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स्कूल खोलने की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने दिया धरना

बुधवार को छपरा में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने एक दिवसीय धरना प्रर्दशन किया. धरने के माध्यम से सरकार से स्कूल खोलने की मांग की.

धरने पर बैठे स्कूल संचालक
धरने पर बैठे स्कूल संचालक
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Published : Dec 16, 2020, 9:51 PM IST

सारणः छपरा में बुधवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों ने नगरपालिका चौक पर एक दिवसीय धरना दिया. स्कूल संचालकों ने इस धरने के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार से अतिशीघ्र स्कूल खोलने की मांग की. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में मार्च से ही सभी निजी और सरकारी विद्यालय कोरोना के चलते बंद पड़े हुए हैं. जिसके फलस्वरूप लाखों निजी विद्यालयों के कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षिकाएं बेरोजगार हो गए हैं. इतना ही नहीं कुछ शिक्षकों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या तक कर लिया.

बदतर है निजी स्कूलों की स्थिति

धरने के दौरान स्कूल संचालकों ने कहा कि स्कूल बंद होने से प्रतिदिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. सभी निजी विद्यालय के संचालक, शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारी गण विद्यालय के संचालन के लिए राज्य सरकार के आदेश के इंतजार में हैं. निजी विद्यालयों का वेतन देने के अलावा और भी कई खर्चे हैं. जिसमें किराया, बैंक के लोन की मासिक किश्त, गाड़ियों का खर्च, बिजली का बिल है. जिसमें सरकार की तरफ से कोई भी छूट नहीं दी गयी है. जिसके प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक मानसिक तनाव में हैं.

देखें रिपोर्ट

विशेष पैकेज की मांग

स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग किया है कि सभी तरह के टैक्सों को माफ किया जाए. इसके अलावा इस विपरीत परिस्थिति पर शीघ्र ही संज्ञान लेते हुए सभी निजी विद्यालयों को एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए. ताकि सभी निजी विद्यालयों से जुड़े शिक्षक और गैर शिक्षक कार्यों से जुड़े सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कहा कि मार्च माह से ही निजी विद्यालय बंद हैं. ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया. इसका कारण यह है कि मार्च महीने से निजी विद्यालय में शुल्क नहीं मिला है. स्कूल संचालकों ने सरकार से 2 जनवरी से स्कूल चलाने का आदेश देने की मांग की. ऐसा न करने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी.

सारणः छपरा में बुधवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों ने नगरपालिका चौक पर एक दिवसीय धरना दिया. स्कूल संचालकों ने इस धरने के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार से अतिशीघ्र स्कूल खोलने की मांग की. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में मार्च से ही सभी निजी और सरकारी विद्यालय कोरोना के चलते बंद पड़े हुए हैं. जिसके फलस्वरूप लाखों निजी विद्यालयों के कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षिकाएं बेरोजगार हो गए हैं. इतना ही नहीं कुछ शिक्षकों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या तक कर लिया.

बदतर है निजी स्कूलों की स्थिति

धरने के दौरान स्कूल संचालकों ने कहा कि स्कूल बंद होने से प्रतिदिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. सभी निजी विद्यालय के संचालक, शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारी गण विद्यालय के संचालन के लिए राज्य सरकार के आदेश के इंतजार में हैं. निजी विद्यालयों का वेतन देने के अलावा और भी कई खर्चे हैं. जिसमें किराया, बैंक के लोन की मासिक किश्त, गाड़ियों का खर्च, बिजली का बिल है. जिसमें सरकार की तरफ से कोई भी छूट नहीं दी गयी है. जिसके प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक मानसिक तनाव में हैं.

देखें रिपोर्ट

विशेष पैकेज की मांग

स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग किया है कि सभी तरह के टैक्सों को माफ किया जाए. इसके अलावा इस विपरीत परिस्थिति पर शीघ्र ही संज्ञान लेते हुए सभी निजी विद्यालयों को एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए. ताकि सभी निजी विद्यालयों से जुड़े शिक्षक और गैर शिक्षक कार्यों से जुड़े सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कहा कि मार्च माह से ही निजी विद्यालय बंद हैं. ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया. इसका कारण यह है कि मार्च महीने से निजी विद्यालय में शुल्क नहीं मिला है. स्कूल संचालकों ने सरकार से 2 जनवरी से स्कूल चलाने का आदेश देने की मांग की. ऐसा न करने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी.

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