छपरा: छपरा के मुबारकपुर में मॉब लिंचिंग की घटना के नौवें दिन पूरे इलाके में सन्नाता पसरा है. यहां केवल पुलिस के जवान और मृतकों के परिजन ही नजर आ रहे हैं. दुख भरी इस परिस्थिति में परिजन किसी से बात करने से पूरी तरह से बच रहे हैं. उनका कहना है कि अब हमारे पास बोलने के लिए कुछ बचा ही नहीं है. हमें इंसाफ का इंतजार है. परिजनों का कहना है कि हमारे घर के बेटों को किसने मारा है ये सबको पता है. घटना के कई वीडियो सामने आ चुके हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन पूरे मामले का स्पीडी ट्रायल करे और जल्द से जल्द सभी दोषियों को फांसी दे.
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मृतक युवक के पिता के नहीं रुक रहे आंसू: : ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए मृतक अमितेश सिंह के पिता फफक पड़े. शनिवार को अमितेश का दसकर्म है. उन्होंने कहा कि स भी रीति रिवाज ठीक ढंग से हो ताकि मेरे बेटे की आत्मा भटके नही. हिंदू मान्या के अनुसार अकाल मृत्यु होने पर आत्मा भटकती है इसके लिए वृद्ध पिता ने कहा कि किसी तरह की कोई कमी नहीं होनी चाहिए.अमितेश सिंह शादी शुदा थे और उनकी तीन साल की एक बच्ची भी है.जबकि मृतक राहुल सिंह की शादी नहीं हुई थी. उनकी उम्र लगभग 25 साल थी. दोनों मृतक एक ही गांव मुबारकपुर के थे और आपस में चचेरे भाई थे.
'हत्यारों को फांसी पर लटकाओ': यहां की स्थिति अभी भी गंभीर है और आक्रोश की भावना है. यहां पर मृतक के परिजनों ने हत्यारों को स्पीडी ट्रायल चला जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सभी आरोपियों को चिह्नित करते हुए उन्हें अविलंब फांसी की सजा दी जाए, ताकि फिर ऐसी घटना किसी के साथ न हो. मृतक के भाई अभिषेक ने कहा कि यह दर्दनाक कांड था. सरकार से निवेदन है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
"हत्यारों को पकड़कर फांसी की सजा दी जाए इससे कम सजा होने पर लोगों के अंदर से डर खत्म हो जाएगा. सभी अपराधियों को फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए. सरकार स्पीडी ट्रायल करे."- अभिषेक कुमार सिंह, अमितेश सिंह के भाई
बोले चाचा- 'मामले का हो स्पीडी ट्रायल': वहीं चाचा अभय ने कहा कि हमारी न्यायालय से अपील है कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्पीडी ट्रायल के माध्यम से जल्द से जल्द अपराधियों को सजा हो. इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए. हम भी शासन प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं. हमारा दूसरा भतीजा जिसकी बाद में मौत हुई थी उसका अंतिम संस्कार हमने प्रशासन के कहने पर पटना में ही कर दिया. जबकि गांव वाले चाहते थे कि गांव में अंतिम संस्कार किया जाए.
"शव आने पर गांव में हालात ना बिगड़े इसलिए प्रशासन के दबाव में हमने पटना में ही अंतिम संस्कार कर दिया है. रात को पोस्टामार्टम नहीं होता है लेकिन दो बजे रात को ही पोस्टमार्टम कराया गया और उसी समय राहुल का दाह संस्कार भी कर दिया गया. ऐसा हमने प्रशासन को सहयोग करने के लिए किया है. दोषी जग जाहिर हैं. प्रशासन उन्हें पकड़कर ऐसी सजा दे कि फिर से ऐसी घटना करने से पहले 10 बार सोचे."- अभय कुमार सिंह, अमितेश और राहुल के चाचा
पूरा मामला: घटना 2 फरवरी को घटित हुई थी. मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर में मुखिया पति पर फायरिंग हुई थी. इसके आरोप में मुखिया समर्थकों ने तीन आरोपी युवक को पकड़कर उनकी जमकर धुनाई कर दी. मुर्गाफार्म में ले जाकर तीनों को बेरहमी से पीटा गया, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी. मृतक का नाम अमितेश कुमार था. घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने मुखिया के घर में आग लगा दी थी. वहीं बुधवार की रात एक और युवक राहुल की मौत हो गई थी.