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HC ने जेपीयू कुलपति के जारी नोटिस को किया निरस्त, सामंजन कर्मियों में खुशी का माहौल - डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों

पटना उच्च न्यायालय ने जेपीयू के वर्तमान कुलपति के जारी नोटिस को निरस्त कर दिया. जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों के सेवा को नियमित कर दिया है.

जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों के सेवा को नियमित कर दिया
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Published : Sep 18, 2019, 11:00 PM IST

सारण: पटना उच्च न्यायालय ने जेपीयू के वर्तमान कुलपति के जारी नोटिस को निरस्त कर दिया. जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों की सेवा को नियमित कर दिया है. वहीं, राज्य सरकार को सामंजन कर्मियों को वेतन देने का निर्देश दिया है. पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार त्रिपाठी की बेंच ने सामंजन कर्मियों के वाद संख्या-सीडब्लूजेसी- 20473/2016 पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

वेतन के साथ अन्य लाभ देने का भी आदेश
उच्च न्यायालय ने केस पर सुनवाई करते हुए जेपीयू के सिंडिकेट का 11 अगस्त 2010 के निर्णय को सही माना है. राज्य सरकार से जेपीयू के छपरा, सिवान और गोपालगंज के विभिन्न काॅलेजों में प्राचार्य ने अनियमित रूप से वर्ग तीन और चार में नियुक्त कर्मियों की सेवा को नियमित करने का आदेश दिया है. वहीं, सामंजन कर्मियों को 11 अगस्त 2010 से वेतन के साथ अन्य लाभ देने का भी आदेश दिया है.

जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों के सेवा को नियमित कर दिया

परिवार की स्थिति होने लगी खराब
राजेन्द्र कॉलेज के सामांजन कर्मी गणेश राम ने कहा की जेपीयू ने जब निकाल दिया था तो कुछ दिन घर पर बैठे रहे. लेकिन जब परिवार की स्थिति खराब होने लगी तो भाड़े पर रिक्शा लेकर चलाने लगे. जिससे वह अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. उन्होंने कहा कि अब मुझे न्याय मिला है.

saran
सामांजन कर्मी

लंबे संघर्ष के बाद मिला न्याय
सामांजन कर्मी महमूद आलम ने कहा कि देर आए लेकिन दुरुस्त आए वाली कहावत सत्य साबित हुई है. इतने लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला हैं. काफी दिनों तक घूम-घूम कर फूल बेंचने का काम कर अपने परिवार के साथ किसी तरह रोटी का जुगाड़ कर पा रहे थे. उन्होंने कहा कि अब मेरे बच्चे पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनेंगे.

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सामांजन कर्मी गणेश राम

कॉलेज में जाने से भी रोका
सामांजन कर्मी ममता कुमारी ने भी बताया कि कॉलेज में मेरे पति दैनिक मजदूर के रूप में काम करते थे. लेकिन बाद के दिनों में लंबी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी. उनके स्थान पर मुझे बहाल किया गया था. लेकिन जेपीयू के कुलपति ने नोटिस जारी कर हटा दिया गया था और कॉलेज में जाने से भी रोक दिया गया था.

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सामांजन कर्मी ममता कुमारी

सारण: पटना उच्च न्यायालय ने जेपीयू के वर्तमान कुलपति के जारी नोटिस को निरस्त कर दिया. जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों की सेवा को नियमित कर दिया है. वहीं, राज्य सरकार को सामंजन कर्मियों को वेतन देने का निर्देश दिया है. पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार त्रिपाठी की बेंच ने सामंजन कर्मियों के वाद संख्या-सीडब्लूजेसी- 20473/2016 पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

वेतन के साथ अन्य लाभ देने का भी आदेश
उच्च न्यायालय ने केस पर सुनवाई करते हुए जेपीयू के सिंडिकेट का 11 अगस्त 2010 के निर्णय को सही माना है. राज्य सरकार से जेपीयू के छपरा, सिवान और गोपालगंज के विभिन्न काॅलेजों में प्राचार्य ने अनियमित रूप से वर्ग तीन और चार में नियुक्त कर्मियों की सेवा को नियमित करने का आदेश दिया है. वहीं, सामंजन कर्मियों को 11 अगस्त 2010 से वेतन के साथ अन्य लाभ देने का भी आदेश दिया है.

जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजन कर्मियों के सेवा को नियमित कर दिया

परिवार की स्थिति होने लगी खराब
राजेन्द्र कॉलेज के सामांजन कर्मी गणेश राम ने कहा की जेपीयू ने जब निकाल दिया था तो कुछ दिन घर पर बैठे रहे. लेकिन जब परिवार की स्थिति खराब होने लगी तो भाड़े पर रिक्शा लेकर चलाने लगे. जिससे वह अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. उन्होंने कहा कि अब मुझे न्याय मिला है.

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सामांजन कर्मी

लंबे संघर्ष के बाद मिला न्याय
सामांजन कर्मी महमूद आलम ने कहा कि देर आए लेकिन दुरुस्त आए वाली कहावत सत्य साबित हुई है. इतने लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला हैं. काफी दिनों तक घूम-घूम कर फूल बेंचने का काम कर अपने परिवार के साथ किसी तरह रोटी का जुगाड़ कर पा रहे थे. उन्होंने कहा कि अब मेरे बच्चे पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनेंगे.

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सामांजन कर्मी गणेश राम

कॉलेज में जाने से भी रोका
सामांजन कर्मी ममता कुमारी ने भी बताया कि कॉलेज में मेरे पति दैनिक मजदूर के रूप में काम करते थे. लेकिन बाद के दिनों में लंबी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी. उनके स्थान पर मुझे बहाल किया गया था. लेकिन जेपीयू के कुलपति ने नोटिस जारी कर हटा दिया गया था और कॉलेज में जाने से भी रोक दिया गया था.

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सामांजन कर्मी ममता कुमारी
Intro:SLUG:-THE SERVICE OF THE SAMANVIKARS WAS RESTORED
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-पटना उच्च न्यायालय ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति द्वारा जारी तुगलकी फरमान को निरस्त करते हुए जेपीयू के लगभग डेढ़ सौ सामंजनकर्मियों के सेवा को नियमित करते हुए राज्य सरकार को वेतन देने का निर्देश दिया है, हाईकोर्ट के इस आदेश से सामंजनकर्मियों के महाविद्यालयों व घरों में दिपावली के पूर्व ही खुशियां मनाने का मौका मिल गया हैं, पटना हाई कोर्ट के न्यायमूति अनिल कुमार त्रिपाठी के कोर्ट ने सामंजन कर्मियों के वाद संख्या- सीडब्लूजेसी- 20473/2016 पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

माननीय उच्च न्यायालय ने वाद पर सुनवाई करते हुए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सिंडिकेट द्वारा 11 अगस्त 2010 के निर्णय को मानते हुए राज्य सरकार से जेपीयू के छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के विभिन्न काॅलेजों में प्राचार्य द्वारा अनियमित रूप से वर्ग तीन एवं चार में नियुक्त कर्मियों की सेवा को नियमित करने का आदेश देते हुए सभी सामंजनकर्मियों को 11 अगस्त 2010 से वेतन के साथ अन्य लाभ देने का भी आदेश दिया है. सामंजन कर्मियों ने जेपीयू के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत घुसने के वर्तमान कुलपति प्रो हरिकेश सिंह के आदेश को भी कोर्ट में चुनौति दी थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है.



Body:राजेन्द्र कॉलेज के सामांजनकर्मी गणेश राम ने ईटीवी भारत से कहा की जेपीयू ने जब निकाल दिया था तो कुछ दिन घर पर बैठे रहे लेकिन जब परिवार की स्थिति खराब होने लगी तो भाड़े पर रिक्शा लेकर चलाने लगे जिससे अपना व अपने परिवार का भरण पोषण होने लगा था लेकिन अब मुझें न्याय मिला है.

Byte:-गणेश राम, सामांजनकर्मी, राजेन्द्र कॉलेज, छपरा

वही महमूद आलम ने अपनी आपबीती को ईटीवी भारत के साथ सांझा करते हुए कहा कि देर आये लेकिन दुरुस्त आये वाली कहावत चरितार्थ साबित हुई हैं इतने लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला हैं काफ़ी दिनों तक घूम-घूम कर फूल बेंचने का काम कर अपने परिवार के साथ किसी तरह रोटी का जुगाड़ कर पा रहे थे लेकिन अब मेरे बच्चें पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनेंगे.

Byte:-महमूद आलम, सामांजनकर्मी, राजेंद्र कॉलेज, छपरा

वही ममता कुमारी ने भी बताया कि कॉलेज में मेरे पति दैनिक मजदूरी के रूप में काम करते थे लेकिन बाद के दिनों में लंबी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी उनके स्थान पर मुझें बहाल किया गया था लेकिन जेपीयू के कुलपति द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर हटा दिया गया था और कॉलेज में जाने से भी रोक दिया गया था.

Byte:-ममता कुमारी, सामांजनकर्मी, राजेन्द्र कॉलेज, छपरा




Conclusion:मालूम हो कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं विभिन्न महाविद्यालयों में प्राचार्य द्वारा अनयमित रूप से चतुर्थ व तृतीय वर्ग में नियुक्त कर्मियों को सिंडिकेट ने विधान परिषद के निर्देश पर तत्कालीन विधान पार्षद डा. महाचंद्र प्रसाद सिंह के अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी उसके रिपोर्ट के आधार पर इन कर्मियों का सामंजन राज्य सरकार ने वेतन मिलने के प्रत्याशा में किया था. सामंजन कर्मियों ने सिडिकेंट के निर्णय को लागू करने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ वाद दाखिल किया था, जिसमें सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया हैं. हालांकि इस खुशी में कई परिवार शामिल नही हुई हैं क्योंकि सामंजन के आशा में कई कर्मियों की मौत हो गई हैं तो कई कर्मी सेवानिवृत भी हो गए है.


Byte:-वॉक थ्रू
नवींन कुमार, सामांजनकर्मी, राजेन्द्र कॉलेज, छपरा


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