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शेखपुरा: सुखेंदु मोहन की चौथी किताब 'महान हस्तियों के अंतिम पल' का हुआ लोकार्पण - fourth book of sukhendu mohan

शेखपुरा के फेमस लेखक सुखेंदु मोहन की चौथी किताब बाजारों में आ गई है. सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए किताब का लोकार्पण किया गया.

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Published : May 29, 2020, 10:24 PM IST

शेखपुरा: प्रख्यात लेखक सुखेंदु मोहन की चौथी किताब आज यानी शुक्रवार को लॉच हो गई है. सुखेंदु मोहन ने अपनी चौथी किताब 'महान हस्तियों का अंतिम पल' का लोकार्पण बरबीघा में किया है. राजकमल प्रकाशन की ओर से प्रकाशित की गई किताब को लेखक ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किताब का लोकार्पण एसके आर कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ. नागेश्वर सिंह, लोकप्रिय चिकित्सक डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह, डॉ.रामनंदन कुमार, समाजवादी नेता शिव कुमार आदि के घरों में किया गया.

पिछले 3 दशकों से लेखन कार्य में जुटे सुखेंदु मोहन की इस पुस्तक को राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित होने में 5 साल लग गए. उन्होंने बताया कि 'महान हस्तियों के अंतिम पल' के तथ्यों को जुटाने में पूरे 5 वर्ष लग गए. किताब पूरी होने के बाद वे पिछले 2 साल से प्रकाशन के लिए राजकमल प्रकाशन समूह के कार्यालय का चक्कर लगाते रहे. लेखक ने आगा बताया कि पूरे 2 साल तक इंतजार करने के बाद उनकी रचित किताब को प्रकाशन में छापने की अनुमति दी.

जानिए लेखक का इतिहास
बता दें कि इससे पहले उनकी 'सामाजिक चिंतन पर कसक', 'देश की एकता पर हिंदुस्तान की एकता' और 'येशु और बापू' जैसी किताबें छप चुकी हैं. वे हरिद्वार से प्रकाशित पत्रिका 'शाश्वत ज्योति' के संपादकीय मंडल में शामिल रह चुके हैं. करीब 3 सालों तक मासिक पत्रिका समग्र विचार का भी संपादन करते रहे. वे वर्तमान में प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा में पिछले 11 सालों से सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं.

शेखपुरा: प्रख्यात लेखक सुखेंदु मोहन की चौथी किताब आज यानी शुक्रवार को लॉच हो गई है. सुखेंदु मोहन ने अपनी चौथी किताब 'महान हस्तियों का अंतिम पल' का लोकार्पण बरबीघा में किया है. राजकमल प्रकाशन की ओर से प्रकाशित की गई किताब को लेखक ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किताब का लोकार्पण एसके आर कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ. नागेश्वर सिंह, लोकप्रिय चिकित्सक डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह, डॉ.रामनंदन कुमार, समाजवादी नेता शिव कुमार आदि के घरों में किया गया.

पिछले 3 दशकों से लेखन कार्य में जुटे सुखेंदु मोहन की इस पुस्तक को राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित होने में 5 साल लग गए. उन्होंने बताया कि 'महान हस्तियों के अंतिम पल' के तथ्यों को जुटाने में पूरे 5 वर्ष लग गए. किताब पूरी होने के बाद वे पिछले 2 साल से प्रकाशन के लिए राजकमल प्रकाशन समूह के कार्यालय का चक्कर लगाते रहे. लेखक ने आगा बताया कि पूरे 2 साल तक इंतजार करने के बाद उनकी रचित किताब को प्रकाशन में छापने की अनुमति दी.

जानिए लेखक का इतिहास
बता दें कि इससे पहले उनकी 'सामाजिक चिंतन पर कसक', 'देश की एकता पर हिंदुस्तान की एकता' और 'येशु और बापू' जैसी किताबें छप चुकी हैं. वे हरिद्वार से प्रकाशित पत्रिका 'शाश्वत ज्योति' के संपादकीय मंडल में शामिल रह चुके हैं. करीब 3 सालों तक मासिक पत्रिका समग्र विचार का भी संपादन करते रहे. वे वर्तमान में प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा में पिछले 11 सालों से सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं.

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