छपरा, सारण: बिहार के छपरा में पिछले दो दिनों में 2 होमगार्ड के जवानों की मौत के बाद होमगार्ड (Resentment among home guard jawans in Chhapra) जवानों में काफी आक्रोश है. सोमवार को सभी होमगार्ड जवानों ने एक गेट मीटिंग की. पटना से आए केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्यों ने कहा कि परिजनों को 20-20 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हमें मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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होमगार्ड जवान को ट्रैक्टर ने मार दी थी टक्कर: सारण जिले में ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात एक होमगार्ड जवान को जिसकी ड्यूटी आरा छपरा कुंवर सिंह सेतु पर थी. डियूटी के दौरान एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने होमगार्ड के जवान को ठोकर मार दिया. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय नागरिकों और पुलिस के सहयोग से उन्हें छपरा सदर अस्पताल भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
"दोनों घटनाओं में हमारे साथियों की मौत हुई है. जिसमें हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि दोनों मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. अन्यथा हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे." - कन्हैया राय उर्फ झलक बाबा, केंद्रीय समिति पटना
कैदियों ने चाकू घोंप कर मार डाला : दूसरी घटना बाल गृह के कुछ उत्तेजित कैदियों ने ड्यूटी पर कार्य होमगार्ड जवान की चाकू घोप कर हत्या कर दी थी. कैदियों ने होमगार्ड की हत्या क्यों कि अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है.
होमगार्ड कार्यालय में आपात बैठक : उक्त दोनों घटना के बाद होमगार्ड जवानों में काफी आक्रोश है. सभी होमगार्ड जवान आज छपरा स्थित अपने कार्यालय में पर एक आपात बैठक की. जिसमें पटना से आए केंद्रीय प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि उपरोक्त दोनों घटनाओं में हमारे साथियों की मौत हुई है. जिसमें हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि दोनों मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. अन्यथा हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.