सारण: कोरोना संक्रमण काल में बड़ी संख्या में प्रदेश से बाहर रहने वाले प्रवासियों का बिहार आना लगातार जारी है. दूसरी ओर बिहार सरकार के सामने प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इसी क्रम में सोमवार को सारण जिले के मजदूरों का अन्य प्रदेशों में पलायन शुरू हो गया.
बिहार सरकार और जिला प्रशासन के लाख आश्वासन के बावजूद बिहार के प्रवासियों का पलायन फिर शुरू हो गया है. बिहार के कई जिलों में उद्योग-धंधे नही हैं. हालांकि, मरहौरा अनुमंडल में कभी कानपुर शुगर वर्क्स, सारण इंजीनियरिंग और मार्टन टॉफी कारखाने को लेकर तीन-तीन मिल हुआ करते थे, लेकिन वक्त के साथ सब बंद हो गए. इसी के साथ यह जिला भी उद्योग-धंधा विहीन हो गया.
बिहार से पलायन शुरू
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद सोमवार को एक बार फिर से मजदूरों का अन्य प्रदेशों में पलायन जारी हो गया. बता दें कि अनलॉक में यात्रा में सहुलियत मिलते ही जिले के कामगार अन्य प्रदेशों की ओर रूख करते देखे गए. मामले में मरहौरा से आरजेडी विधायक जितेंद्र राय ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रवासियों के आने से कानून व्यवस्था खराब होने की बात कहने वाली बिहार सरकार रोजगार कहां से देगी.
प्रवासियों की स्थिति बद से बदतर
जितेंद्र राय ने राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि प्रदेश की हालत बहुत खराब हो गई है. जिसने भी इन कारखानों के लिए जमीन दी थी, अब उनको ही रोजगार नहीं मिल रहा है तो प्रवासियों की बात तो दूर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवासियों की स्थिति बद से बदतर है.