शेखपुरा: जिले के बरबीघा विधानसभा चुनाव 2020 का चुनावी संघर्ष इतिहास रच दिया है. 1952 से अब तक हुए चुनाव में काटें की टक्कर में कुल 24 राउंड के मतगणना में जदयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार को कांग्रेस प्रत्याशी गजानन्द शाही से कड़ी टक्कर मिली. बरबीघा प्रखंड के 10 पंचायत और शेखोपुरसराय प्रखंड के 7 पंचायत सहित शेखपुरा के 10 पंचायतों में कांग्रेस प्रत्याशी गजानन्द शाही को बढ़त मिली.
113 मतों से हराया
जिले में बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के कुल 27 पंचायतों के 24 पंचायतों में जदयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार ने मात्र 113 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी गजानंद शाही को हराया. इस जीत की खुशी में सुदर्शन कुमार के समर्थक झूम उठे और खुशी में जमकर मिठाईयां बांटी और पटाखे भी फोड़े. इस दौरान मतगणना केंद्र बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ती रही.
2015 के चुनाव में भी सुदर्शन ने जीत की थी हासिल
बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बनने वाले जदयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव को 15 हजार मतों से जीता था. इस चुनाव में सुदर्शन कुमार कांग्रेस प्रत्याशी थे, उन्होंने तब राजग के प्रत्याशी शिवकुमार को हराया था. वहीं इस बार मात्र 113 मतों से जीत हासिल किया है.
सुदर्शन की जीत में सांसद दादा राजो सिंह की पहचान का रहा योगदान
बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से विजयी जदयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार की जीत में आखिरकार उनके सांसद दादा राजो सिंह की राजनीतिक पहचान कामयाब रहा. शेखपुरा को फर्श से अर्श पर पहुंचाने वाले राजो सिंह का बरबीघा क्षेत्र आज भी मुरीद है. बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के हथियावां और कटारी पंचायत के मतदाता सांसद राजो सिंह को अपना आदर्श मानते हैं.सुदर्शन कुमार अन्य पंचायतों में कांग्रेस प्रत्याशी गजानन्द शाही से पिछड़ रहे थे. वहीं हथियावां और कटारी पंचायत के मतदाताओं ने उन्हें बढ़त दिलाई और सुदर्शन कुमार को जीत का माला गब्बे पंचायत के लोगों ने पहनाया. इस जीत में बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र का भी योगदान रहा है.
पल-पल की रिपोर्ट पर रही नजर
जिले में मंगलवार को बरबीघा क्षेत्र वासी मतगणना के पल-पल की रिपोर्ट पर अपनी नजर टिकाए रखे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीवी से चिपके रहें. वहीं शहर के लोग टीवी सहित मोबाइल पर अपने क्षेत्र सहित प्रदेश स्तर पर चुनावी रुझान पर मंथन और विश्लेषण करते देखे गए. इस दौरान लोगों ने कहा कि प्राप्त हो रहे रुझान एग्जिट पोल के सभी दावों को झूठला दिया है. इस रुझान से स्पष्ट हो गया है कि महिलाओं और छुपे वोटरों ने एनडीए के पक्ष में वोट डालने का काम किया है. बरबीघा में महागठबंधन का बेरोजगारी का मुद्दा नहीं चल सका है.