सारण: गंडक के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण नेपाल ने वाल्मीकि बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया. इससे गोपालगंज के पकाहा में एक बार फिर बाढ़ के पानी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है.
अपने घर में फंसे हैं अधिकांश लोग
एक बार फिर बाढ़ के पानी से घिर जाने के बाद बाढ़ पीड़ितों की समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ की सूचना पूर्व में नहीं दिए जाने से अधिकांश लोग अपने घरों में ही फंस गए हैं, जिनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
NH-73 पर चढ़ गया है बाढ़ का पानी
जानकारी के मुताबिक बाढ़ के पानी में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे NH-73 पर आवागमन बाधित हो सकता है. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है विगत माह में आई बाढ़ के दौरान दो बार सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ था और अब तीसरी बार बाढ़ का पानी चढ़ गया है. पानी के तेज बहाव से सड़क के किनारे कटाव शुरू हो गया है. तरैया पानापुर के सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से गाड़ियों और राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है.
प्रशासन की तरफ से नहीं दिया गया नाव
तरैया प्रखंड के मुरलीपुर, देवरिया, शाहनवाजपुर और किशनपुरा गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गया है और प्रशासन की तरफ से अभी तक एक नाव की व्यवस्था तक नहीं की गई है, जिससे ग्रामीण अपने घर का सामान सुरक्षित स्थान पर या मवेशी को ला सकें.
कमर से ज्यादा पानी में आने जाने को मजबूर हैं ग्रामीण
कमर से ज्यादा तक पानी में प्रवेश कर ग्रामीण बाजार आकर राशन की खरीद कर फिर बाढ़ के पानी में प्रवेश कर घर को जाते हैं. वहीं बाढ़ के पानी को देखते हुए तिरंगा रेफरल अस्पताल को पुस्तकालय में शिफ्ट किया गया है. प्रखंड और अंचल कार्यालय का कार्य कन्या मध्य विद्यालय पचभिंडा में शिफ्ट किया गया है. तरैया थाना को मध्य विद्यालय पचपदरा में शिफ्ट किया गया है. यहीं से बाढ़ संबंधित सभी कार्य संपादित किए जा रहे हैं.