पटना : पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर रेमडिसिवर इंजेक्शन में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए बिहार सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर किस आधार पर 3 दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने कई निजी अस्पतालों को सैकड़ों इंजेक्शन को अलॉट कर दिया गया. वहीं पप्पू यादव ने बिहार के सरकारी अस्पतालों में 3 महीने के लिए बहाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपदा के वक्त अपना चेहरा चमकाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी देने की मांग
पप्पू यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आपदा की घड़ी में अपनी इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए. पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार उन्हें 3 महीने के लिए स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दे दें तो वह इस संकट की घड़ी में सिस्टम को दुरुस्त करने का हर संभव प्रयास करेंगे. अगर बिहार सरकार उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दे दे तो संक्रमित लोगों के लिए एंबुलेंस को फ्री कर दिया जाएगा.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर साधा निशाना
पप्पू यादव ने कहा कि पिछले 3 साल से बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की बहाली नहीं हुई है. यह बिहार के लिए दुर्भाग्य है. देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा था देश से यह महामारी अब खत्म हो चुकी है. कोरोना को समाप्त करने के लिए कोरोनिल की दवा जिसे पतंजलि ने बनाया था उसे लेने की सलाह दी थी. जब उन्होंने फरवरी माह में ही संक्रमण के खत्म होने की बातें देश की जनता से कही थी तो आखिरकार फिर संक्रमण कैसे उत्पन्न हो गया
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बैंक कर्मियों को क्यों किया जा रहा तबादला
वहीं दूसरी ओर पप्पू यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हाल में ही अपना बयान दिया था कि इस संक्रमण के दौर पर किसी भी कीमत पर किसी भी अधिकारी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं की जाएगी. बावजूद इसके कई बैंकों के कर्मियों को एक से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा है.
लोगों का बीमा कराये सरकार
पप्पू यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जब राजस्थान सरकार लोगों की मदद के लिए घर-घर दवाई पहुंचा सकती है, तो बिहार सरकार इस तरह के कदम उठाने से परहेज क्यों कर रही है. उन्होंने कहा कि जन अधिकार पार्टी बिहार सरकार से मांग करती है कि राजस्थान के तर्ज पर बिहार के एक व्यक्ति को 5 लाख स्वास्थ्य बीमा राज्य सरकार करवाए.