शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले में कैथवा गांव में 19 स्कूली बच्चों के संक्रमित पाए जाने के बाद 5 अन्य बच्चे भी कोरोना संक्रमित (Five Children Found Corona Positive) पाए हैं. जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. इस केस के बाद कैथवा गांव को कंटेनमेंट जोन बनाकर सील किया गया. स्कूली बच्चों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मंगलवार को स्कूली बच्चों के संपर्क में आए नगर परिषद क्षेत्र के पचना गांव के जीएमएन पब्लिक स्कूल (Corona Testing In GMN Public School) के बच्चों की कोरोना जांच की गई. ये सभी बच्चे कैथवा के संक्रमित पाए गए बच्चों के साथ पढ़ते थे.
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कैथवा के कुछ संक्रमित बच्चे शहर के प्राइवेट स्कूल के छात्र भी हैं. जिससे शेखपुरा के उस तथाकथित निजी स्कूल में भी बच्चों के संक्रमित मिलने की संभावना बढ़ गयी है. पांचों संक्रमित बच्चों के रिपोर्ट को आरटीपीसीआर जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है. बता दें कि शेखपुरा जिले में कोरोना महामारी से जंग लड़ने में हर स्तर पर लापरवाही देखने को मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और पुलिस के द्वारा कोरोना का स्पेशल बजट, मैनपावर सहित अन्य सभी सुविधाएं मिलने के बावजूद भी लापरवाही बरत रहे हैं.
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आमजन कोरोना से भयमुक्त होकर बाजारों में बिना मास्क के बेखौफ होकर घूम रहे हैं. सरकार द्वारा कोरोना से निपटने के लिए हाल ही में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, बजट के अलावा नए चिकित्सक आदि की अतिरिक्त सुविधाएं दी है. इन सबके बावजूद जिले में कोरोना संक्रमितों का आकंड़ा रफ्तार पकड़े हुए है.
दिसंबर महीने में मात्र एक सप्ताह के अंदर 23 कोरोना संक्रमण के मामले आए थे. वहीं मंगलवार को 5 स्कूली बच्चे संक्रमित मिलने से जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है. इसमें स्वास्थ्य विभाग की जितनी ढिलाई कही जा सकती है, उतनी ही आमजनों की भी लापरवाही देखने को मिल रही है.
स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आये लोगों को अब तक ठीक तरीके से आइसोलेट नहीं कर पाया है और न टीम बनाकर संपर्क में आये लोगों की टेस्टिंग करायी जा रही है. जिससे जिले में कोरोना विस्फोट होने के संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आमजन की लापरवाही भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ाने में काफी सहायक सिद्ध हो रही है.
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बाजारों में लोगों का बिना मास्क के घूमना आम बात हो गई है. बस स्टैंड पर प्राइवेट बस संचालकों द्वारा निर्धारित संख्या से अधिक सवारियां बैठाई जाती हैं और उनकी बस में कोई स्क्रीनिंग आदि भी नहीं की जा रही है. दुकानों में दुकानदार या संचालक भी बिना मास्क के ही दिखाई देते है. जिससे कोरोना फैलने की पूरी संभावना है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान के तहत 08 जनवरी को समीक्षा बैठक होनी है. जिला पदाधिकारी द्वारा कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जखराज स्थान स्थित कोविड केयर सेंटर को किसी भी विशेष परिस्थिति के लिए सिविल सर्जन शेखपुरा को सभी आवश्यक सुविधा के साथ तैयार करने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शेखपुरा सिविल सर्जन को जिले में अधिक से अधिक संख्या में कोविड-19 की जांच करने और टीकाकरण की गति को बढ़ाने का निर्देश दिया है.
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जिला पदाधिकारी के द्वारा शेखपुरा जिलान्तर्गत सभी प्रखंड के पदाधिकारी, नगर परिषद् पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी शेखपुरा को निर्देश दिया गया है कि शेखपुरा जिलान्तर्गत सभी स्थानों पर मास्क चेकिंग अभियान चलाया जाए. इसके साथ बगैर मास्क वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाए. वहीं कोरोना से बचने के लिए लोग मास्क लगाए एवं सोशल डिस्टेंसिग का पालन करें. इसके साथ ही विद्यालय का शैक्षणिक कार्य स्थगित करना का दिया गया है.
बता दें कि सदर प्रखंड के कैथवा गांव में सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शेखपुरा के द्वारा शिविर लगाकर कोरोना जांच किया गया था. जिसमें 14 बच्चे संक्रमित पाए गए थे. जिसे लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा संक्रमित पाए गए बच्चे जो जिले के किसी भी गैर सरकारी सरकारी विद्यालय में नामांकन होकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उसे तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्देश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान ने बताया कि कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने के कारण अवकाश घोषित कर दिया गया है. ऐसी परिस्थिति में कैथवा गांव के बच्चे किसी भी सरकारी, गैर सरकारी या निजी विद्यालय में नामांकित होकर पठन-पाठन कार्य कर रहे हैं, तो तत्काल प्रभाव से पठन-पाठन का कार्य मुक्त करने का निर्देश दिया है.
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इसके साथ ही विद्यालय के विद्यालय प्रधान एवं सभी शिक्षक विद्यालय में कोविड-19 के संबंध में विभाग के द्वारा दिशा निर्देश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है. 23 दिसंबर को शेखपुरा में कोरोना संक्रमित शिक्षक को आइसोलेट करने की कोई व्यवस्था नही की गई, जिससे वो बैेंगलोर भाग निकले. संक्रमित युवक पेशे से शिक्षक है, जो घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाता था. स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से संक्रमित युवक के संपर्क में आये बच्चों को पूरी तरह न तो टेस्टिंग कर पाया है और न सभी की पहचान के आइसोलेट कर पाया है. जिससे न जाने कितने लोग उनके संपर्क में आकर अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके होंगे. शिक्षक युवक के बाद उसकी मां भी संक्रमित पायी गयी थी. जिसके बाद कुल 24 बच्चों में संक्रमण पाया गया.
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