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छपरा: कोरोना काल में फिर शुरू हुआ स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण

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Published : Aug 6, 2020, 1:35 PM IST

छपरा जिले में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आरोग्य दिवस पर नियमित टीकाकरण का कार्य संचालित किया जा रहा है. इसके साथ ही कार्य योजना बनाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा रहा है.

vaccination started at all health centers
टीकाकरण की प्रक्रिया हुई शुरू

छपरा: वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आरोग्य दिवस पर नियमित टीकाकरण का कार्य संचालित किया जा रहा है. कार्य योजना बनाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा रहा है.

अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा शरू
कोरोना काल के बीच भी स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किया है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि सारण जिले में 1 से 31 जुलाई तक कुल 47,106 बच्चों और 11,985 गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं. सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा शुरू करा दी गई है.

3,997 टीकाकरण सत्र आयोजित
सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों और गांव में चिन्हित स्थानों पर आरोग्य दिवस का आयोजन किया गया. यहां टीकाकरण के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाती है. जिले में 1 से 31 जुलाई तक 3,997 टीकाकरण का सत्र आयोजित किए गए हैं. टीकाकरण सत्र पर आने वाले लक्षित समूह को परिवार नियोजन की सेवाएं, काउंसलिंग, आयरन की गोली का वितरण किया जाता है. इसके साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है.

टीकाकरण से कई तरह की बीमारियों से बचाव
शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के रूटीन इम्यूनाइजेशन कईं तरह की बीमारियों से बचाता है. इनमें कई बीमारियां शामिल है. टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है, जिससे उसके शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके. गर्भवती और नवजात को डिप्थीरिया से बचाने के लिए टीडी के दो टीके दिए जाते हैं. टीबी से बचाने के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस से बचाने के लिए हेप-बी, पोलियो से बचाव के लिए ओपीवी और आईपीवी, डिप्थीरिया, परट्यूसिस, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी व हिमोफिलेस इंफ्लुएंजी से बचाव हेतु पेंटावेंट, डायरिया से बचाव के लिए रोटा वायरस का टीका, न्यूमोकोकस के संक्रमण से के लिए पीसीवी, खसरे और रुबेला से बचाव के लिए एमआर और जापानी बुखार से बचाव के लिए जेई का टीका लगाया जा रहा है.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल
टीकाकरण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों, लाभार्थियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए कम से कम 6 फीट की दूरी, मुंह को ढककर रखने, हाथ धोने और स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देशों का पालन कराया जा रहा है.

लाभार्थियों को आमंत्रित कर रही हैं आशा
प्रत्येक टीकाकरण सत्र के पूर्व सभी लक्षित लाभार्थियों को टीकाकरण सत्र स्थल समय की सूचना आशा के माध्यम से दी जा रही है. लाभार्थियों को एक तय समय सारणी के अनुसार सत्र स्थल पर आने के लिए सूचित किया जा रहा है. इससे किसी भी परिस्थिति में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र ना हो पाए. इसके साथ ही सत्र स्थल पर निश्चित दूरी पर घेरा का प्रतीक चिन्ह बनाकर लाभार्थियों को रखा जा रहा है. लाभार्थी को लेकर आने वाले परिवार के सदस्य भी निश्चित रूप से अपने मुंह और नाक को कपड़े मास्क से ढक कर आने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

छपरा: वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आरोग्य दिवस पर नियमित टीकाकरण का कार्य संचालित किया जा रहा है. कार्य योजना बनाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा रहा है.

अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा शरू
कोरोना काल के बीच भी स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किया है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि सारण जिले में 1 से 31 जुलाई तक कुल 47,106 बच्चों और 11,985 गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं. सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा शुरू करा दी गई है.

3,997 टीकाकरण सत्र आयोजित
सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों और गांव में चिन्हित स्थानों पर आरोग्य दिवस का आयोजन किया गया. यहां टीकाकरण के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाती है. जिले में 1 से 31 जुलाई तक 3,997 टीकाकरण का सत्र आयोजित किए गए हैं. टीकाकरण सत्र पर आने वाले लक्षित समूह को परिवार नियोजन की सेवाएं, काउंसलिंग, आयरन की गोली का वितरण किया जाता है. इसके साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है.

टीकाकरण से कई तरह की बीमारियों से बचाव
शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के रूटीन इम्यूनाइजेशन कईं तरह की बीमारियों से बचाता है. इनमें कई बीमारियां शामिल है. टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है, जिससे उसके शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके. गर्भवती और नवजात को डिप्थीरिया से बचाने के लिए टीडी के दो टीके दिए जाते हैं. टीबी से बचाने के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस से बचाने के लिए हेप-बी, पोलियो से बचाव के लिए ओपीवी और आईपीवी, डिप्थीरिया, परट्यूसिस, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी व हिमोफिलेस इंफ्लुएंजी से बचाव हेतु पेंटावेंट, डायरिया से बचाव के लिए रोटा वायरस का टीका, न्यूमोकोकस के संक्रमण से के लिए पीसीवी, खसरे और रुबेला से बचाव के लिए एमआर और जापानी बुखार से बचाव के लिए जेई का टीका लगाया जा रहा है.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल
टीकाकरण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों, लाभार्थियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए कम से कम 6 फीट की दूरी, मुंह को ढककर रखने, हाथ धोने और स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देशों का पालन कराया जा रहा है.

लाभार्थियों को आमंत्रित कर रही हैं आशा
प्रत्येक टीकाकरण सत्र के पूर्व सभी लक्षित लाभार्थियों को टीकाकरण सत्र स्थल समय की सूचना आशा के माध्यम से दी जा रही है. लाभार्थियों को एक तय समय सारणी के अनुसार सत्र स्थल पर आने के लिए सूचित किया जा रहा है. इससे किसी भी परिस्थिति में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र ना हो पाए. इसके साथ ही सत्र स्थल पर निश्चित दूरी पर घेरा का प्रतीक चिन्ह बनाकर लाभार्थियों को रखा जा रहा है. लाभार्थी को लेकर आने वाले परिवार के सदस्य भी निश्चित रूप से अपने मुंह और नाक को कपड़े मास्क से ढक कर आने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

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