सारणः जिले में जिला मलेरिया कार्यालय के सभाकक्ष में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से डेंगू रोग नियंत्रण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने डेंगू से संबंधित जानकारी के साथ बीमारी से बचाव के तरीके बताए.
इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के एसपीएम रणविजय कुमार, रंजित कुमार, सरिता मल्लिक, अमन कुमार, गणपत आर्यन, जिला मलेरिया कार्यालय से जुड़े कर्मी मुस्तफा अंसारी, सुधीर सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे.
3 से 9 दिनों तक रहता है डेंगू का असर
कार्यशाला के दौरान डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर मुख्य रूप से दिन में काटता है और यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में लगभग 3 से 9 दिनों तक ही रहता है. डेंगू बीमारी के लक्षण से संबंधित उन्होंने बताया कि बीमारी होने पर शरीर में अत्यधिक कमजोरी हो जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है.
बचाव के लिए है जागरूकता की जरूरत
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू जैसी भयानक बीमारी से बचाव के लिए सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की जरूरत है तो वह है जागरूकता की. मच्छर के काटने पर ही डेंगू जैसी बीमारी फैलती है. लोगों को इस बात के लिए जागरूक करना जरूरी है कि वे सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें. साथ ही अपने घर के आस-पास जलजमाव और गंदगी न फैलने दें.
स्वास्थ्य विभाग चला रहा अभियान
डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन अभियान चलाकर जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है. जो जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाएगा. इसके साथ आपातकालीन स्थिति में सक्रिय रहने की जिम्मेदारी निभाएगा.