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सारण: ट्रेड यूनियन की हड़ताल से कामकाज पड़ा ठप

सारण में ट्रेड यूनियन की असर का खासा असर देखने को मिला है. बिहार राज्य किसान सभा ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन की हड़ताल में कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ताओं ने भी केंद्र सरकार की किसान विरोधी, जन विरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ स्थानीय नगरपालिका चौक पर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए.

ट्रेड यूनियन की हड़ताल
ट्रेड यूनियन की हड़ताल
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Published : Nov 26, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:10 PM IST

सारण: छपरा में वामदलों के साथ आज राजद भी ट्रेड यूनियन की हड़ताल में शामिल हुआ. राजद कार्यकर्ताओं ने भी शहर के नगरपालिका चौक पर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति को वापस लेने की मांग की. आज श्रमिकों के देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में भाकपा एटा किसान सभा और अन्य श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

हड़ताल पर कर्मचारी
हड़ताल पर कर्मचारी

क्या-क्या है मांग ?

  • सरकार श्रमिक और किसान विरोधी कानून वापस कर लें
  • संविदा कर्मियों का वेतनमान 'समान काम समान वेतन' की तर्ज पर हो
  • महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग
  • किसानों का कर्ज माफ करने की मांग
  • किसानों की 60 वर्ष की आयु पर पेंशन की व्यवस्था हो
    बैंकों और एलआईसी में काम प्रभावित
    बैंकों और एलआईसी में काम प्रभावित

सरकार की नीतियों का विरोध
मोदी सरकार ने देश में किसान विरोधी और मजदूर विरोधी कानून बनाकर उन्हें पूंजीपतियों का बंधुआ मजदूर बनने पर मजबूर कर दिया है. साथ ही उन्हें पूंजीपतियों के हाथों बेचकर मालामाल कर रही है और मजदूर किसान कंगाल हो रहे हैं. इन सभी के चलते किसान और मजदूरों के पास आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं है.

हड़ताल पर कर्मचारी

हड़ताल पर कर्मचारी, कामकाज ठप्प
ट्रेड यूनियन की हड़ताल का असर बैंकों, एलआईसी और कई उपक्रमों में देखने को मिला. जहां पर पूरी तरह से कामकाज ठप रहा और कर्मचारी हड़ताल पर रहे. उन्होंने बैंकों के विलय, प्राइवेट बैंकों का सरकारी करण और अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ शाखा परिसर पर प्रदर्शन किया.

सारण: छपरा में वामदलों के साथ आज राजद भी ट्रेड यूनियन की हड़ताल में शामिल हुआ. राजद कार्यकर्ताओं ने भी शहर के नगरपालिका चौक पर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति को वापस लेने की मांग की. आज श्रमिकों के देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में भाकपा एटा किसान सभा और अन्य श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

हड़ताल पर कर्मचारी
हड़ताल पर कर्मचारी

क्या-क्या है मांग ?

  • सरकार श्रमिक और किसान विरोधी कानून वापस कर लें
  • संविदा कर्मियों का वेतनमान 'समान काम समान वेतन' की तर्ज पर हो
  • महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग
  • किसानों का कर्ज माफ करने की मांग
  • किसानों की 60 वर्ष की आयु पर पेंशन की व्यवस्था हो
    बैंकों और एलआईसी में काम प्रभावित
    बैंकों और एलआईसी में काम प्रभावित

सरकार की नीतियों का विरोध
मोदी सरकार ने देश में किसान विरोधी और मजदूर विरोधी कानून बनाकर उन्हें पूंजीपतियों का बंधुआ मजदूर बनने पर मजबूर कर दिया है. साथ ही उन्हें पूंजीपतियों के हाथों बेचकर मालामाल कर रही है और मजदूर किसान कंगाल हो रहे हैं. इन सभी के चलते किसान और मजदूरों के पास आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं है.

हड़ताल पर कर्मचारी

हड़ताल पर कर्मचारी, कामकाज ठप्प
ट्रेड यूनियन की हड़ताल का असर बैंकों, एलआईसी और कई उपक्रमों में देखने को मिला. जहां पर पूरी तरह से कामकाज ठप रहा और कर्मचारी हड़ताल पर रहे. उन्होंने बैंकों के विलय, प्राइवेट बैंकों का सरकारी करण और अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ शाखा परिसर पर प्रदर्शन किया.

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:10 PM IST
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