाहनों पर कार्रवाई करने की निर्देश भी दिया गया है.