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भीषण गर्मी में गहराया जल संकट, सूख गए हैं तालाब और चापाकल - उमस

गर्मी के दिनों में जल संकट गहरा गया है. चापाकल और तालाब सूख गए हैं. मौषम विशेषज्ञ की मानें तो 2 जून तक गर्मी से लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है.

सूखे पड़े तालाब और चापाकल
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Published : May 31, 2019, 2:24 PM IST

छपरा: इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के दिनों में इस साल जल संकट गहराता ही जा रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से सार्थक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. चापाकल और तालाब सूख गए हैं. सूखे हुए तालाब में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं. ऐसे में लोग पानी की भारी किल्लत जूझ रहे हैं.

गर्मी में सुखे पड़े तालाब और चापाकल

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता?

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता किशुनदेव दिसवा ने इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जिले में लगभग 20 पंचायतों से पानी की किल्लत की सूचना मिली थी. विभाग ने कुछ चापाकल की मरम्मत करवाई है. जबकि कुछ चापाकल को बदलकर कर पानी की समस्या से निजात दिलाई गई है.

saran pond water crisis
सूखे पड़े तालाब में क्रिकेट खेलते बच्चे

टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति

पानी की शिकायत मिलने के बाद टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए सूखे तालाबों का जीर्णोद्धार कराना जरूरीहै . इससे पानी को इकठ्ठा करना आसान होगा. गौरतलब है कि सारण जिले में जल स्तर 22 फीट 6 इंच हो गया है. जिसके कारण पानी की भारी किल्लत हो गई है.

2 जून तक गर्मी से राहत नहीं

मई महीने में 6, 7, 11, 12 और 22 मई को सबसे ज्यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई हैं. तापमान लगभग 42 से 44 डिग्री के आसपास मापी गई है. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 2 जून तक गर्मी से किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने वाली है.

छपरा: इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के दिनों में इस साल जल संकट गहराता ही जा रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से सार्थक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. चापाकल और तालाब सूख गए हैं. सूखे हुए तालाब में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं. ऐसे में लोग पानी की भारी किल्लत जूझ रहे हैं.

गर्मी में सुखे पड़े तालाब और चापाकल

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता?

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता किशुनदेव दिसवा ने इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जिले में लगभग 20 पंचायतों से पानी की किल्लत की सूचना मिली थी. विभाग ने कुछ चापाकल की मरम्मत करवाई है. जबकि कुछ चापाकल को बदलकर कर पानी की समस्या से निजात दिलाई गई है.

saran pond water crisis
सूखे पड़े तालाब में क्रिकेट खेलते बच्चे

टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति

पानी की शिकायत मिलने के बाद टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए सूखे तालाबों का जीर्णोद्धार कराना जरूरीहै . इससे पानी को इकठ्ठा करना आसान होगा. गौरतलब है कि सारण जिले में जल स्तर 22 फीट 6 इंच हो गया है. जिसके कारण पानी की भारी किल्लत हो गई है.

2 जून तक गर्मी से राहत नहीं

मई महीने में 6, 7, 11, 12 और 22 मई को सबसे ज्यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई हैं. तापमान लगभग 42 से 44 डिग्री के आसपास मापी गई है. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 2 जून तक गर्मी से किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने वाली है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-GARMI KE DINO ME SUKHE HAI TALAB
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-गर्मी के दिनों में जल संकट गहराता जा रहा हैं लेकिन सरकार के द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा हैं जिस कारण चापाकल व तालाब सुख गए है और सूखे हुए तालाब में बच्चें क्रिकेट खेल अपनी छुट्टियों को यादगार बनाने में लगे हुए है.

उमस भड़ी गर्मी में कई चापाकल सुख गए है तो वही कुछ चापाकल ख़राब हो गए है जिस कारण पानी की किल्लत से स्थानीय लोगों को जूझना पड़ रहा हैं.



Body:लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर किशुनदेव दिसवा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा की जिले के लगभग 20 पंचायतों से पानी की किल्लत की सूचना मिली थी लेकिन विभाग द्वारा कुछ चापाकल को मरम्मत किया गया हैं तो कुछ चापाकल को बदलकर कर पानी की समस्या से निज़ात दिलाई गई हैं.

साथ ही पानी की शिकायत मिलने के बाद हमलोगों ने टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति करा रहे है वही सूखे हुए तालाब के सम्बंध में बताया कि अनुमान के अनुरूप वर्षा का कम होने कारण तालाब सुख गए है लेकिन अब हमलोगों को या विभाग को आगे बढ़ कर तालाब का जीर्णोद्धार कराना पड़ेगा तभी पानी को इकठ्ठा किया जा सकता हैं.

सारण जिले में जल स्तर 22 फ़ीट 6 इंच हो गया हैं जिस कारण पानी की समस्या बनी हुई हैं जिस कारण चापाकल व तालाब का सुखना माना जा रहा हैं.

byte:-इंजीनियर किशुनदेव दिसवा, कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, सारण


Conclusion:मालूम हो कि गर्मी की तपिश के कारण घर से बाहर निकलना लोगों का दुश्वार हो गया हैं, सूर्य की किरणों में ऐसी तपिश हो रही हैं कि मानों आसमान से आग बरस रही हो.

मई महीने की बात करें तो 6, 7, 11, 12 और 22 मई को सबसे ज्यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई हैं लगभग 42 से 44 डिग्री के आसपास तापमान मापी गई हैं.

मौषम विशेषज्ञ की माने तो 29,30 व 31 मई को 43 से 345 डिग्री तापमान होने के आसार माना जा रहा हैं, अभी नौतपा का मौषम चल रहा हैं जो 2 जून तक गर्मी से राहत मिलने वाली नही है.
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