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छपरा में डेंगू से बचाव को लेकर कार्यशाला का आयोजन

डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन अभियान चलाकर जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है.

डेंगू से बचाव को लेकर कार्यशाला
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Published : Nov 4, 2019, 9:32 AM IST

सारणः जिले में जिला मलेरिया कार्यालय के सभाकक्ष में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से डेंगू रोग नियंत्रण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने डेंगू से संबंधित जानकारी के साथ बीमारी से बचाव के तरीके बताए.


इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के एसपीएम रणविजय कुमार, रंजित कुमार, सरिता मल्लिक, अमन कुमार, गणपत आर्यन, जिला मलेरिया कार्यालय से जुड़े कर्मी मुस्तफा अंसारी, सुधीर सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे.

3 से 9 दिनों तक रहता है डेंगू का असर
कार्यशाला के दौरान डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर मुख्य रूप से दिन में काटता है और यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में लगभग 3 से 9 दिनों तक ही रहता है. डेंगू बीमारी के लक्षण से संबंधित उन्होंने बताया कि बीमारी होने पर शरीर में अत्यधिक कमजोरी हो जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है.

डेंगू से बचाव को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बचाव के लिए है जागरूकता की जरूरत
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू जैसी भयानक बीमारी से बचाव के लिए सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की जरूरत है तो वह है जागरूकता की. मच्छर के काटने पर ही डेंगू जैसी बीमारी फैलती है. लोगों को इस बात के लिए जागरूक करना जरूरी है कि वे सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें. साथ ही अपने घर के आस-पास जलजमाव और गंदगी न फैलने दें.

स्वास्थ्य विभाग चला रहा अभियान
डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन अभियान चलाकर जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है. जो जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाएगा. इसके साथ आपातकालीन स्थिति में सक्रिय रहने की जिम्मेदारी निभाएगा.

सारणः जिले में जिला मलेरिया कार्यालय के सभाकक्ष में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से डेंगू रोग नियंत्रण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने डेंगू से संबंधित जानकारी के साथ बीमारी से बचाव के तरीके बताए.


इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के एसपीएम रणविजय कुमार, रंजित कुमार, सरिता मल्लिक, अमन कुमार, गणपत आर्यन, जिला मलेरिया कार्यालय से जुड़े कर्मी मुस्तफा अंसारी, सुधीर सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे.

3 से 9 दिनों तक रहता है डेंगू का असर
कार्यशाला के दौरान डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर मुख्य रूप से दिन में काटता है और यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में लगभग 3 से 9 दिनों तक ही रहता है. डेंगू बीमारी के लक्षण से संबंधित उन्होंने बताया कि बीमारी होने पर शरीर में अत्यधिक कमजोरी हो जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है.

डेंगू से बचाव को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बचाव के लिए है जागरूकता की जरूरत
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू जैसी भयानक बीमारी से बचाव के लिए सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की जरूरत है तो वह है जागरूकता की. मच्छर के काटने पर ही डेंगू जैसी बीमारी फैलती है. लोगों को इस बात के लिए जागरूक करना जरूरी है कि वे सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें. साथ ही अपने घर के आस-पास जलजमाव और गंदगी न फैलने दें.

स्वास्थ्य विभाग चला रहा अभियान
डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन अभियान चलाकर जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है. जो जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाएगा. इसके साथ आपातकालीन स्थिति में सक्रिय रहने की जिम्मेदारी निभाएगा.

Intro:SLUG:-WORKSHOP ORGANIZED TO PREVENT DENGUE
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor-डेंगू जैसी भयानक बीमारियों से बचाव के लिए सबसे ज्यादें अगर किसी चीज़ की जरूरत है तो वह जागरूकता की हैं क्योंकि जागरूकता के अभाव में ही इस तरह बीमारियों को न्योता दिया जा रहा हैं. मच्छर द्वारा काटने पर ही डेंगू जैसी बीमारी फैलती है. लोगों को अगर इस बात के लिए जागरूक किया जाए कि वे सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें और अपने घर के आस-पास जल जमाव व गंदगी ना फैलने दें तो निश्चित तौर पर डेंगू जैसी बीमारी पर काबू पाया जा सकता हैं उक्त बातें जिला मलेरिया कार्यालय के सभाकक्ष में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से डेंगू रोग नियंत्रण को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहीं.

Body:कार्यशाला के दौरान डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है जो यह मच्छर मुख्य रूप से दिन में ही काटता है और यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में लगभग 3 से 9 दिनों तक ही रहता है. डेंगू बीमारी के लक्षण से संबंधित उन्होंने बताया कि शरीर में अत्यधिक कमजोरी हो जाती हैं और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता हैं वहीँ चिकनगुनिया बीमारी का असर शरीर में कम से कम 3 माह तक होती है लेकिन स्थिति गंभीर होने पर यह 6 माह तक रह सकती है.

Byte:-डॉ दिलीप कुमार सिंह, जिला मलेरिया पदाधिकारी, सारण

सारण जिले के सभी सरकारी प्राथमिक, रेफरल व सदर अस्पतालों में डेंगू के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं जिसको लेकर अलग से सदर अस्पताल में 5 बेड का वार्ड बनाया गया है और जिलास्तर से लेकर प्रखंडस्तर के अस्पतालों में इसका इलाज किया जा रहा हैं इसके लिए प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से डेंगू के लिए 2 बेड सुरक्षित रखा गया हैं.

Conclusion:डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन अभियान चलाकर जल-जमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर बीमारी से निपटने के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है. जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इन रोगों के प्रति जागरूकता एवं ईलाज की सही समय पर सही जानकारी देने के साथ ही आपातकालीन स्थिति में सक्रिय रहने की ज़िम्मेदारी इस टीम को दी गयी है


अभी तक इस जिले में लगभग 43 डेंगू के मरीज पाये गये हैं जिसमें 41 मरीज सारण जिले के है जबकि 2 मरीज जिले से बाहर के हैं. वही सरकारी अस्पतालों में मात्र 8 मरीज ही इलाजरत हैं वहीं अन्य मरीजों का इलाज निजी क्लिनिक या फिर जिला मुख्यालय से बाहर के अस्पतालों हो रहा है.



इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के एसपीएम रणविजय कुमार, रंजित कुमार, सरिता मल्लिक, अमन कुमार, गणपत आर्यन, जिला मलेरिया कार्यालय से जुड़े कर्मी मुस्तफा अंसारी, सुधीर सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे.




इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है:-
# तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द
# जी मचलाना एवं उल्टी होना
# आँख के पीछे दर्द. त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान
# नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव
# काला मल का आना

डेंगू से ऐसे करें बचाव:-
# घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें
# कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें
# सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें व मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें
# पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें
# आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें. जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें
# खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें
# जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें
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