छपरा: बिहार में जन जीवन हरियाली योजना (Bihar Jal Jivan Hariyali Yojna) को लेकर राज्य सरकार काफी संवेदनशील है. इसको लेकर लगातार काफी राशि भी राज्य सरकार खर्च कर रही है, लेकिन छपरा का पुराना पोखरा अघोषित कूड़ा घर बना हुआ है. लोग वहां पर कूड़ा फेंककर उसे कूड़ा घर में तब्दील कर दिए हैं. छपरा शहर में जन जीवन हरियाली को लेकर कई जगहों पर तालाबों का सौंदर्यीकरण कार्य योजना के तहत काम हो रहा है, लेकिन शिल्पी सिनेमा के पास में स्थित पोखरा की स्थिति बद से बदत्तर हो चुकी है. छपरा में शिल्पी पोखड़ा के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 32 लाख रुपए की राशि से कार्य योजना के तहत काम भी कराया गया है. इसके बाद भी शिल्पी पोखरा की हालत खराब है.
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पोखरा बना कूड़ा घर: शिल्पी पोखरा अघोषित रूप से कूड़ाघर बन कर रह गया है. वहीं इस पोखरा के नवनिर्माण के लिए अब स्थानीय लोगों ने पहल शुरू कर दिया है. इसके लिए सारण के जिलाधिकारी से गुहार भी लगाई गई है. छपरा शहर में कही भी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसमें स्थानीय नागरिक और बुजुर्ग सुबह शाम टहल सकें. छपरा में शाह बनवारीलाल का पोखरा, राजेन्द्र सरोवर और शिल्पी पोखरा है. लेकिन इन तीनों की हालत खराब है. उसमें शिल्पी सिनेमा के नजदीक स्थित पोखरा की हालत सबसे ज्यादा जर्जर है.
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