शेखपुरा: बिहार में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर रहने का फैसला लिया गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है. वहीं, इस फैसले का असर शेखपुरा में भी देखने को मिला. जहां शेखपुरा सदर अस्पताल में कामकाज पर व्यापक असर पड़ा है. अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
ओपीडी सेवा बुरी तरह प्रभावित: दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर शेखपुरा सदर अस्पताल में डॉक्टरों का हड़ताल किया गया. जिसके कारण ओपीडी सेवा बुरी तरह प्रभावित रहा. बड़ी संख्या में इलाज करने आए मरीज शेखपुरा सदर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि आज हड़ताल है. जिसके कारण उन्हें बैरंग वापस घर लौटना पड़ा. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जनरल ओपीडी, महिला ओपीडी के साथ अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच के लिए आए मरीजों को काफी परेशानी हुई. वहीं, हड़ताल के खिलाफ मरीजों में आक्रोश देखा गया
इमरजेंसी सेवा सुचारु रूप से रही चालू: डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा प्रभावित रही, परंतु इमरजेंसी सेवा को सुचारू रूप से चालू रखा गया. वहां चिकित्सकों को तैनात किया गया था ताकि किसी भी बड़ी घटना में उनका इलाज किया जा सके.
"डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा प्रभावित रही. कुछ देर के लिए ओपीडी चली. लेकिन रोजाना की तरह मरीजों का जांच नहीं हो पाई. वहीं, इमरजेंसी सेवा को चालू रखा गया था. कल से सभी डॉक्टर अपने समय पर सदर अस्पताल पहुंच जाएंगे. जांच भी सुचारू रूप से चालू हो जाएगी." - धीरज कुमार, प्रबंधक, शेखपुरा सदर अस्पताल.
डॉक्टरों ने एकदिवसीय हड़ताल किया: बता दें कि पिछले दिनों एक मरीज की इलाज के दौरान मौत होने के बाद मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर जानलेवा हमला कर दिया था. आक्रोशित लोगों ने लगभग 6 से 7 घंटा डॉक्टर राजेश कुमार को बंधक बनाकर रखा और उनके साथ मारपीट की गई. डॉ राजेश कुमार की स्थिति को नाजुक देखते हुए उन्हें पूर्णिया से पटना रेफर किया गया था. पटना में भी स्थिति में जब सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली के लिए रेफर किया गया.
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