शिवहर: नगर थाना क्षेत्र के मेथुरापुर गांव (Methurapur Village) में शुक्रवार की सुबह 24 वर्षीय विवाहिता सीमा देवी की गला दबाकर हत्या (Wife Murdered For Dowry) कर दी गई है. हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर सीमा के शव को उसके ही घर से बरामद किया.
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पुलिस के पहुंचने की खबर मिलते ही मृतिका का पति राकेश साह अपने एक साल के बच्चे को लेकर मौके से फरार हो गया. पुलिस ने मुजफ्फपुर जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र के मधुबन गांव निवासी मृतिका के पिता भिखारी साह को घटना की सूचना दी.
सूचना मिलने के बाद मृतिका के पिता नगर थाना पहुंचे और अपनी बेटी के हत्या के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई. थानाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने बताया कि प्राथमिकी में भीखारी साह ने अपने दमाद राकेश साह को अभियुक्त बनाया है.
सीमा के पिता का कहना है कि वर्ष 2018 में मैंने अपनी शक्ति अनुसार रुपया खर्च कर हिन्दू रिति रिवाज के साथ बेटी की शादी कराई थी. सब कुछ ठीक- ठाक चल रहा था. लेकिन विगत पांच माह से राकेश साह मेरी बेटी को मारता पीटता था. वह पैसे की डिमांड कर रहा था.
बताया जा रहा है कि सीमा का पति घर बनाने के लिए सीमा पर पिता से पैसे मांगने का दबाव बना रहा था और आए दिन उसके साथ मारपीट करता था, इतना ही नहीं पैसा नहीं लाने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा था.
थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना के विरूद्ध दहेज अधिनियम के सुसंगत धारा में प्राथमिकी दर्ज कर पति की गिरफ्तारी के लिए छापामारा जा रहा है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है.
दहेज मुक्त कानून बनाकर दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों पर पाबंदी लगाने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं. बावजूद इसके आज भी दहेज के लिए विवाहिताओं की हत्या का सिलसिला जारी है. कानून को ठेंगा दिखाते हुए दहेज लोभी महिलाओं को मौत के घाट उतार देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दहेज हत्या के मामलों (Dowry Murder Case) को गंभीरता से लेते हुए साफ कर दिया है कि इसमें संदेह नहीं है कि दिन-प्रतिदिन दहेज हत्या जैसा खतरा बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दहेज मौत के मामलों में (IPC 304B) ये साबित करना जरूरी नहीं है कि महिला की अप्राकृतिक मृत्यु से बिल्कुल पहले ही दहेज की मांग की गई हो. यानि अगर मौत से कुछ समय पहले भी दहेज के लिए ससुराल पक्ष से दबाव बनाने और परेशान करने की बात साबित होती है, तो ये ऐसे मामलों की सजा के लिए पर्याप्त है. लेकिन सख्ती के बावजूद दहेज हत्या के मामलों पर विरोम नहीं लग रहा.
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