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सारणः दो दिवसीय भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का हुआ आगाज - two day bhikhaaree thakur color festival begins in saran

एकता भवन में चौथा भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर भिखारी ठाकुर के साथ रंग मंडली में काम करने वाले पांचों कलाकारों के की ओर से गंगा वंदना से दो दिवसीय रंग महोत्सव का आगाज किया गया.

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Published : Jan 28, 2020, 10:55 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 11:06 PM IST

सारणः जिले में मंगलवार को एकता भवन में चौथा भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर भिखारी ठाकुर के साथ रंग मंडली में काम करने वाले पांचों कलाकारों के की ओर से गंगा वंदना से दो दिवसीय रंग महोत्सव का आगाज किया गया.

वहीं, पूर्व मंत्री उदित राय, नगर निगम के डिप्टी मेयर नागेंद्र राय, शिक्षाविद प्रो. लालबाबू यादव और प्रो अशोक कुमार सिंह, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह रंगकर्मी राजेंद्र राय, जैनेन्द्र दोस्त सहित कई की ओर से भिखारी ठाकुर की प्रतीक चिन्ह का विमोचन कर विधिवत उद्घाटन किया गया.

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कार्यक्रम की प्रस्तुती करते कलाकार

भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ
भिखारी ठाकुर के दर्जनों नाटकों को सैकड़ों बार देखने वाले पूर्व मंत्री उदित राय ने ईटीवी भारत के साथ बात चीत के दौरान कहा कि लोककवि भिखारी ठाकुर भोजपुरी मिट्टी के उपज हैं, जो यहां के न होकर बल्कि पूरे देश और विदेशों के रग-रग में बसने वाले है, क्योंकि उन्होंने आज से सौ वर्ष पहले अपने आप को नाटकों के माध्यम से समाज को समर्पित किया था. उसी को सरकार की ओर से लागू किया जा रहा हैं, जो भोजपुरी भाषियों के लिए गौरव की बात है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भिखारी ठाकुर की प्रतीक चिन्ह का किया गया विमोचन
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में श्रीलंका, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों के कलाकार अपने-अपने लोककथाओं को भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे. भिखारी ठाकुर के रंग मंडली ने अपनी कला के माध्यम से समाज में फैले कुरीतियों के प्रति प्रहार करने वाले और राष्ट्रपति से सम्मानित कलाकार रामचंद्र मांझी, लखीचंद मांझी सहित कई अन्य बुजुर्ग कलाकारों की ओर से बारहमासा और गंगा वंदना से अपनी प्रस्तुति दी.

कलाकारों ने गंगा वंदना से दी प्रस्तुती
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं कि स्थानीय लोग विलुप्त होती अपनी लोककथाओं को जाने और समझे साथ ही उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और श्रीलंका से आये मेहमान कलाकारों की ओर से प्रस्तुत लोककला को जाने. इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकार भी मौजूद थे.

सारणः जिले में मंगलवार को एकता भवन में चौथा भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर भिखारी ठाकुर के साथ रंग मंडली में काम करने वाले पांचों कलाकारों के की ओर से गंगा वंदना से दो दिवसीय रंग महोत्सव का आगाज किया गया.

वहीं, पूर्व मंत्री उदित राय, नगर निगम के डिप्टी मेयर नागेंद्र राय, शिक्षाविद प्रो. लालबाबू यादव और प्रो अशोक कुमार सिंह, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह रंगकर्मी राजेंद्र राय, जैनेन्द्र दोस्त सहित कई की ओर से भिखारी ठाकुर की प्रतीक चिन्ह का विमोचन कर विधिवत उद्घाटन किया गया.

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कार्यक्रम की प्रस्तुती करते कलाकार

भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ
भिखारी ठाकुर के दर्जनों नाटकों को सैकड़ों बार देखने वाले पूर्व मंत्री उदित राय ने ईटीवी भारत के साथ बात चीत के दौरान कहा कि लोककवि भिखारी ठाकुर भोजपुरी मिट्टी के उपज हैं, जो यहां के न होकर बल्कि पूरे देश और विदेशों के रग-रग में बसने वाले है, क्योंकि उन्होंने आज से सौ वर्ष पहले अपने आप को नाटकों के माध्यम से समाज को समर्पित किया था. उसी को सरकार की ओर से लागू किया जा रहा हैं, जो भोजपुरी भाषियों के लिए गौरव की बात है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भिखारी ठाकुर की प्रतीक चिन्ह का किया गया विमोचन
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में श्रीलंका, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों के कलाकार अपने-अपने लोककथाओं को भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे. भिखारी ठाकुर के रंग मंडली ने अपनी कला के माध्यम से समाज में फैले कुरीतियों के प्रति प्रहार करने वाले और राष्ट्रपति से सम्मानित कलाकार रामचंद्र मांझी, लखीचंद मांझी सहित कई अन्य बुजुर्ग कलाकारों की ओर से बारहमासा और गंगा वंदना से अपनी प्रस्तुति दी.

कलाकारों ने गंगा वंदना से दी प्रस्तुती
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं कि स्थानीय लोग विलुप्त होती अपनी लोककथाओं को जाने और समझे साथ ही उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और श्रीलंका से आये मेहमान कलाकारों की ओर से प्रस्तुत लोककला को जाने. इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकार भी मौजूद थे.

Intro:Anchor:- भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले लोग कभी दिखाई ठाकुर चौथा भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव का शुभारंभ शहर के एकता भवन में किया गया, इस अवसर पर भिखारी ठाकुर के साथ रंग मंडली में काम करने वाले पांचों कलाकारों के द्वारा गंगा वंदना से दो दिवसीय रंग महोत्सव का आगाज किया गया वहीं पूर्व मंत्री उदित राय, नगर निगम के डिप्टी मेयर नागेंद्र राय, शिक्षाविद प्रो लालबाबू यादव व प्रो अशोक कुमार सिंह, ज़िला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह रंगकर्मी राजेंद्र राय व पशुपति नाथ अरुण, जैनेन्द्र दोस्त सहित कई के द्वारा भिखारी ठाकुर की प्रतिकचिन्ह का विमोचन कर विधिवत उद्घाटन किया गया.


Body:भिखारी ठाकुर के दर्जनों नाटको को सैकड़ों बार देखने वाले पूर्व मंत्री उदित राय ने ईटीवी भारत के साथ बात चीत के दौरान कहा कि लोककवि भिखारी ठाकुर भोजपुरी मिट्टी के उपज हैं जो यहां के न होकर बल्कि पूरे देश व विदेशों के रग-रग में बसने वाले है क्योंकि उन्होंने आज से सौ वर्ष पहले अपने नाटकों के माध्यम से समाज को समर्पित किया था उसी को सरकार के द्वारा लागू किया जा रहा हैं जो भोजपुरी भाषियों के लिए गौरव की बात है.

byte:-उदित राय, पूर्व मंत्री, बिहार सरकार


Conclusion:दो दिवसीय इस कार्यक्रम में श्रीलंका, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व बिहार के कई ज़िलों के कलाकार अपने अपने लोककथाओं को भिखारी ठाकुर रंग महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे.
भिखारी ठाकुर के रंग मंडली में अपनी कला के माध्यम से समाज में फैले कुरीतियों के प्रति प्रहार करने वाले व राष्ट्रपति से सम्मानित कलाकार रामचंद्र मांझी, लखीचंद मांझी सहित कई अन्य बुजुर्ग कलाकारों द्वारा बारहमासा व गंगा वंदना से अपनी प्रस्तुति दी.

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं कि स्थानीय लोग विलुप्त होती अपनी लोककथाओं को जाने व समझे साथ ही उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व श्रीलंका से आये मेहमान कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत लोककला को जाने.

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकार भी मौजूद थे.
Last Updated : Jan 28, 2020, 11:06 PM IST
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