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सारण के लोगों को मिलेगी 3 हजार करोड़ की योजना की सौगात, जल्द तैयार होगा DPR

सारण जिलावासियों को जल्द ही 3 हजार करोड़ रुपये योजना की सौगात मिलने जा रही है. जिसे लेकर एक डीपीआर भी तैयार किया जा रहा है. जल्द ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

लर
िूलपरबू
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Published : Oct 14, 2021, 9:26 AM IST

सारण (छपरा): बिहार के सारण जिले के लोगों को अब जल्द ही एक नई योजना का लाभ मिलने जा रहा है. किसानों और आम लोगों के हित में एक बड़ी योजना पर कार्य किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले छह महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा. सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी (MP Rajeev Pratap Rudy) ने बताया कि सिंचाई, कैनाल, नदियों को जोड़ने समेत एक डीपीआर (DPR) तैयार किया गया है. इस डीपीआर को लेकर पिछले ढाई सालों से कार्य किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: बिहार के 'द कैनाल मैन' जुटे इस मिशन में, जानिए क्या है लक्ष्य

सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि नेपाल से मिलने वाले पानी पर सारण जिले के लोगों का पूरा अधिकार है, लेकिन यह पानी लोगों तक नहीं पहुंच पाता है. जिसे लेकर पिछले ढाई सालों से इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की जा रही है. इसीलिए अब एक डीपीआर तैयार किया जा रहा है. इसे तैयार करने को लेकर सारण क्षेत्र में विभागीय अधिकारी और अभियंताओं के साथ सर्वे का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: बेतिया: त्रिवेणी कैनाल का बांध टूटने से लोगों में दहशत, वीडियो वायरल कर प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

इस योजना पर लगभग 3 हजार करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान लगाया गया है. सांसद ने कहा कि पूरे सारण में बड़ी नहरें, छोटी नहरें, छोटी नदियां और कैनाल को एक दूसरे से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. सभी नहरों, नदियों व केनालों की साफ-सफाई की जाएगी. जिससे लोगों के बीच पानी की समस्या न हो सके.

इससे किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए किसी तरह की समस्या नहीं होगी. वहीं, मही और डबरा नदी सहित सभी नदियों का कायाकल्प किया जाएगा. जिन नदियों में वर्षों से गंदगी जमा हो गई है और जो नदियां अतिक्रमण का शिकार हो गई हैं, इस सबसे इन नदियों को निजात मिलेगी. इसके साथ ही सारण क्षेत्र के विभिन्न चंवरों में हो रहे जल-जमाव से भी निजात मिल सकेगी.

बता दें कि नेपाल में भारी बारिश होने के बाद बैराज का गेट खोल दिया जाता है. जिसके कारण सबसे ज्यादा बाढ़ से तबाही सारण जिले में होती है. सारण जिले का आधे से ज्यादा प्रखंड बाढ़ का कहर झेलता है. लाखों की आबादी पर इसका असर होता है और उनका घर, द्वार, खेत-खलिहान सब पानी में डूब जाते हैं. वहीं, जब सूखे की स्थिति होती है, तो सारण जिले के अधिक से अधिक किसान कैनाल से मिलने वाले इस पानी से वंचित रह जाते हैं.

'बिहार के सारण जिले में गंडक कैनाल का पानी नहीं पहुंच पाता है. जिसको लेकर एक डीपीआर तैयार किया जा रहा है. नेपाल से आने वाला पानी उत्तर प्रदेश से होते हुए गंडक पहुंचता है. यह पानी सभी नदियों में प्रर्याप्त मात्रा में आ सके जिसके लिए तैयारियां चल रही है. मुझे उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों सहयोग करेगी. जिससे भविष्य में सारण जिला सिंचाई के मामले में एक मिसाल पेश करेगा.' -राजीव प्रताप रूडी, सांसद

सारण (छपरा): बिहार के सारण जिले के लोगों को अब जल्द ही एक नई योजना का लाभ मिलने जा रहा है. किसानों और आम लोगों के हित में एक बड़ी योजना पर कार्य किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले छह महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा. सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी (MP Rajeev Pratap Rudy) ने बताया कि सिंचाई, कैनाल, नदियों को जोड़ने समेत एक डीपीआर (DPR) तैयार किया गया है. इस डीपीआर को लेकर पिछले ढाई सालों से कार्य किया जा रहा है.

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सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि नेपाल से मिलने वाले पानी पर सारण जिले के लोगों का पूरा अधिकार है, लेकिन यह पानी लोगों तक नहीं पहुंच पाता है. जिसे लेकर पिछले ढाई सालों से इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की जा रही है. इसीलिए अब एक डीपीआर तैयार किया जा रहा है. इसे तैयार करने को लेकर सारण क्षेत्र में विभागीय अधिकारी और अभियंताओं के साथ सर्वे का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

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इस योजना पर लगभग 3 हजार करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान लगाया गया है. सांसद ने कहा कि पूरे सारण में बड़ी नहरें, छोटी नहरें, छोटी नदियां और कैनाल को एक दूसरे से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. सभी नहरों, नदियों व केनालों की साफ-सफाई की जाएगी. जिससे लोगों के बीच पानी की समस्या न हो सके.

इससे किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए किसी तरह की समस्या नहीं होगी. वहीं, मही और डबरा नदी सहित सभी नदियों का कायाकल्प किया जाएगा. जिन नदियों में वर्षों से गंदगी जमा हो गई है और जो नदियां अतिक्रमण का शिकार हो गई हैं, इस सबसे इन नदियों को निजात मिलेगी. इसके साथ ही सारण क्षेत्र के विभिन्न चंवरों में हो रहे जल-जमाव से भी निजात मिल सकेगी.

बता दें कि नेपाल में भारी बारिश होने के बाद बैराज का गेट खोल दिया जाता है. जिसके कारण सबसे ज्यादा बाढ़ से तबाही सारण जिले में होती है. सारण जिले का आधे से ज्यादा प्रखंड बाढ़ का कहर झेलता है. लाखों की आबादी पर इसका असर होता है और उनका घर, द्वार, खेत-खलिहान सब पानी में डूब जाते हैं. वहीं, जब सूखे की स्थिति होती है, तो सारण जिले के अधिक से अधिक किसान कैनाल से मिलने वाले इस पानी से वंचित रह जाते हैं.

'बिहार के सारण जिले में गंडक कैनाल का पानी नहीं पहुंच पाता है. जिसको लेकर एक डीपीआर तैयार किया जा रहा है. नेपाल से आने वाला पानी उत्तर प्रदेश से होते हुए गंडक पहुंचता है. यह पानी सभी नदियों में प्रर्याप्त मात्रा में आ सके जिसके लिए तैयारियां चल रही है. मुझे उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों सहयोग करेगी. जिससे भविष्य में सारण जिला सिंचाई के मामले में एक मिसाल पेश करेगा.' -राजीव प्रताप रूडी, सांसद

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