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शेखपुरा: बारिश से खिले किसानों के चेहरे, धान की रोपनी हुई तेज - धान की रोपाई

रविवार को हुई बारिश से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल उठे हैं. बारिश होने के बाद से किसान धान की रोपनी में जुट चुके हैं.

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Published : Jul 19, 2020, 8:53 PM IST

शेखपुरा: जिले में रविवार की सुबह से रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे जहां खिल उठे. वहीं, भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिली है. जिन किसानों ने धान की रोपाई पानी के अभाव में बंद कर दिया था, वे अब खेत तैयार कर धान रोपाई करने में जुट गए.

धान की रोपाई में जुटे किसान
किसान मजदूर लगाकर धान की रोपाई कराने में लग गए. किसानों की मानें तो कई सालों बाद पहली बार इतने समय तक लगातार बारिश हुई है. बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश होते ही जिले में धान की रोपणी के काम में तेजी आई है. मौसम की चाल देख किसानों में इस साल आर्थिक बदहाली दूर होने के साथ ही धान के अच्छी पैदावार होने की उम्मीद भी जग गई है. वहीं, खाद की दुकानों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है.

बारिश पर निर्भर कृषि
गौरतलब है कि इस साल समय से मानसून के दस्तक देने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बारिश किसानों के लिए अमृत से कम नहीं है. यहां बता दें कि क्षेत्र की बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है. वहीं, सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण खेती पूरी तरह से वर्षा जल पर निर्भर है.

मॉनसून से किसानों को उम्मीद
किसानों ने बताया कि इस साल धान फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है. मौसम विभाग के अनुसार इस बार बारिश अच्छी होगी. जिससे हमें धान के खेत के पटवन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि बारिश का यह पानी धान की फसल लगाने के लिए किसी सोना से कम नहीं है. किसानों ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. ऐसे में समय पर मानसून के प्रवेश से किसान बड़ी उम्मीद के साथ खेती की तैयारी में जुट गए हैं.

किसानों के खिल उठे चेहरे
बात दें कि इस बार समय पर मानसून के दस्तक देने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश की वजह से अब किसान धान की रोपाई के लिए खेत तैयार करने में जुट गए हैं. किसानों की मानें तो इतनी अच्छी बारिश पांच से सात साल बाद हुई है, जो किसानों के लिए शुभ संकेत है.

शेखपुरा: जिले में रविवार की सुबह से रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे जहां खिल उठे. वहीं, भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिली है. जिन किसानों ने धान की रोपाई पानी के अभाव में बंद कर दिया था, वे अब खेत तैयार कर धान रोपाई करने में जुट गए.

धान की रोपाई में जुटे किसान
किसान मजदूर लगाकर धान की रोपाई कराने में लग गए. किसानों की मानें तो कई सालों बाद पहली बार इतने समय तक लगातार बारिश हुई है. बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश होते ही जिले में धान की रोपणी के काम में तेजी आई है. मौसम की चाल देख किसानों में इस साल आर्थिक बदहाली दूर होने के साथ ही धान के अच्छी पैदावार होने की उम्मीद भी जग गई है. वहीं, खाद की दुकानों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है.

बारिश पर निर्भर कृषि
गौरतलब है कि इस साल समय से मानसून के दस्तक देने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बारिश किसानों के लिए अमृत से कम नहीं है. यहां बता दें कि क्षेत्र की बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है. वहीं, सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण खेती पूरी तरह से वर्षा जल पर निर्भर है.

मॉनसून से किसानों को उम्मीद
किसानों ने बताया कि इस साल धान फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है. मौसम विभाग के अनुसार इस बार बारिश अच्छी होगी. जिससे हमें धान के खेत के पटवन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि बारिश का यह पानी धान की फसल लगाने के लिए किसी सोना से कम नहीं है. किसानों ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. ऐसे में समय पर मानसून के प्रवेश से किसान बड़ी उम्मीद के साथ खेती की तैयारी में जुट गए हैं.

किसानों के खिल उठे चेहरे
बात दें कि इस बार समय पर मानसून के दस्तक देने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश की वजह से अब किसान धान की रोपाई के लिए खेत तैयार करने में जुट गए हैं. किसानों की मानें तो इतनी अच्छी बारिश पांच से सात साल बाद हुई है, जो किसानों के लिए शुभ संकेत है.

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