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साइबर कैफे से मार्कशीट लेकर शिक्षक बनने आई थी महिला, एक क्लिक से पकड़ा गया झूठ

बिहार के छपरा में प्राथमिक शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) के लिए हो रही काउंसलिंग में एक महिला को फर्जी सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा गया. शिक्षा विभाग के अधिकारी ने टीईटी के रिजल्ट से उसके मार्कशीट का मिलान किया. इससे महिला का झूठ पकड़ा गया.

Woman caught with fake certificate
फर्जी सर्टिफिकेट के साथ पकड़ी गई महिला
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Published : Aug 4, 2021, 10:03 PM IST

छपरा: 2006 से 2015 के बीच नियोजित किए गए 90 हजार से ज्यादा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग (Education Department) कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इसके बाद भी लोग फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) के आधार पर शिक्षक बनने के लिए जालसाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. बुधवार को छपरा के जिला स्कूल में एक ऐसी ही महिला को पकड़ा गया.

यह भी पढ़ें- Bihar Shikshak Niyojan: 22 जिलों में 515 पदों के लिए काउंसलिंग, दरभंगा में सबसे ज्यादा रिक्तियां

महिला फर्जी टीईटी मार्कशीट के दम पर शिक्षक बनना चाहती थी. वह काउंसिलिंग (Counseling) में शामिल होने के लिए आई थी. इसी दौरान पकड़ी गई. संस्कृत विषय के फर्जी टीईटी अंकपत्र और प्रमाणपत्र के आधार पर बहाल होने आई महिला ने स्वीकार किया कि उसके भतीजे ने पटना के एक साइबर कैफे से अंकपत्र और प्रमाणपत्र लिया था.

"महिला द्वारा दिए गए मार्कशीट का मिलान विभागीय सीडी से किया गया था. नॉट फाउंड का मैसेज मिलने पर महिला अभ्यर्थी को रोक लिया गया और इसकी सूचना आलाधिकारियों को दी गई. पकड़ी गई महिला का नाम निधि कुमारी है. उसके पिता का नाम दिलीप कुमार है. भगवान बाजार थाना को इसकी सूचना दे दी गई है. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है."- निशांत गुंजन, डीपीओ स्थापना

बता दें कि प्राथमिक शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) के दूसरे चरण की काउंसलिंग बिहार के 22 जिलों के 50 नगर निकायों में हो रही है. क्लास 6 से 8 के 515 पदों पर नियोजन के लिए अभ्यर्थी काउंसलिंग करा रहे हैं. कक्षा 6 से 8 में विज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू विषय के लिए काउंसलिंग हो रही है. 2006 से 2015 के बीच हुए नियोजन में हजारों की संख्या में लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट इस्तेमाल कर शिक्षक की नौकरी पा ली थी. इस बार ऐसा नहीं हो इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की गहनता से जांच कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: बिहार में स्कूल, कोचिंग से लेकर खुलेंगे सिनेमा हॉल, ये रही जानकारी

छपरा: 2006 से 2015 के बीच नियोजित किए गए 90 हजार से ज्यादा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग (Education Department) कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इसके बाद भी लोग फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) के आधार पर शिक्षक बनने के लिए जालसाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. बुधवार को छपरा के जिला स्कूल में एक ऐसी ही महिला को पकड़ा गया.

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महिला फर्जी टीईटी मार्कशीट के दम पर शिक्षक बनना चाहती थी. वह काउंसिलिंग (Counseling) में शामिल होने के लिए आई थी. इसी दौरान पकड़ी गई. संस्कृत विषय के फर्जी टीईटी अंकपत्र और प्रमाणपत्र के आधार पर बहाल होने आई महिला ने स्वीकार किया कि उसके भतीजे ने पटना के एक साइबर कैफे से अंकपत्र और प्रमाणपत्र लिया था.

"महिला द्वारा दिए गए मार्कशीट का मिलान विभागीय सीडी से किया गया था. नॉट फाउंड का मैसेज मिलने पर महिला अभ्यर्थी को रोक लिया गया और इसकी सूचना आलाधिकारियों को दी गई. पकड़ी गई महिला का नाम निधि कुमारी है. उसके पिता का नाम दिलीप कुमार है. भगवान बाजार थाना को इसकी सूचना दे दी गई है. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है."- निशांत गुंजन, डीपीओ स्थापना

बता दें कि प्राथमिक शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) के दूसरे चरण की काउंसलिंग बिहार के 22 जिलों के 50 नगर निकायों में हो रही है. क्लास 6 से 8 के 515 पदों पर नियोजन के लिए अभ्यर्थी काउंसलिंग करा रहे हैं. कक्षा 6 से 8 में विज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू विषय के लिए काउंसलिंग हो रही है. 2006 से 2015 के बीच हुए नियोजन में हजारों की संख्या में लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट इस्तेमाल कर शिक्षक की नौकरी पा ली थी. इस बार ऐसा नहीं हो इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की गहनता से जांच कर रहे हैं.

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