सारणः व्यवसाई के अपहरण की सूचना झूठी निकली है. पुलिस ने व्यवसाई को बनारस के एक होटल से सकुशल बरामद किया है. एसपी हर किशोर राय ने संवाद दाता सम्मेलन आयोजित कर इसकी जानकारी दी.
अवैध पैसे का था विवाद
दरअसल छपरा के गांधी चौक निवासी नीतीश कुमार जायसवाल के अपहरण की सूचना उनके परिजनों ने नगर थाने में दर्ज कराई थी. कांड में परजिनों ने जितेंद्र कुमार सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया था. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था. एसपी ने बताया कि कांड में नीतीश कुमार और जितेंद्र कुमार के बीच अवैध रुप से राशि लेन देन का विवाद था. जिसको लेकर इन दोनों के बीच तकरार भी हुई थी.
परिवार ने दर्ज कराई थी अपहरण की रिपोर्ट
पैसे के विवाद में नीतीश काफी तनाव में था और वह बिना किसी को कुछ बताए बनारस चला गया. वहीं, नीतीश का कुछ पता नहीं चलने पर परिवार वालों ने पुलिस का सहारा लिया और नीतीश के अपहरण की नामजद प्राथमिकि दर्ज कराई. मामले का उद्भेन करने के लिए अनुमंडल पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जिसमें टाउन थाना के थानाध्य्क्ष के साथ अरुण कुमार अकेला सहित पुलिस की एक टीम बनायी गयी थी.
तनाव में छोड़ दिया था घर
टीम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर नितीश कुमार की खोज शूरू की. नीतीश के मोबाईल का लोकेशन बनारस बता रहा था. लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उन्हें वाराणसी के जी. एस. रेजीडेंसी के कमरा नंबर 202 से सकुशल बरामद किया है. वहीं, नीतीश ने बताया की जीतेंद्र कुमार से पैसे का लेन देन था. वे कहते थे की उनका पैसा मेरे पास हैं और मैं कहता था की मेरा पैसा आपके पास हैं. इसको लेकर दोनों के बीच कई बार कहा सुनी भी हुई थी. इसी तनाव मे वे चुपचाप घर छोड़ कर चले गये थे.