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वोट मांगने पहुंचे श्रवण कुमार का विरोध, लगाए गये मुर्दाबाद के नारे, कहासुनी के बाद बैरंग लौटे मंत्री

बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का पंचायत चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी के पक्ष में कथित रूप से प्रचार करना भारी पड़ गया. लोगों ने मंत्री का जमकर विरोध किया. इस दौरान उनकी स्थानीय लोगों से कहासुनी हुई और उन्हें वापस लौटना पड़ा.

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार
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Published : Oct 13, 2021, 5:20 AM IST

Updated : Oct 13, 2021, 5:35 AM IST

शेखपुरा: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Election in Bihar) में सभी दल स्थानीय स्तर पर अपने समर्थकों को वोट दिलाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सरकार से जुड़े लोग अपने करीबियों को जिताने के लिए लगे हैं. वहीं, पंचायत चुनाव के दौरान बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shravan Kumar) का गांव में जाना महंगा पड़ गया. ग्रामीणों ने वोट मांगने का आरोप लगाकर जमकर उनका विरोध किया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाये. जिससे नीतीश के मंत्री श्रवण कुमार को गांव से बैरंग वापस लौटना पड़ा (Minister Shravan Kumar Returned due to Protest).

ये भी पढ़ें- ग्रामीण विकास मंत्री ने महात्मा गांधी को किया नमन, कहा- विकास के लिए स्वच्छता जरूरी

बता दें कि बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को सदर प्रखंड अंतर्गत कोसरा पंचायत के जोघनबीघा गांव पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने निवर्तमान मुखिया मैबूल सिन्हा के पक्ष में वोट मांगने का आरोप लगाकर उनका विरोध किया. इस दौरान मंत्री से ग्रामीणों की जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई और लोगों उनके सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाए.

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में पंचायत में कोई काम नहीं हुआ है. उसके बावजूद मंत्री एक प्रत्याशी के लिए गांव में घूम रहे हैं. इसी बात से नाराज स्थानीय लोगों ने मंत्री का विरोध किया और उन्हें खरी-खोटी सुनाई. कई बार ग्रामीण उग्र भी हुए. जिससे मंत्री को वापस होना पड़ा.

देखें वीडियो

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पूर्व की योजनाओं को जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन उन योजनाओं के निरीक्षण के बहाने मंत्रियों व विधायकों को पंचायत भ्रमण पर पाबंदी लगायी है. शिलान्यास और उद्घाटन समारोह पर भी रोक है. राज्य चुनाव आयोग के सख्त निर्देश के बावजूद बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार कोसरा पंचायत के निवर्तमान मुखिया मैबूल सिन्हा के पक्ष में जोघनबीघा गांव पहुंचकर जनसंपर्क अभियान चलाये. जिससे नाराज ग्रामीणों ने मंत्री श्रवण कुमार का जमकर विरोध विरोध किया. मौके पर ग्रामीणों ने मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं मुखिया प्रतिनिधि निवास राय के विरुद्ध जमकर जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीणों का विरोध देखकर मंत्री श्रवण कुमार को वापस लौटना पड़ा. इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा कोरोना गाइडलाइन एवं आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना, मनरेगा का चालू योजना आदि जारी रखने की अनुमति चुनाव आयोग ने दे रखी है. लेकिन इस पाबंदी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस अनुमति का कोई राजनीतिक लाभ न उठाने पाए.

अब देखना होगा कि पंचायत चुनाव के दौरान बिहार सरकार के मंत्री का किसी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पर क्या जिला निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से कोई एक्शन लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- खुद को साबित करने की कोशिश में तेज प्रताप, लालू के आने से पहले बदल गए RJD नेताओं के तेवर

शेखपुरा: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Election in Bihar) में सभी दल स्थानीय स्तर पर अपने समर्थकों को वोट दिलाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सरकार से जुड़े लोग अपने करीबियों को जिताने के लिए लगे हैं. वहीं, पंचायत चुनाव के दौरान बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shravan Kumar) का गांव में जाना महंगा पड़ गया. ग्रामीणों ने वोट मांगने का आरोप लगाकर जमकर उनका विरोध किया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाये. जिससे नीतीश के मंत्री श्रवण कुमार को गांव से बैरंग वापस लौटना पड़ा (Minister Shravan Kumar Returned due to Protest).

ये भी पढ़ें- ग्रामीण विकास मंत्री ने महात्मा गांधी को किया नमन, कहा- विकास के लिए स्वच्छता जरूरी

बता दें कि बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को सदर प्रखंड अंतर्गत कोसरा पंचायत के जोघनबीघा गांव पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने निवर्तमान मुखिया मैबूल सिन्हा के पक्ष में वोट मांगने का आरोप लगाकर उनका विरोध किया. इस दौरान मंत्री से ग्रामीणों की जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई और लोगों उनके सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाए.

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में पंचायत में कोई काम नहीं हुआ है. उसके बावजूद मंत्री एक प्रत्याशी के लिए गांव में घूम रहे हैं. इसी बात से नाराज स्थानीय लोगों ने मंत्री का विरोध किया और उन्हें खरी-खोटी सुनाई. कई बार ग्रामीण उग्र भी हुए. जिससे मंत्री को वापस होना पड़ा.

देखें वीडियो

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पूर्व की योजनाओं को जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन उन योजनाओं के निरीक्षण के बहाने मंत्रियों व विधायकों को पंचायत भ्रमण पर पाबंदी लगायी है. शिलान्यास और उद्घाटन समारोह पर भी रोक है. राज्य चुनाव आयोग के सख्त निर्देश के बावजूद बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार कोसरा पंचायत के निवर्तमान मुखिया मैबूल सिन्हा के पक्ष में जोघनबीघा गांव पहुंचकर जनसंपर्क अभियान चलाये. जिससे नाराज ग्रामीणों ने मंत्री श्रवण कुमार का जमकर विरोध विरोध किया. मौके पर ग्रामीणों ने मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं मुखिया प्रतिनिधि निवास राय के विरुद्ध जमकर जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीणों का विरोध देखकर मंत्री श्रवण कुमार को वापस लौटना पड़ा. इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा कोरोना गाइडलाइन एवं आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना, मनरेगा का चालू योजना आदि जारी रखने की अनुमति चुनाव आयोग ने दे रखी है. लेकिन इस पाबंदी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस अनुमति का कोई राजनीतिक लाभ न उठाने पाए.

अब देखना होगा कि पंचायत चुनाव के दौरान बिहार सरकार के मंत्री का किसी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पर क्या जिला निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से कोई एक्शन लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- खुद को साबित करने की कोशिश में तेज प्रताप, लालू के आने से पहले बदल गए RJD नेताओं के तेवर

Last Updated : Oct 13, 2021, 5:35 AM IST
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