छपरा: बिहार के छपरा में एकमा के माने रेलवे क्रांसिग के पास पिछले दिनों हुए ट्रक और बरात की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था. इसमें घायल सिवान जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के दिघवलिया गांव के इंद्रासन भगत की गंभीर स्थिति को देखते हुए छपरा सदर अस्पताल (Chapra Sadar Hospital) में भर्ती कराया गया. वहां से उन्हें पटना रेफर कर दिया. अब उनके परिजनों का आरोप है कि सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण छपरा सदर अस्पताल के दलालों ने उन्हें प्राइवेट नर्सिंग होम में पहुंचा दिया. ऐसे में सिर्फ 24 घंटे में जांच के नाम पर परिजनों से 40 से ₹50हजार रुपया ले लिया गया.
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निजी नर्सिंग होम से निकलकर सदर अस्पताल भागे घायलः घटना के तीन दिन बाद घायल के परिजन निजी अस्पताल और सदर अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगा रहे हैं कि सदर अस्पताल से जबरदस्ती निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया जाता है और वहां भारी भरकम राशि वसूली जाती है. इंद्रासन भगत परिजन जितेंद्र कुमार ने बताया कि तीन अन्य मरीजों को भी दलालों ने जबरन छपरा के प्राइवेट स्पर्श हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. इन लोगों ने जब पैसा देने में असमर्थता जताई तो प्राइवेट नर्सिंग होम के लोग इन्हें छोड़ नहीं रहे थे. तब लोग सिटी स्कैन के बहाने उस नर्सिंग होम से निकले और छपरा सदर अस्पताल पहुंचे.
निजी नर्सिंग होम वाले पुलिस के साथ सदर अस्पताल पहुंचेः इस बात की जानकारी नर्सिंग होम वालों को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. हमारे मरीज को जबरन कहीं और भेजा जा रहा है. तब सदर अस्पताल पहुंचे पुलिस ने इन मरीजों को नर्सिंग होम जाने के लिए कहा बाद में मरीजों और परिजनों के विरोध के बाद पुलिस ने सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद इन मरीजों की स्थिति को देखते हुए तुरंत पटना के लिए भेजा. इस मामले में सदर अस्पताल प्रबंधन से बात नहीं हो सकी है.
पुलिस ने सभी मरीजों को पीएमसीएच भेजाः अब सभी पीएमसीएच पटना पहुंच चुके हैं. परिजनों ने आरोप लगाया है कि सदर अस्पताल में दलालों की मनमर्जी चलती है और गंभीर अवस्था में आए रोगी को यह लोग जबरदस्ती रेफर करा देते हैं और छपरा और पटना के प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर चले जाते हैं. इसको लेकर कई बार दलालों और मरीजों के परिजनों के बीच झड़प भी हो चुकी है, लेकिन छपरा के सदर अस्पताल इन दलालों के रोकथाम के लिए न तो अस्पताल प्रशासन या पुलिस प्रशासन कोई ठोस कारवाई करता है.
"तीन अन्य मरीजों को भी दलालों ने जबरन छपरा के प्राइवेट स्पर्श हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. इन लोगों ने जब पैसा देने में असमर्थता जताई तो प्राइवेट नर्सिंग होम के लोग इन्हें छोड़ नहीं रहे थे. तब लोग सिटी स्कैन के बहाने उस नर्सिंग होम से निकले और छपरा सदर अस्पताल पहुंचे. दर अस्पताल में दलालों की मनमर्जी चलती है और गंभीर अवस्था में आए रोगी को यह लोग जबरदस्ती रेफर करा देते हैं और छपरा के प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर चले जाते हैं"- जीतेंद्र कुमार, घायल के परिजन