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भारत बंद: किसानों के समर्थन में सारण की सड़कों पर उतरे महागठबंधन के नेता

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है. बिहार के सारण जिले में भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. यहां महागठबंधन के नेता कई जगहों पर किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे और जमकर प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 27, 2021, 2:21 PM IST

सारण: तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) के खिलाफ देशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. आज किसान संगठनों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में महागठबंधन के नेता और किसान संगठन के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सारण में इसका मिला-जुला असर देखने को मिला. यहां भी महागठबंधन के नेता जगह-जगह सड़कों पर उतरकर कृषि कानून को वापस लेने के लिए प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

ये भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर में भारत बंद का असर, RJD ने NH 28 और 57 को किया जाम

बता दें कि छपरा में सुबह से ही किसानों के समर्थन में महागठबंधन के नेताओं ने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रशासन की तरफ से सभी महत्वपूर्ण इलाकों में भारी संख्या पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी थी. प्रदर्शनकारी सुबह से ही सड़कों को जाम कर प्रदर्शन करने लगे थे. प्रदर्शन की शुरुआत ब्रह्मपुर पुल पर हुई.

ये भी पढ़ेंः नालंदा में किसानों के साथ सड़कों पर उतरे महागठबंधन के नेता, आगजनी कर किया प्रदर्शन

उसके बाद लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 को जाम कर विरोध किया. धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी नगरपालिका चौक पर जमा हो गये और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. इसमें वामदल, राजद, भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. हालांकि इस दौरान रेल और यातायात सेवा पूरी तरह से सामान्य रही. स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में भी सामान्य तरीके से कामकाज हुआ.

'आज किसान संगठनों के द्वारा जो बंद का आह्वान किया गया है, उसमें छपरा के किसान भी सड़कों पर हैं. सरकार किसानों के साथ जो असम्मानजनक व्यवहार कर रही है. उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा. उन्हें तुरंत इस संबंध में लोकतांत्रिक तरीके से वार्ता करनी चाहिए. यह सरकार किसानों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रही है. नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी है.' -सतेंद्र यादव, विधायक मांझी

'तीनों किसान बिल के विरोध में आज हम यह प्रदर्शन कर रहे हैं. जल्द से जल्द प्रधानमंत्री किसानों के साथ सम्मानजनक ढंग से वार्ता करें, नहीं तो और बड़ा आंदोलन करने के लिए हम बाध्य होंगे.' -जितेन्द्र राय, विधायक राजद

यह भी पढ़ें- बोले राजद नेताः यहां हर कार्यकर्ता लालू और तेजस्वी है, केंद्र सरकार को वापस लेना होगा कृषि कानून

सारण: तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) के खिलाफ देशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. आज किसान संगठनों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में महागठबंधन के नेता और किसान संगठन के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सारण में इसका मिला-जुला असर देखने को मिला. यहां भी महागठबंधन के नेता जगह-जगह सड़कों पर उतरकर कृषि कानून को वापस लेने के लिए प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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बता दें कि छपरा में सुबह से ही किसानों के समर्थन में महागठबंधन के नेताओं ने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रशासन की तरफ से सभी महत्वपूर्ण इलाकों में भारी संख्या पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी थी. प्रदर्शनकारी सुबह से ही सड़कों को जाम कर प्रदर्शन करने लगे थे. प्रदर्शन की शुरुआत ब्रह्मपुर पुल पर हुई.

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उसके बाद लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 को जाम कर विरोध किया. धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी नगरपालिका चौक पर जमा हो गये और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. इसमें वामदल, राजद, भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. हालांकि इस दौरान रेल और यातायात सेवा पूरी तरह से सामान्य रही. स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में भी सामान्य तरीके से कामकाज हुआ.

'आज किसान संगठनों के द्वारा जो बंद का आह्वान किया गया है, उसमें छपरा के किसान भी सड़कों पर हैं. सरकार किसानों के साथ जो असम्मानजनक व्यवहार कर रही है. उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा. उन्हें तुरंत इस संबंध में लोकतांत्रिक तरीके से वार्ता करनी चाहिए. यह सरकार किसानों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रही है. नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी है.' -सतेंद्र यादव, विधायक मांझी

'तीनों किसान बिल के विरोध में आज हम यह प्रदर्शन कर रहे हैं. जल्द से जल्द प्रधानमंत्री किसानों के साथ सम्मानजनक ढंग से वार्ता करें, नहीं तो और बड़ा आंदोलन करने के लिए हम बाध्य होंगे.' -जितेन्द्र राय, विधायक राजद

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