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शेखपुरा सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी ने ली प्रसूता की जान, एक दिन पहले ही MLA ने लगाई थी क्लास

आरोप है कि डॉक्टरों की कमी के चलते प्रसूता को इलाज नहीं मिल सका. लिहाजा, उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई. मामले के बाद से परिजनों ने सदर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बिहार
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Published : Dec 2, 2020, 12:40 PM IST

शेखपुरा: सदर अस्पताल की विधि-व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. अस्पताल की कुव्यवस्था के चलते हर रोज मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बार फिर डॉक्टरों की कमी के चलते एक गर्भवती ने दम तोड़ दिया है.

मामला करंडे थाना अंतर्गत छठियारा गांव निवासी खुशबू देवी की मौत का है. दो दिन पहले खुशबू की डिलीवरी चेवाड़ा पीएचसी में हुई थी. वहीं, जच्चा-बच्चा की हालत नाजुक देखते हुए दोनों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. खुशबू और उसके नवजात शिशु को अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया कि यहां बच्चे को एसएनसीयू में रखा गया, जबकि खुशबू को इमरजेंसी वार्ड में. लेकिन डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते उसका इलाज ठीक से नहीं हो सकता और खुशबू ने दम तोड़ दिया.

एक दिन पहले ही विधायक ने किया था निरीक्षण
एक दिन पहले ही विधायक ने किया था निरीक्षण

एक दिन पहले ही विधायक ने दी थी चेतावनी
घटना के बाद परिजनों में अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. इस बाबत परिजन पप्पू कुमार ने बताया कि प्रसूता की स्थिति खराब थी और वे सभी लोग नर्स से डॉक्टर को बुलाने की बात कर रहे थे. लेकिन डॉक्टर नहीं आए, कुछ ही देर बाद प्रसूता ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

बता दें कि एक दिन पहले ही स्थानीय विधायक विजय सम्राट ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था. उन्होंने डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कार्रवाई की बात भी कही थी. लेकिन हालात ठीक होते नहीं दिखाई दिए. इसका जीता जागता उदाहरण खुशबू का इलाज के अभाव में मौत होना है. सोमवार को भी इलाज कराने उकसी, कटरा चौक सहित अन्य जगह से पहुंचे मरीजों को जेनरल ओपीडी के सामने घंटों इंतजार करना पड़ा. इसको लेकर मरीजों में डॉक्टरों के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

शेखपुरा: सदर अस्पताल की विधि-व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. अस्पताल की कुव्यवस्था के चलते हर रोज मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बार फिर डॉक्टरों की कमी के चलते एक गर्भवती ने दम तोड़ दिया है.

मामला करंडे थाना अंतर्गत छठियारा गांव निवासी खुशबू देवी की मौत का है. दो दिन पहले खुशबू की डिलीवरी चेवाड़ा पीएचसी में हुई थी. वहीं, जच्चा-बच्चा की हालत नाजुक देखते हुए दोनों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. खुशबू और उसके नवजात शिशु को अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया कि यहां बच्चे को एसएनसीयू में रखा गया, जबकि खुशबू को इमरजेंसी वार्ड में. लेकिन डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते उसका इलाज ठीक से नहीं हो सकता और खुशबू ने दम तोड़ दिया.

एक दिन पहले ही विधायक ने किया था निरीक्षण
एक दिन पहले ही विधायक ने किया था निरीक्षण

एक दिन पहले ही विधायक ने दी थी चेतावनी
घटना के बाद परिजनों में अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. इस बाबत परिजन पप्पू कुमार ने बताया कि प्रसूता की स्थिति खराब थी और वे सभी लोग नर्स से डॉक्टर को बुलाने की बात कर रहे थे. लेकिन डॉक्टर नहीं आए, कुछ ही देर बाद प्रसूता ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

बता दें कि एक दिन पहले ही स्थानीय विधायक विजय सम्राट ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था. उन्होंने डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कार्रवाई की बात भी कही थी. लेकिन हालात ठीक होते नहीं दिखाई दिए. इसका जीता जागता उदाहरण खुशबू का इलाज के अभाव में मौत होना है. सोमवार को भी इलाज कराने उकसी, कटरा चौक सहित अन्य जगह से पहुंचे मरीजों को जेनरल ओपीडी के सामने घंटों इंतजार करना पड़ा. इसको लेकर मरीजों में डॉक्टरों के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

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