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कुशवाहा के अनशन के बाद RLSP नेताओं ने निकाला मशाल जुलूस, लगाए सरकार विरोधी नारे - अमरण अनशन

रालोसपा नेताओं ने कहा कि 26 नवम्बर से 'शिक्षा में सुधार, वरना जीना बेकार' के तहत उपेन्द्र कुशवाहा ने आमरण अनशन किया. जहां उनकी हालात खराब हो गई, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया.

मशाल जुलूस निकालते रालोसपा कार्यकर्ता
मशाल जुलूस निकालते रालोसपा कार्यकर्ता
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Published : Nov 30, 2019, 11:34 PM IST

छपरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री सह रालोसपा प्रमुख ने पांचवें दिन अमरण अनशन खत्म कर दिया है. लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनशन के बावजूद मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरोध में मशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस में काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए. वहीं, सभी ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कुशवाहा की मांग पर जोर दिया.

केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने अमरण अनशन किया था. इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उन्होंने शनिवार के अनशन तोड़ दिया. इस बाबत छपरा में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल सरकार का विरोध प्रदर्शन किया. रालोसपा ने ये जुलूस शहर के नगरपालिका चौंक, राजेन्द्र चौक से लेकर थाना चौक पर तक निकाला.जुलूस में शामिल नेताओ ने कहा कि पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये काफी प्रयास किया था.

मशाल जुलूस निकालते रालोसपा कार्यकर्ता

'सरकार क्यों नहीं दे रही जमीन'
नेताओं ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार के औरंगाबाद और देवकुंंड मे केंद्रीय विद्यालय खोलने की अनुमति दी थी. उस समय इस दो विद्यालयों को मिलाकर पूरे देश मे 13 विद्यालय खोलने की अनुमति दी गयी थी. इस प्रकिया के बाद बिहार के बाहर के सभी 11 केंद्रीय विद्यालय एक साल पहले ही खुल गये, जबकि बिहार के केंद्रीय विद्यालय निजी जमीन दिये जाने के बाद भी नहीं खुल सके हैं. अब बिहार सरकार इसके लिए जमीन देने से मना कर रही हैं.

'अनशन के बावजूद नहीं पूरी हुई मांग'
रालोसपा के जिलाध्यक्ष अशोक कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय खोलने की शर्त रखी कि इसमें 50प्रतिशत नामांकन बिहार के बच्चों का होगा, जबकी एक सर्वे के अनुसार इसमे 95 फीसदी बच्चे बिहार के ही पढ़ रहे हैं. हमारी पार्टी द्वारा शिक्षा सुधार के लिये लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी मे 26 नवम्बर से शिक्षा में सुधार-वरना जीना बेकार के तहत उपेन्द्र कुशवाहा ने आमरण अनशन किया. जहां उनकी हालात खराब हो गयी. लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया.

छपरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री सह रालोसपा प्रमुख ने पांचवें दिन अमरण अनशन खत्म कर दिया है. लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनशन के बावजूद मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरोध में मशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस में काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए. वहीं, सभी ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कुशवाहा की मांग पर जोर दिया.

केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने अमरण अनशन किया था. इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उन्होंने शनिवार के अनशन तोड़ दिया. इस बाबत छपरा में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल सरकार का विरोध प्रदर्शन किया. रालोसपा ने ये जुलूस शहर के नगरपालिका चौंक, राजेन्द्र चौक से लेकर थाना चौक पर तक निकाला.जुलूस में शामिल नेताओ ने कहा कि पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये काफी प्रयास किया था.

मशाल जुलूस निकालते रालोसपा कार्यकर्ता

'सरकार क्यों नहीं दे रही जमीन'
नेताओं ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार के औरंगाबाद और देवकुंंड मे केंद्रीय विद्यालय खोलने की अनुमति दी थी. उस समय इस दो विद्यालयों को मिलाकर पूरे देश मे 13 विद्यालय खोलने की अनुमति दी गयी थी. इस प्रकिया के बाद बिहार के बाहर के सभी 11 केंद्रीय विद्यालय एक साल पहले ही खुल गये, जबकि बिहार के केंद्रीय विद्यालय निजी जमीन दिये जाने के बाद भी नहीं खुल सके हैं. अब बिहार सरकार इसके लिए जमीन देने से मना कर रही हैं.

'अनशन के बावजूद नहीं पूरी हुई मांग'
रालोसपा के जिलाध्यक्ष अशोक कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय खोलने की शर्त रखी कि इसमें 50प्रतिशत नामांकन बिहार के बच्चों का होगा, जबकी एक सर्वे के अनुसार इसमे 95 फीसदी बच्चे बिहार के ही पढ़ रहे हैं. हमारी पार्टी द्वारा शिक्षा सुधार के लिये लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी मे 26 नवम्बर से शिक्षा में सुधार-वरना जीना बेकार के तहत उपेन्द्र कुशवाहा ने आमरण अनशन किया. जहां उनकी हालात खराब हो गयी. लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया.

Intro: मशाल जुलूस ।छ्परा से पंकज श्रीवास्तवकी रिपोर्ट । छ्परा।छ्परा पुर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा 26नवम्बर से आमरण अनशन किया जा रहा है।यह अनशन राज्य के गरीब एवं साधारण परिवार से आने वाले बच्चों के लिये खोले जाने वाले केंद्रीय विधालय का बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा किये जा रहे विरोध मे किया जा रहा है। ।इस सम्बंध मे आज छ्परा मे मशाल जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा रालोसपा नेताओं ने कहा की मुख्यमंत्री अड़ंगा डालने के लिये शर्ते लागू कर रहे है।


Body:छ्परा मे आयोजित इस मशाल जुलूस में शामिल नेताओ ने कहा शिक्षा राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये काफी प्रयास किया।उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने कार्यकाल मे बिहार के औरंगाबाद और देवकुंंड मे केंद्रीय विधालय खोलने की अनुमती दे दी।उस समय इस दो विधालय को मिला कर पुरे देश मे 13विधालय खोलने की अनुमति दी गयी थी।जिसमे बिहार के बाहर 11और बिहार मे दो।वही इस प्रकिया के बाद बिहार के बाहर के सभी 11केंद्रीय विधालय एक साल पुर्व ही खुल गये ।जबकि बिहार के केंद्रीय विधालय एक व्यक्ति द्वारा निजी जमीन दिये जाने के बाद भी नही खुल सके है।और अब बिहार सरकार दुसरे स्कुल के लिये भी जमीन देने से मना कर रही हैं ।


Conclusion:वही बिहार सरकार ने केंद्रीय विधालय खोलने की शर्त रखी की इसमे50प्रतिशत नामाकन बिहार के बच्चों का होगा।जबकी एक सर्वे के अनुसार इसमे 95फीसदी बच्चे बिहार के ही पढ़ रहे हैं ।वही हमारी पार्टी द्वारा शिक्षा सुधार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है।इसी कड़ी मे 26नवम्बर से शिक्षा सुधार वरना जीना बेकार के तहत उपेन्द्र कुशवाहा आमरण अनशन कर रहे है।जहा उनकी हालात खराब हो गयी है।वही आज रालोसपा द्वारा शहर के नगरपालिका चौंक राजेन्द्र चौक से थाना चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया।जो शहर के मुख्य मार्गो से होता हुआ थाना चौक पर जाकर समाप्त हुआ। बाईट अशोक कुशवाहा और अन्य रालोसपा नेताओं की ।
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