पटनाः पूरे बिहार में आज से दवा दुकानें तीन दिनों के लिए बंद रहेगी. मंगलवार को बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (बीसीडीए) और स्वास्थ्य विभाग के बीच वार्ता विफल रही. पूरे बिहार में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने हड़ताल का आयोजन किया गया है.
3 दिन तक बंद रहेंगी दवा दुकानें
फार्मासिस्ट एसोसिएशन बिहार के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि पूरे बिहार में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट की ओर से 3 दिन दवा की दुकानें बंद रहेंगी. अरविंद कुमार बताया कि दवा बनाने से लेकर दवा की गुणवत्ता जांच, दवा का भंडारण, दवा का सही रख-रखाव और मरीजों को दवा की सही मात्रा में सही तरीके से उयोग की जानकारी और तकनीकी योग्यताधारी फार्मासिस्ट की ओर से ही दिया जाता है. केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से गलत निर्णय लेकर 3 दिन पूरे बिहार में दवा दुकान बंद रख लाखों मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. अगर समय रहते इन पर कोई कर्रवाई नहीं हुई, तो एसोसिएशन के गलत निर्णय की पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.
क्या है इसकी असली जड़?
बिहार के दवा दुकानदार सरकार के उस नियम का विरोध कर रहे हैं जिसमें यह बताया गया है कि सभी दवा दुकानों को अनिवार्य रूप से एक फार्मासिस्ट रखना होगा.
- दवा दुकानों के लिए सरकार की ओर से फार्मासिस्ट आवश्यक कर दिया गया है.
- अब दवा दुकानों के लाइसेंस का रिन्युअल आवेदन ऑनलाइन करना है.
- आवेदन ऑनलाइन करने दौरा, फार्मासिस्ट का कॉलम बना है.
- कॉलम में फार्मासिस्ट का नाम, आधार नंबर व प्रमाणपत्र भी अपडेट करना है.
- अगर एक फार्मासिस्ट दूसरी दुकान के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है, तो वह कैंसल हो जा रहा है.
- बताया जा रहा कि अप्रैल, 2019 से लाइसेंस रिन्युअल नहीं हो रहा है. ऐसे में बिना इसेंस की दुकानें नहीं चल सकती हैं.
दिक्कत कहां आ रही है?
एसोसिएशन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बिहार में दवा की करीब 52 हजार दुकानें है. लेकिन फार्मासिस्ट मात्र साढ़े सात हजार है। ऐसे में सभी दुकानों पर फार्मासिस्ट का रखना संभव नहीं है.
अब आगे क्या?
एसोसिएशन का कहना है कि, सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट रखने का निर्देश सरकार का तुगलकी फरमान है. जिसका पालन संभव नहीं है. यदि सरकार उनकी बात को नहीं मानती है तो मार्च में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.